इजरायल से संघर्ष के बीच ईरान में भूकंप के दो झटकों से दहशत, क्या परमाणु गतिविधियों से है इसका संबंध?

ऐसे समय में जब इजरायल और ईरान के बीच तनाव चरम पर है,इन भूकंपों के समय ने कई सवाल खड़े किए हैं. सैटेलाइट तस्वीरों से पता चला है कि इजरायली हमलों से नतांज और फोर्डो जैसे परमाणु ठिकानों को नुकसान पहुंचा है.

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इजरायल के हमलों के बीच ईरान में भूकंप (प्रतीकात्मक तस्वीर) इजरायल के हमलों के बीच ईरान में भूकंप (प्रतीकात्मक तस्वीर)

कुमार कुणाल

  • नई दिल्ली,
  • 21 जून 2025,
  • अपडेटेड 1:39 PM IST

ईरान और इजरायल में जारी सैन्य तनाव के बीच ईरान में आए लगातार दो भूकंपों ने नया संदेह खड़ा कर दिया है. शुक्रवार शाम 9:19 बजे ईरान के सेमनान प्रांत में 5.1 तीव्रता का भूकंप आया. यह झटका 10 किमी की गहराई पर था, जिससे तेहरान समेत कई इलाकों में झटके महसूस किए गए. इससे पहले, 15 जून को फोर्डो के पास 2.5 तीव्रता का हल्का भूकंप भी दर्ज किया गया था, जो कथित तौर पर इजरायली हवाई हमलों के बाद आया.

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इन दोनों भूकंपों के समय और जगहों ने परमाणु गतिविधियों को लेकर चल रही अटकलों को और बल दे दिया. खासकर तब, जब नतांज़, इस्फहान और फोर्डो जैसे परमाणु ठिकानों पर इजरायली हमलों की खबरें सामने आईं और सैटेलाइट तस्वीरों में नुकसान के संकेत मिले.

हालांकि, विशेषज्ञ मानते हैं कि ईरान Alpine-Himalayan Seismic Belt पर स्थित है और वहां हर साल औसतन 2,000 से अधिक भूकंप आते हैं, जिनमें 15-16 भूकंप की तीव्रता 5 या उससे अधिक होती है. 2006 से 2015 के बीच, ईरान में 96,000 से अधिक भूकंप के झटके महसूस किए गए थे.

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क्या परमाणु परीक्षण से आता है ऐसा भूकंप?
USGS और CTBTO जैसे संगठनों के मुताबिक, परमाणु विस्फोट, भूकंपीय तनाव को ट्रिगर कर भूकंप पैदा कर सकते हैं, लेकिन ये आमतौर पर विस्फोट से कम तीव्रता के होते हैं और कुछ किलोमीटर के दायरे तक सीमित रहते हैं. प्राकृतिक भूकंप में P-वेव और S-वेव दोनों होते हैं, जबकि न्यूक्लियर ब्लास्ट मुख्यतः P-वेव उत्पन्न करता है.

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बार्कले सिस्मोलॉजी लैब और नेशनल जियोग्राफिक के अनुसार, भूकंपीय तरंगों के विश्लेषण से दोनों के बीच अंतर किया जा सकता है. सीटीबीटीओ और स्वतंत्र भूकंप विशेषज्ञों का विश्लेषण दर्शाता है कि सेमनान और फोर्डो के भूकंप प्राकृतिक भूकंपीय गतिविधियों के अनुरूप हैं. भारत-पाकिस्तान तनाव के दौरान भी इसी तरह की अफवाहें उड़ी थीं, लेकिन इंडिया टुडे ने सिस्मोग्राफिक साक्ष्यों के आधार पर इन्हें खारिज किया था.

निष्कर्ष

ईरान के भूकंपों का परमाणु परीक्षण या सैन्य गतिविधियों से कोई ठोस संबंध नहीं दिखता. क्षेत्र की उच्च भूकंपीय सक्रियता और विशेषज्ञ विश्लेषण प्राकृतिक कारणों की पुष्टि करते हैं. लेकिन तनाव वाले इलाकों में, जहां अफवाहें सच्चाई की तुलना में तेजी से फैलती हैं, वहां सतर्क निगरानी और वैज्ञानिक विश्लेषण बेहद जरूरी है.

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