ऑस्ट्रेलिया के सिडनी स्थित प्रसिद्ध बॉन्डी बीच पर हनुक्का उत्सव के दौरान रविवार दोपहर हुए आतंकी हमले में कम से कम 15 लोगों की मौत हो गई और दर्जनों घायल हो गए. हमलावरों की पहचान बाप-बेटे के रूप में हुई हैं, जिनका पाकिस्तानी कनेक्शन भी सामने आया है, जिन्होंने यहूदियों को निशाना बनाकर गोलीबारी की. मारे गए लोगों में हिटलर के नरसंहार से बचे वाले व्यक्ति भी शामिल हैं. उनकी मौत पर इजरायल के पूर्व प्रवक्ता इयलोन लेवी ने भी दुख जताया है.
होलोकॉस्ट सर्वाइवर अलेक्जेंडर क्लेटमैन (87 वर्ष) अपनी पत्नी लारिसा क्लेटमैन और परिवार के सदस्यों के साथ हनुक्का मना रहे थे. लारिसा ने सिडनी के समाचार पत्र द ऑस्ट्रेलियन को बताया कि अलेक्जेंडर ने उन्हें बचाने के लिए अपना शरीर ढाल बनाया. उन्होंने अखबार से कहा, 'मुझे लगता है कि उन्हें गोली इसलिए लगी, क्योंकि उन्होंने मुझे बचाने के लिए खुद को ऊपर उठाया.'
लारिसा ने सेंट विंसेंट अस्पताल के बाहर कहा, 'हम खड़े थे और अचानक बूम-बूम की आवाज आई, सब गिर पड़े. उस पल वह मेरे पीछे थे, फिर उन्होंने मुझे पास आने के लिए अपना शरीर ऊपर उठाया. मेरा पति नहीं रहा. मुझे नहीं पता उनका शव कहां है, कोई जवाब नहीं दे रहा.'
बता दें कि लारिसा भी होलोकॉस्ट सर्वाइवर हैं. दंपति यूक्रेन से थे और होलोकॉस्ट की भयावह यादों के बावजूद उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में नई जिंदगी शुरू की थी. सर्बिया में भयानक परिस्थितियों में होलोकॉस्ट से बच निकले क्लेटमैन नाजी अत्याचार से तो बच गए, लेकिन आतंकवादियों का शिकार हो गए.
होलोकॉस्ट सर्वाइवर्स ने बसाई थी यहूदी कम्युनिटी
उनकी मौत पर इजरायल के पूर्व प्रवक्ता इयलोन लेवी ने कहा, 'ऑस्ट्रेलिया की यहूदी कम्युनिटी होलोकॉस्ट सर्वाइवर्स द्वारा बसाई गई थी जो सुरक्षा की तलाश में दुनिया के दूसरे छोर तक गए थे. फिर भी 87 वर्षीय अलेक्जेंडर क्लेटमैन को सिडनी में एंटी-सेमिटिक आतंकी हमले में मार दिया गया. उन्होंने अपनी पत्नी को बचाने के लिए जान गंवाई.'
चाबड़ संगठन के अनुसार, अलेक्जेंडर अपने दो बच्चों और 11 पोते-पोतियों के साथ उत्सव में शामिल हुए थे. रॉयटर्स समाचार एजेंसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, चाबाद एक वैश्विक यहूदी संगठन है जिसका उद्देश्य यहूदी पहचान और जुड़ाव को बढ़ावा देना है.
होलोकॉस्ट के निशान लेकर ऑस्ट्रेलिया आया था जोड़ा
होलोकॉस्ट से बचे इस दंपत्ति ने इससे पहले यहूदी स्वास्थ्य एवं सामाजिक देखभाल संगठन ज्यूइशकेयर के साथ अपने अनुभव साझा किए थे. समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने बताया कि एलेक्स ने साइबेरिया की भयावह परिस्थितियों की यादों को ताजा किया, जहां हिटलर के शासनकाल में उन्हें अपनी मां और छोटे भाई के साथ जीवित रहने के लिए संघर्ष करना पड़ा था.
यहूदी स्वास्थ्य सेवा प्रदाता ने बताया, बचपन में लारिसा और अलेक्जेंडर दोनों ने होलोकॉस्ट के असहनीय आतंक का सामना किया. एलेक्स की यादें विशेष रूप से भयावह हैं; साइबेरिया की भयानक परिस्थितियां, जहां उन्हें अपनी मां और छोटे भाई के साथ जीवित रहने के लिए संघर्ष किया.
हमले में 10 वर्षीय बच्ची की भी मौत
सिडनी के बोंडी बीच पर हनुक्का उत्सव के दौरान हुए आतंकी हमले में अलेक्जेंडर के अलावा मारे गए अन्य पीड़ितों में 10 वर्षीय लड़की, दुनिया घूम रहा युवा फ्रांसीसी नागरिक और खुशी से नाचने की पोस्ट करने वाला रब्बी शामिल हैं. घायलों में दो पुलिस अधिकारी और चार बच्चे हैं, कुल 40 से ज्यादा लोग अस्पताल में भर्ती हैं. पीड़ितों की उम्र 10 से 87 वर्ष तक थी, जिसमें क्लेटमैन सबसे बुजुर्ग थे.
इस हमले ने ऑस्ट्रेलिया की सुरक्षा प्रणालियों की गंभीर खामियों को उजागर किया है, जिनमें ये भी शामिल है कि कैसे कथित हमलावरों में से एक को, इस्लामिक स्टेट से पहले के संबंधों के बावजूद, किसी भी तरह का खतरा पैदा करने के आरोप से बरी कर दिया गया था.
आलोचकों का कहना है कि एंटी-सेमिटिक खतरों को कम आंका गया और इंटेलिजेंस निगरानी में चूक हुई है. गवाहों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने गोलीबारी के दौरान करीब 20 मिनट तक कोई जवाबी कार्रवाई नहीं की.
क्या है होलोकॉस्ट
होलोकॉस्ट द्वितीय विश्व युद्ध के समय (1941–1945) हुआ एक भयानक नरसंहार था, जिसे तानाशाह एडोल्फ हिटलर के नेतृत्व में नाजी जर्मनी ने अंजाम दिया. दावा किया जाता है कि इसमें यहूदियों को मुख्य निशाना बनाया गया और लगभग 60 लाख यूरोपीय यहूदियों की हत्या कर दी गई.
इसके अलावा रोमा समुदाय, विकलांग लोग, राजनीतिक विरोधी, समलैंगिक और अन्य अल्पसंख्यक समूहों के लाखों लोगों की भी जान गई. नाजी शासन के इस अत्याचार से कुल मिलाकर करीब 1.1 करोड़ से ज्यादा लोग प्रभावित हुए. ये मानव इतिहास की सबसे दर्दनाक घटनाओं में से एक मानी जाती है.
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