थाईलैंड और कंबोडिया में तत्काल सीजफायर पर बनी सहमति, 4 दिन से चल रही थी जंग

थाईलैंड और कंबोडिया कई दिनों तक चली घातक सीमा झड़पों के बाद 'तत्काल और बिना शर्त' सीजफायर पर सहमत हुए हैं.

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मलेशिया में सीजफायर पर हुई बातचीत (Photo: Reuters) मलेशिया में सीजफायर पर हुई बातचीत (Photo: Reuters)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 28 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 4:10 PM IST

थाईलैंड और कंबोडिया कई दिनों तक चली घातक सीमा झड़पों के बाद 'तत्काल और बिना शर्त' सीजफायर पर सहमत हुए हैं. मलेशियाई प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने सोमवार को कहा कि थाईलैंड और कंबोडिया कई दिनों से चल रहे सीमा संघर्ष को खत्म करने के लिए तत्काल और बिना शर्त युद्धविराम पर सहमत हो गए हैं. यह घटनाक्रम मलेशिया द्वारा थाईलैंड-कंबोडिया संघर्ष में मध्यस्थता की पेशकश के बाद सामने आया है. 

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कंबोडियाई प्रधानमंत्री हुन मानेट और थाईलैंड के कार्यवाहक प्रधानमंत्री फुमथम वेचायाचाई ने मलेशिया के पुत्राजया में इब्राहिम के आवास पर मध्यस्थता वार्ता में भाग लिया. उनके साथ मलेशिया में चीनी और अमेरिकी राजदूत भी थे.

किस मुद्दे पर विवाद?

दोनों देशों के बीच 24 जुलाई को झड़प शुरू होने की जानकारी सामने आई थी. गुरुवार, 24 जुलाई को थाईलैंड ने कंबोडिया में कई ठिकानों पर बमबारी करने के लिए एक F-16 लड़ाकू विमान उड़ाया. दोनों पक्षों की तरफ से हुई गोलाबारी में करीब 11 नागरिक मारे गए. इस बीच, सीमा पर तनाव दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के बीच एक दुर्लभ सशस्त्र संघर्ष में बदल गया. दोनों देशों ने अपनी 817 किलोमीटर लंबी ज़मीनी सीमा पर भारी तोपखाने की बमबारी और थाई हवाई हमलों से इसे और बढ़ा दिया था. 

दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर इस झड़प को शुरू करने का आरोप लगाया, जिसमें कम से कम 35 लोग मारे गए और दोनों पक्षों के 2,60,000 से ज़्यादा लोग विस्थापित हुए. दोनों देशों ने अपने राजदूतों को वापस बुला लिया और थाईलैंड ने कंबोडिया के साथ सभी सीमाएं बंद कर दीं.

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कंबोडिया ने नागरिक ठिकानों पर गोलीबारी के थाईलैंड के आरोपों का कड़ा खंडन किया है और कहा है कि थाईलैंड ने निर्दोष लोगों की जान जोखिम में डाली है. उसने इंटरनेशनल कम्युनिटी से थाईलैंड द्वारा उसके खिलाफ की गई आक्रामकता की निंदा करने का आह्वान किया है.

यह भी पढ़ें: थाईलैंड में मास शूटिंग, हमलावर ने मार्केट में गोलियां बरसाकर फिर खुद को मारी गोली

दशकों से चल रहा है विवाद

थाईलैंड और कंबोडिया अपनी 817 किलोमीटर लंबी भूमि सीमा पर अनिर्धारित बिंदुओं को लेकर दशकों से विवाद में रहे हैं, जिसमें प्राचीन हिंदू मंदिर ता मोआन थॉम और 11वीं शताब्दी के प्रीह विहियर का स्वामित्व मुख्य विवाद रहा है.

प्रीह विहियर को 1962 में इंटरनेशनल कोर्ट द्वारा कंबोडिया को प्रदान किया गया था, लेकिन 2008 में तनाव बढ़ गया, जब कंबोडिया ने इसे यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के रूप में सूचीबद्ध करने का प्रयास किया और कई साल तक चली झड़पों में करीब एक दर्जन लोगों की मौत हो गई.

जून में, कंबोडिया ने कहा कि उसने वर्ल्ड कोर्ट से थाईलैंड के साथ अपने विवादों को सुलझाने का अनुरोध किया है, जबकि थाईलैंड का कहना है कि उसने कभी भी कोर्ट के अधिकार क्षेत्र को मान्यता नहीं दी है और वह द्विपक्षीय नजरिए को प्राथमिकता देता है.

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