'वैश्विक स्तर पर अमेरिकी ब्रांड गर्त में है...', US के पूर्व NSA जेक सुलिवन ने की भारत पर ट्रंप के टैरिफ की आलोचना

टिम मिलर के साथ द बुलवार्क पॉडकास्ट पर बोलते हुए जेक सुलिवन ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्यापारिक नीतियों की जमकर आलोचना की. सुलिवन ने कहा कि कई अमेरिकी सहयोगी और साझेदार अब अमेरिका को भरोसेमंद साथी के बजाय परेशानी खड़ी करने वाला देश मानने लगे हैं.

Advertisement
अमेरिका के पूर्व एनएसए सुलिवन ने कहा कि चीन की लोकप्रियता बढ़ रही है (File Photo- ITG) अमेरिका के पूर्व एनएसए सुलिवन ने कहा कि चीन की लोकप्रियता बढ़ रही है (File Photo- ITG)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 30 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 7:19 AM IST

अमेरिका और भारत के बीच हाल के दिनों में बढ़ते तनाव पर अब पूर्व अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन का तीखा बयान सामने आया है. सुलिवन ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्यापारिक नीतियों की जमकर आलोचना करते हुए कहा कि भारत के खिलाफ ट्रंप द्वारा लागू किए गए भारी-भरकम टैरिफ न केवल दोनों देशों के संबंधों को कमजोर कर रहे हैं बल्कि इस कदम से भारत चीन के करीब भी जा रहा है.

Advertisement

टिम मिलर के साथ द बुलवार्क पॉडकास्ट पर बोलते हुए जेक सुलिवन ने कहा कि कई अमेरिकी सहयोगी और साझेदार अब अमेरिका को भरोसेमंद साथी के बजाय परेशानी खड़ी करने वाला देश मानने लगे हैं, जबकि चीन की लोकप्रियता बढ़ रही है.

उन्होंने भारत का उदाहरण देते हुए कहा कि अमेरिका दोनों दलों की सहमति से (डेमोक्रेट और रिपब्लिकन) भारत के साथ संबंध मजबूत करना चाहता था, खासकर चीन को लेकर. लेकिन ट्रंप के टैरिफ फैसले ने हालात बिगाड़ दिए और भारत को मजबूर किया कि वह चीन से बातचीत करे.

सुलिवन ने कहा, "वैश्विक स्तर पर अमेरिकी ब्रांड गर्त में है. भारत को ही देख लीजिए. ट्रंप ने उनके खिलाफ एक बड़ा व्यापारिक हमला किया है. अब भारत सोच रहा है कि अमेरिका से निपटने के लिए हमें चीन के साथ बातचीत करनी होगी."

Advertisement

यह बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिका ने हाल ही में भारत के निर्यात पर 50% का भारी टैरिफ लगा दिया है, जो किसी भी देश पर लगाया गया सबसे बड़ा टैक्स है. इससे भारत के कपड़ा, ज्वैलरी और मशीनरी जैसे सेक्टरों को नुकसान पहुंचने और नौकरियों पर असर पड़ने की आशंका है.

ट्रंप ने इस अतिरिक्त 25% टैरिफ का कारण भारत द्वारा रूसी तेल की खरीद को बताया है. लेकिन निवेश कंपनी जेफरीज की एक रिपोर्ट के मुताबिक असली वजह यह है कि भारत ने इस साल की शुरुआत में ट्रंप को भारत-पाकिस्तान विवाद में मध्यस्थता करने का मौका नहीं दिया. इसके अलावा कृषि व्यापार भी दोनों देशों के बीच टकराव का एक बड़ा कारण बताया जा रहा है.

सुलिवन के अनुसार, इस तरह की नीतियां अमेरिका की उस कोशिश को कमजोर करती हैं, जिसके तहत वह भारत के साथ लंबे समय तक चलने वाली रणनीतिक साझेदारी बनाना चाहता था. उन्होंने कहा, “हम भारत के साथ गहरे और स्थायी रिश्ते बनाना चाहते थे, लेकिन इन टैरिफ के कारण भारत अब चीन के साथ नजदीकी बढ़ाने को मजबूर हो गया है.”

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement