तालिबान ने PAK पर किया जीत का दावा, जश्न में डूबे अफगानी बोले- याद रखे पाकिस्तान, हम हैं साम्राज्यों के कब्रिस्तान!

हमेशा जंगों के साये में जिंदगी गुजारने वाली अफगानी कौम पाकिस्तान को 'पीटकर' जश्न मना रही है. काबुल, खोस्त, जलालाबाद, नंगरहार और पंजशीर में अवाम सड़क पर है. कबीले के मौलाना ने पाकिस्तान को सबक सिखाने की कसमें खा रहे हैं और कह रहे हैं कि हम अपने सरजमीं की एक-एक इंच की हिफाजत कुर्बानी देकर करेंगे.

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तालिबानी लड़ाके कई शहरों में जश्न मना रहे हैं. (Photo: X/rtaenglish1) तालिबानी लड़ाके कई शहरों में जश्न मना रहे हैं. (Photo: X/rtaenglish1)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 14 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 4:45 PM IST

पाकिस्तान के साथ खूनी जंग में तालिबानी लड़ाकों ने खुद को विजेता घोषित कर दिया है. अफगानिस्तान के कई शहरों में जनता तालिबानी लड़ाकों के साथ सड़क पर जश्न मना रही है. अफगानिस्तान के आम शहरियों ने कहा है कि अफगानिस्तान की सरजमीं पर पाकिस्तानियों की बुरी नजर बर्दाश्त नहीं है. अफगानिस्तान के खोस्त, नंगरहार, पकीता, पंजशीर और काबुल में इस लड़ाई को पाकिस्तानियों को अफगानियों का जवाब बताया जा रहा है. 

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अफगानिस्तान की अंग्रेजी वेबसाइट टोलो न्यूज के अनुसार अफगानिस्तान की अवाम का कहना है कि पाकिस्तान के साथ टकराव में उनकी सेना की बहादुरी सराहनीय है और अफ़ग़ानिस्तान के हवाई क्षेत्र का उल्लंघन करने वाली पाकिस्तान की कार्रवाई उनके लिए असहनीय है.

अफगानी सेना और तालिबानी लड़ाकों का समर्थन करने के लिए कई शहरों में युवा और कबीलाई नेता जमा हुए.

कुनार निवासी दाऊद खान हमदर्द ने कहा, "अगर पाकिस्तान ने हमारे क्षेत्र का उल्लंघन नहीं किया होता, तो अफगानिस्तान को उनके खिलाफ इस तरह के हमले करने के लिए मजबूर नहीं होना पड़ता."

नंगरहार निवासी मोहम्मद नादेर ने कहा, "हमारी सीमाएं अन्य पड़ोसियों के साथ भी लगती हैं, फिर भी उनके साथ हमारे संबंध खराब नहीं हुए हैं. इससे पता चलता है कि समस्या हमारे साथ नहीं, बल्कि पाकिस्तान के साथ है, क्योंकि वह हमेशा से समस्याओं का स्रोत रहा है."

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कबायली बुज़ुर्गों,मजहबी विद्वानों ने घोषणा की कि मुल्क के हवाई क्षेत्र का उल्लंघन उन्हें बर्दाश्त और वे इसके विरुद्ध कोई भी कुर्बानी देने को तैयार हैं.

कुनार के एक कबायली बुज़ुर्ग तवोस खान अखुंदज़ादा ने कहा, "अफगानिस्तान साम्राज्यों का कब्रिस्तान है. पाकिस्तान को अफगानिस्तान के इतिहास से सीख लेनी चाहिए और अफगानों को परेशान करना बंद करना चाहिए."

यह भी पढ़ें: मैं साम्राज्यों का कब्रिस्तान हूं! ये है मेरी कहानी, मैं अफगानिस्तान हूं

पक्तिया निवासी मुस्लिम हैदरी ने कहा, "इस्लामिक अमीरात और अफगानिस्तान के लोगों का अपनी जमीन और क्षेत्र के एक-एक इंच की रक्षा करना वैध अधिकार है."

अफगान की सुरक्षा पर कमेंट करने वाले एक हैंडल ने लिखा, "डूरंड रेखा पर पाकिस्तानी सुरक्षा बलों के खिलाफ हालिया "बदला" अभियान में तालिबान बलों की जीत का जश्न मनाने के लिए लोग सड़कों पर उतर आए हैं. तालिबान लड़ाके झड़पों के दौरान पाकिस्तानी सैनिकों से कथित तौर पर ज़ब्त किए गए हथियार भी दिखाते नजर आ रहे हैं. 

अफगान डिफेंस के एक हैंडल ने लिखा, "अफगान फोर्सेज द्वारा पाकिस्तान को करारी शिकस्त दिए जाने के बाद अफगानी लोग अपने सैनिकों के सम्मान में एकत्रित होकर खुशी का जश्न मना रहे हैं."

एक और यूजर ने लिखा पाकिस्तान के खिलाफ अफगान सेना की सफल जवाबी कार्रवाई के सम्मान में लोगार प्रांत के लोगों ने अपना समर्थन और खुशी व्यक्त की. 

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क्यों भिड़े 'बिरादर' अफगानिस्तान और पाकिस्तान

पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच हाल की भिड़ंत डुरंज लाइन पर 11-12 अक्टूबर 2025 की रात हुई. इसका मुख्य कारण पाकिस्तान द्वारा 9-10 अक्टूबर को काबुल, खोस्त, जलालाबाद और पक्तिका में हवाई हमले थे. अफगानिस्तान पर राज कर रहे तालिबान ने अपनी संप्रभुता का उल्लंघन बताया. पाकिस्तान ने इन हमलों को तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के ठिकानों पर कार्रवाई कहा. पाकिस्तान ने आरोप लगाया कि इन्हें अफगानिस्तान में पनाह मिलता है. 

पाकिस्तानी हमले के जवाब में तालिबान ने जवाबी कार्रवाई में 25 पाकिस्तानी सैन्य चौकियों पर हमला किया. पाकिस्तान ने कहा कि इस हमले में उन्होंने 200 तालिबान लड़ाकों को मार गिराया और उसके 23 सैनिक मारे गए. जबकि तालिबान का दावा है कि 58 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए. अभी दोनों देशों के बीच व्यापार बंद है और टेंशन चरम पर है. पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा है कि दोनों देशों के बीच लड़ाई कभी भी शुरू हो सकती है. 

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