विदेशों में लीज पर जमीन लेकर खेती क्यों करने जा रहा तुर्की? ये है प्लान

तुर्की खाद्य संकट को देखते हुए देश के अलावा विदेशों में भी खेती की योजना बना रहा है. दक्षिण अफ्रीका, लैटिन अमेरिका के कई देशों में तुर्की लीज पर जमीन लेकर वहीं गेहूं, सूरजमुखी आदि की खेती करने जा रहा है. इसे लेकर तुर्की ने वेनेजुएला से बात भी कर ली है.

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तुर्की अब विदेशों में भी खेती की योजना पर काम कर रहा है (Photo- Reuters) तुर्की अब विदेशों में भी खेती की योजना पर काम कर रहा है (Photo- Reuters)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 05 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 9:53 AM IST
  • विदेशों में अब अपनी फसल उपजाएगा तुर्की
  • वेनेजुएला, सुडान सहित 10 देशों में शुरू करेगा योजना
  • लीज पर जमीन लेकर गेहूं, सूरजमुखी आदि फसलों की होगी खेती

खाद्यान्नों की बढ़ती कीमतें और गेहूं की वैश्विक किल्लत का तुर्की पर काफी असर पड़ा है. खाद्यान्नों की कमी को पूरा करने के लिए तुर्की अब देश के अलावा विदेशों में भी कृषि की योजना पर काम कर रहा है. तुर्की अपने कृषि उत्पादन को बढ़ाने के लिए अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के कई देशों में खेती की जमीन को लीज पर लेने की योजना बना रहा है. तुर्की के अधिकारी वेनेजुएला और सूडान के अलावा 10 देशों में कृषि के अवसर तलाश रहे हैं.

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तुर्की के अखबार की एक रिपोर्ट के मुताबिक, तुर्की के कृषि और वन्य मंत्री वाहित किरिस्की ने हाल ही में सांसदों के साथ कृषि की इस योजना पर चर्चा की है. किरिस्की ने सांसदों से कहा कि तुर्की में जितना कृषि उत्पादन होता है, उससे उसकी घरेलू जरूरतें ही पूरी हो पाती हैं. तुर्की अधिक कृषि उत्पादन कर विदेशी निर्यात को बढ़ाना चाहता है इसलिए विदेशों में कृषि की ये एक जरूरी योजना है.

उन्होंने कहा, 'दक्षिण अफ्रीका में काफी अधिक कृषि भूमि है और हम वहां आसानी से खेती कर सकते हैं. हम कुछ लैटिन अफ्रीकी देशों पर भी विचार कर रहे हैं.'

मंत्री ने विदेशों में खेती की एक और वजह बताते हुए कहा कि तुर्की के किसान खेती छोड़कर अब बड़े शहरों में बस रहे हैं. इस कारण ग्रामीण इलाकों की खेती में कमी आई है. 

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'द जनरल डायरेक्टरेट ऑफ एग्रीकल्चरल एंटरप्राइसेस' (TIGEM) विदेशों में खेती की जमीन को लीज पर लेने की परियोजना की देखरेख करेगा.

सूडान में तुर्की की ये योजना नहीं रही है ज्यादा सफल

तुर्की ने इससे पहले सूडान में 850,000 हेक्टेयर खेती की जमीन लीज पर ली थी, लेकिन इससे तुर्की को लाभ नहीं हुआ. इस बार अधिकारी इन सभी बातों को ध्यान में रखकर योजना पर काम कर रहे हैं. वो विदेशों में उपजाने के लिए ऐसे उत्पादों का चुनाव कर रहे हैं जो जलवायु परिवर्तन के कारण तुर्की में नहीं उपजाए जा सकते या फिर जिनकी खेती बेहद कम बची रह गई है.

विदेशों में खेती की ये परियोजना मक्का, सूरजमुखी, कपास और गन्ने के उत्पादन को प्राथमिकता देगी. इस योजना के तहत अनानास, आम और कैनोला का उत्पादन घरेलू खपत और निर्यात दोनों उद्देश्यों के लिए भी किया जाएगा.

योजनाओं के अनुसार, तुर्की की निजी कंपनियां विदेशों में खेती के लिए लीज पर ली गई जमीन का इस्तेमाल करेंगी.

वेनेजुएला के नेता निकोलस मादुरो हाल ही में जब तुर्की आए थे तब इस विषय पर गंभीरता से चर्चा हुई थी. उनके एजेंडे में लीज पर खेती योजना बेहद अहम थी. मादुरो ने कहा कि तुर्की वेनेजुएला में गेहूं की फसल के लिए चार लाख हेक्टेयर जमीन लीज पर ले सकता है.

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उन्होंने तुर्की के समक्ष ये प्रस्ताव रखा कि उत्पादन का 70 प्रतिशत तुर्की को और 30 प्रतिशत वेनेजुएला को जाएगा. तुर्की ने इस पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है. 

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