कौन है कुख्यात रणपरिया, जिसके प्रत्यर्पण को ब्रिटिश कोर्ट ने दी मंजूरी, वकील की हत्या कर भागा था लंदन

ब्रिटेन की एक अदालत ने हत्या से जुड़े षड्यंत्रों और जमीनी कब्जाने के मामले में भारत में वांछित जयसुख रणपरिया (Jayesh Ranpariya) के प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है.अदालत ने फैसले पर हस्ताक्षर करने के लिए मामले को गृह सचिव सुएला ब्रेवरमैन के पास भेज दिया है.

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रणपारिया कई मामलों में था वांछित (प्रतीकात्मक तस्वीर) रणपारिया कई मामलों में था वांछित (प्रतीकात्मक तस्वीर)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 31 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 8:08 AM IST

ब्रिटेन की एक अदालत ने गुरुवार को कुख्यात भूमाफिया, वकील की हत्या का आरोपी और कई आपराधिक मामलों में वांछित जयसुख रणपरिया (Jayesh Ranpariya) के प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है. कोर्ट ने फैसले पर हस्ताक्षर करने के लिए मामले को  ब्रिटेन के गृह सचिव सुएला ब्रेवरमन को भेज दिया है. लंदन में डिस्ट्रिक्ट जज सारा-जेन ग्रिफिथ्स ने वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट में अपना फैसला सुनाया. कई दौर तक चली इस मामले की सुनवाई पिछले साल दिसंबर में खत्म हुई थी.

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कौन है रणपरिया
रणपरिया ने अप्रैल 2018 में अभियोजन पक्ष के वकील किरीट जोशी की तीन करोड़ रुपये की सुपारी देकर हत्या करवा दी थी. इस हत्याकांड के बाद वह फरार हो गया था और भारत में वांछित था. इस मामले में सुपारी देकर तीन लोगों की हत्या की जानी थी जिसमें किरीट जोशी की मौत हो गई थी जबकि अन्य बच गए थे.

जमीनों पर कब्जा

रणपरिया गुजरात में एक भू-माफिया भी रहा है जिस पर लोगों की जमीन कब्जाने के आरोप हैं. अदालती दस्तावेजों के अनुसार, रणपरिया झूठे दस्तावेज़ों के माध्यम से दूसरों के स्वामित्व वाली भूमि पर कब्जा करना चाहता था और अपने प्रतिद्वंद्वियों द्वारा बेची जा रही भूमि के अधिग्रहण को रोकना चाहता था.  इसके लिए उसने फिर अपराध का रास्ता चुना.

अदालत को बताया गया कि मार्च 2021 में लंदन में रणपरिया की गिरफ्तारी के समय उसके पास कई फर्जी पहचान दस्तावेज और बैंक कार्ड बरामद हुए थे.  गुजरात पुलिस डोजियर के अनुसार, जयसुख रणपरिया पर हत्या, जबरन वसूली, धोखाधड़ी, जालसाजी और मनी लॉन्ड्रिंग सहित 42 आपराधिक मामले दर्ज हैं.

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क्या कहा कोर्ट ने

जज, जेन ने दो साल तक चली सुनवाई  का जिक्र करते हुए इसे बेहद चुनौतीपूर्ण बताया और कहा कि प्रत्यर्पण अनुरोध में प्रथम दृष्टया मामला स्थापित करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं. उन्होंने कहा, 'मैं आवश्यक मानकों से संतुष्ट हूं कि प्रत्यर्पण अनुरोध में प्रथम दृष्टया मामला स्थापित करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं. इस मामले में प्रत्यर्पण प्रक्रिया के दुरुपयोग का कोई मामला नहीं है. 2003 के प्रत्यर्पण अधिनियम की धारा 87(3) के प्रावधान के अनुसार मैं इस मामले को देश के गृह सचिव को भेज रही हूं कि क्या प्रतिवादी को प्रत्यर्पित किया जाना है.'

जयेश पटेल के नाम से भी है मशहूर

भारत के प्रत्यर्पण अनुरोध के अनुसार, रणपरिया, जिसे जयेश पटेल के नाम से भी जाना जाता है, वह चार संबंधित साजिशों के लिए वांछित है. रणपरिया पर गुजरात के जामनगर में भूखंडों की बिक्री और इससे जुड़े व्यक्तियों के पैसे या संपत्ति को हड़पने, उनकी हत्या की साजिश रचने का आरोप है. अधिकतर मामलों में वह जमीन घोटालों में शामिल रहा.

प्रत्यर्पण की कार्यवाही 2018 और 2021 के बीच हुई हत्या और साजिश, या हत्या के प्रयास के आरोपों पर केंद्रित रही.अदालत ने अपने फैसले में कहा, 'प्रत्येक मामले में, प्रतिवादी (रणपरिया) पर आरोप है कि उसने विशिष्ट व्यक्तियों को मारने के लिए सुपारी दी थी और शूटर भेजे. जज ने कहा कि उन्हें रणपरिया के खिलाफ लगे आरोपों के संबंध में प्रथम दृष्टया मामला स्थापित करने के लिए "पर्याप्त सबूत" मिले हैं.

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