भारत से टेंशन के बीच तुर्की पहुंचे पाकिस्तानी PM शहबाज शरीफ... एर्दोगन से मुलाकात कर इन मुद्दों पर की बात

आतंकवाद पर भारत के एक्शन के बाद अब पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ चार देशों तुर्की, ईरान, अजरबैजान और ताजिकिस्तान के दौरे पर हैं, जो 25 मई से 30 मई 2025 तक चलेगा. इस दौरान उन्होंने तुर्की के राष्ट्रपति के साथ द्विपक्षीय संबंधों को और प्रगाढ़ करने पर जोर दिया.

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पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ ने तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन से मुलाकात की पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ ने तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन से मुलाकात की

प्रणय उपाध्याय

  • नई दिल्ली,
  • 26 मई 2025,
  • अपडेटेड 1:32 AM IST

तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैय्यब एर्दोगन और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री मोहम्मद शहबाज शरीफ के बीच रविवार शाम इस्तांबुल के डोलमाबाहचे वर्किंग ऑफिस में महत्वपूर्ण वार्ता हुई. यह बैठक द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने और क्षेत्रीय-आंतरराष्ट्रीय मसलों पर चर्चा के लिए बंद कमरे में हुई.

जानकारी के मुताबिक यह बैठक हाई लेवल स्ट्रैटेजिक कोऑपरेशन काउंसिल के तहत प्रगति की समीक्षा और नई रणनीतियों के निर्धारण पर केंद्रित थी. उल्लेखनीय है कि पिछली काउंसिल बैठक फरवरी में इस्लामाबाद में आयोजित हुई थी, जिसमें राष्ट्रपति एर्दोगन ने भी भाग लिया था.

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पाकिस्तानी प्रधानमंत्री की चार देशों की यात्रा का हिस्सा

बता दें कि आतंकवाद पर भारत के एक्शन के बाद अब पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ चार देशों तुर्की, ईरान, अजरबैजान और ताजिकिस्तान के दौरे पर हैं, जो 25 मई से 30 मई 2025 तक चलेगा. इस दौरान उन्होंने तुर्की के राष्ट्रपति के साथ द्विपक्षीय संबंधों को और प्रगाढ़ करने पर जोर दिया.

दोनों नेताओं के बीच इन मुद्दों पर हुई बात

दोनों पक्षों ने व्यापारिक मात्रा को 5 अरब डॉलर तक बढ़ाने की प्रतिबद्धता जताई. ऊर्जा, परिवहन और रक्षा क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ाने पर सहमति बनी. आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त प्रयासों पर बल दिया गया, जिसमें प्रशिक्षण, खुफिया साझेदारी और तकनीकी सहयोग शामिल है. 

राष्ट्रपति एर्दोगन ने इस्तांबुल-तेहरान-इस्लामाबाद ट्रेन लाइन की प्रभावशीलता बढ़ाने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया. शिक्षा क्षेत्र को ठोस सहयोग के लिए प्रमुख माना गया. पाकिस्तानी पीएम के साथ फील्ड मार्शल आसिम मुनीर भी मौजूद थे. तुर्की के शीर्ष अधिकारियों, जिनमें विदेश और रक्षा मंत्री शामिल थे, ने भी राष्ट्रपति एर्दोगन का साथ दिया.

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भारत और तुर्की के रिश्तों में आई खटाक

बता दें कि भारत और तुर्की के बीच हाल के दिनों में रिश्तों में खटास आई है, जिसकी प्रमुख वजह तुर्की और पाकिस्तान के बढ़ते सैन्य संबंध हैं. भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष के दौरान 27 अप्रैल को तुर्की का सैन्य विमान C-130 हरक्यूलिस पाकिस्तान पहुंचा, और इसके कुछ ही दिनों बाद 2 मई को तुर्की का युद्धपोत कराची बंदरगाह पर पहुंच गया.

इन घटनाओं ने भारत की चिंताओं को और गहरा कर दिया, खासकर तब जब पाकिस्तान ने भारत के साथ तनाव के दौरान तुर्की निर्मित ड्रोन का इस्तेमाल किया और तुर्की सरकार ने भी पाकिस्तान के समर्थन में बयान दिया. यह सब ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम हमले की पृष्ठभूमि में हुआ, जिससे भारत-तुर्की संबंधों में तनाव और बढ़ गया.

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