आम चुनाव में मिली शानदार जीत के बाद ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने शुक्रवार को अपनी कैबिनेट का ऐलान कर दिया. उत्तर-पश्चिम इंग्लैंड के विगन संसदीय क्षेत्र से एक बार फिर भारी मतों से चुनाव जीतने वाली भारतीय मूल की लिसा नंदी को स्टारमर ने अहम जिम्मेदारी देते हुए उन्हें संस्कृति, मीडिया और खेल मंत्री बनाया है.
44 वर्षीय लीसा नंदी जनवरी 2020 में लेबर पार्टी के अध्यक्ष पद के लिए हुए चुनावों में अंतिम 3 दावेदारों में से एक थीं, जहां उनका मुकाबला स्टारमर और एक अन्य उम्मीदवार से था, तब से उनकी शैडो कैबिनेट में सेवा कर रही हैं. वह अब लुसी फ्रेजर से संस्कृति मंत्रालय का कार्यभार ग्रहण करेंगी जो ऋषि सुनक की उन मंत्रियों में शामिल थीं जिन्हें चुनाव में हार का सामना करना पड़ा.
चुनाव जीतने के बाद दिया था ये भाषण
चुनाव जीतने के बाद शुक्रवार को ग्रेटर मैनचेस्टर निर्वाचन क्षेत्र में एक जनसभा को संबोधित करते हुए नंदी ने कहा, 'जो लोग घिनौनी, घृणास्पद, नस्लवादी राजनीति करते हैं, ऐसे लोगों को मैं कहना चाहती हूं कि विगन का इतिहास वर्किंग क्लास के लोगों से जुड़ा हुआ है जिन्होंने 100 सालों से आपको और आपकी नफरत को हमारे शहर से बार-बार उखाड़ फेंका है.'
उन्होंने आगे कहा, "इस चुनाव परिणाम को अपने मार्चिंग ऑर्डर के रूप में लें. हम आपसे बेहतर शहर हैं. आपका यहां स्वागत नहीं है. आप अपनी घिनौनी विभाजनकारी बयानबाजी कहीं और कर सकते हैं क्योंकि हमें काम करना है."
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कलकत्ता के रहने वाले शिक्षाविद दीपक नंदी और ब्रिटिश मां की मैनचेस्टर में जन्मी बेटी नंदी अतीत में लेबर पार्टी के कार्यक्रमों के दौरान अपनी भारतीय विरासत के बारे में बात करती रही हैं. उनके पिता ब्रिटेन में नस्ल संबंधों के क्षेत्र में अपने काम के लिए जाने जाते थे.
जब किया था भारत का जिक्र
कुछ साल पहले उन्होंने ब्राइटन में आयोजित पार्टी के एक कार्यक्रम के दौरान कहा था, "दोस्तों, हम आज एक ऐसे शहर में मिल रहे हैं जो प्रवासियों से बसा एक ऐसा द्वीप है जो समुद्र की तरफ देखता है. मेरे पिता 50 के दशक में भारत से यहां आए थे और नस्ल संबंधी अधिनियम बनाने के संघर्ष के माध्यम से हमारी राष्ट्रीय कहानी को गढ़ने में मदद की. एक ऐसा देश जो हमें सिर आंखों पर इसलिए बैठाता है ताकि हम यह देख सकें कि कैसे दुनिया भर में लोगों के जीवन में बदलाव लाया जा सकता है.'
महात्मा गांधी के नेतृत्व में भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन का जिक्र करते हुए कहा कि कैसे एक सदी पहले मेरे परिवार की जड़ें एक साथ पिरोई गई थीं, जब कपास आना बंद हो गया तो मिलों का चलना बंद हो गया था. मजदूर भूखे रह गए थे. मेरे परिवार के सदस्य उन मिलों में काम करते थे और वह लंकाशायर में गांधी का स्वागत करने वालों में से थे... एकजुटता में ताकत होती है. हमारा संघर्ष एक ही है.' यह बात उन्होंने 1931 में गांधीजी की लंकाशायर की प्रसिद्ध यात्रा के संदर्भ में कही, जहां उन्होंने कठिनाई का सामना कर रहे मिल मजदूरों से मुलाकात की थी.
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लेबर पार्टी को मिली है बंपर जीत
आपको बता दें कि ब्रिटेन के आम चुनावों में की स्टार्मर की लेबर पार्टी ने प्रचंड जीत हासिल की है. 14 साल विपक्ष में बैठने के बाद लेबर पार्टी की सत्ता में वापसी हुई है. हाउस ऑफ कॉमंस की 650 सीटों के लिए हुए चुनाव में कीर स्टार्मर की अगुवाई में चुनाव मैदान में उतरी मुख्य विपक्षी पार्टी लेबर पार्टी को 410 सीटों पर जीत मिली हैं.
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