'हाथ-पैर बांधकर पुरुषों के बीच बैठाया...', अमेरिका में भारतीय महिला की गिरफ्तारी से दर्द में बेटी

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सख्त प्रवासी नीतियों से अमेरिका में रह रहे भारतीय प्रभावित हो रहे हैं. अमेरिका में पिछले 30 सालों से रह रही 60 वर्षीय बबली कौर को हिरासत में लिया गया है. बबली का ग्रीन कार्ड आवेदन लंबित है और वे बायोमेट्रिक स्कैन के लिए गई थीं जब उन्हें गिरफ्तार किया गया.

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भारतीय महिला बबली कौर को अमेरिका में गिरफ्तार कर लिया गया है (Photo: Instagram) भारतीय महिला बबली कौर को अमेरिका में गिरफ्तार कर लिया गया है (Photo: Instagram)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 16 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 6:48 PM IST

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रवासियों को लेकर जो सख्त नीति अपनाई है, उसकी जद में वैध तरीके से अमेरिका में रह रहे लोग भी आ रहे हैं. ट्रंप की सख्त प्रवासी नीतियों का असर अमेरिका में रह रहे भारतीयों पर भी हुआ. इसका ताजा उदाहरण हैं 60 साल की भारतीय महिला बबली कौर, जो 1994 से अमेरिका में रह रही हैं.

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बबली कौर कैलिफोर्निया के लॉन्ग बीच में ग्रीन कार्ड इंटरव्यू के लिए गई थीं लेकिन अमेरिकी इमिग्रेशन एजेंसी US Immigration and Customs Enforcement (ICE) ने उन्हें हिरासत में ले लिया. यह जानकारी Long Beach Watchdog की एक रिपोर्ट में सामने आई है.

रिपोर्ट के मुताबिक, बबली कौर का ग्रीन कार्ड आवेदन लंबित है हालांकि, यह अंतिम चरण में है. वो ग्रीन कार्ड आवेदन के लिए बायोमेट्रिक स्कैन अपॉइंटमेंट के लिए गई थी और फेडरल एजेंट्स ने उन्हें गिरफ्तार किया. यह जानकारी उनकी बेटी जोती ने दी.

बबली कौर के पास उनकी दूसरी बेटी (जो अमेरिकी नागरिक हैं) की ओर से स्वीकृत ग्रीन कार्ड याचिका है. उनके पति के पास भी ग्रीन कार्ड है.

परिवार को घंटों तक नहीं बताया गया कि कहां हैं बबली कौर

जोती ने बताया कि 1 दिसंबर को उनकी मां अमेरिकी इमिग्रेशन एजेंसी के कार्यालय के फ्रंट डेस्क पर बैठी थीं, तभी कई फेडरल एजेंट आए. इसके बाद कौर को उसी कमरे में बुलाया गया जहां एजेंट मौजूद थे और उन्हें बताया गया कि उन्हें गिरफ्तार किया जा रहा है.

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कौर ने तब अपने वकील से बात करने की इजाजत मांगी, इजाजत तो मिली लेकिन उन्हें हिरासत में ही रखा गया. कई घंटों तक परिवार को यह जानकारी नहीं दी गई कि कौर को कहां ले जाया गया है. बाद में परिवार को पता चला कि उन्हें रातों-रात एडेलांटो स्थानांतरित कर दिया गया, जो पहले एक फेडरल जेल थी और अब ICE का डिटेंशन सेंटर है.

'हाथ-पैर में बेड़ियां बांध पुरुषों के बीच बैठा दिया गया'

बबली कौर और उनके पति के तीन बच्चे हैं- 34 वर्षीय जोती, जिनके पास Deferred Action for Childhood Arrivals (DACA) के तहत कानूनी दर्जा है, जबकि उनके बड़े बेटे और बेटी दोनों अमेरिकी नागरिक हैं.

जोती ने अपनी मां के साथ हुई इस घटना को 'एक डरावना सपना' बताया. जोती ने लॉन्ग बीच वॉचडॉग से कहा, 'वो बहुत डरी हुई थीं. उन्हें हाथ-पैरों में बेड़ियां डालकर पुरुषों से भरी एक वैन में बैठा दिया गया.'

रिपोर्ट के मुताबिक, कोविड-19 महामारी से पहले बबली कौर अपने पति के साथ 'नटराज क्यूजीन ऑफ इंडिया एंड नेपाल' नामक रेस्तरां चलाती थीं. बताया गया है कि बबली कौर का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है.

इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए लॉन्ग बीच से डेमोक्रेटिक सांसद रॉबर्ट गर्सिया ने कहा, 'हम बबली के परिवार के संपर्क में हैं. हम उन्हें सुरक्षित घर लाने के लिए हर संभव कोशिश करेंगे. इस तरह की भयावह कार्रवाइयां उन मेहनती और अच्छे लोगों को डराती हैं, जो हमारे समुदाय को बेहतर बनाने की कोशिश कर रहे हैं. प्लीज आवाज उठाएं, उनकी कहानी बताते रहें. हमें लड़ना होगा और यह सुनिश्चित करने के लिए हर कोशिश करनी होगी कि वो आजाद हों.'

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