चक्रवात 'दित्वा' का कहर... श्रीलंका में 200 से ज्यादा मौतें, भारत ने चलाया 'ऑपरेशन सागर बंधु' कैंपेन

चक्रवात ‘दित्वा’ से श्रीलंका में आई बाढ़ और भूस्खलन में 200 से ज्यादा लोगों की मौत हुई और लाखों नागरिक प्रभावित हुए. भारत की NDRF, IAF और नौसेना राहत-बचाव में जुटी हैं. आपातकाल घोषित कर फंसे लोगों को निकालने की कार्यवाही तेज हुई है.

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वायुसेना ने 24 यात्रियों को श्रीलंका से एयरलिफ्ट किया (Photo: PTI) वायुसेना ने 24 यात्रियों को श्रीलंका से एयरलिफ्ट किया (Photo: PTI)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 30 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 6:12 PM IST

चक्रवाती तूफान 'दित्वा' से श्रीलंका में आई विनाशकारी बाढ़ और भूस्खलन के बाद रविवार को 200 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई. भारत की सहायता से श्रीलंका में राहत और बचाव की कोशिशें चल रही हैं. श्रीलंका के आपदा प्रबंधन केंद्र (DMC) द्वारा रविवार शाम 4 बजे जारी नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, गुरुवार से अब तक 212 लोग मारे गए हैं, जबकि 218 लोग लापता हैं. 

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DMC ने बताया कि इस बिगड़े मौसम से 2,73,606 परिवारों के 9,98,918 लोग प्रभावित हुए हैं. भारत की राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) के जवान, भारतीय वायु सेना (IAF) के साथ मिलकर युद्धस्तर पर श्रीलंकाई अधिकारियों की मदद कर रहे हैं. 

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोशल मीडिया पोस्ट में बताया, "NDRF कर्मियों ने स्थानीय अधिकारियों के साथ मिलकर राहत अभियान जारी रखा है. भारत ने 'नेबरहुड फर्स्ट' की भावना को पुष्टि करते हुए 'ऑपरेशन सागर बंधु' के तहत 80 कर्मियों वाली शहरी खोज और बचाव टीमें भेजी हैं."

IAF ने किए साहसी बचाव अभियान

IAF के हेलीकॉप्टरों ने एक साहसी हाइब्रिड बचाव अभियान चलाया, जिसके तहत एक प्रतिबंधित क्षेत्र से फंसे हुए यात्रियों को निकाला गया, जिसमें भारतीय लोग भी शामिल हैं. वायु सेना ने बताया कि एक गरुड़ कमांडो को कोतमले में एक प्री-ब्रीफ्ड हेलीपैड तक क्रॉस-कंट्री मार्ग से समूह का मार्गदर्शन करने के लिए नीचे उतारा गया. वहां से 24 यात्रियों (भारतीय, विदेशी और श्रीलंकाई समेत) को कोलंबो ले जाया गया.

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मेडिकल एयरलिफ्ट और राहत सामग्री...

एक समानांतर प्रयास में, तीन गंभीर घायलों को तत्काल चिकित्सा ध्यान के लिए कोलंबो एयरलिफ्ट किया गया. IAF टीम ने राहत कार्यों में सहायता के लिए दियाथालावा सेना शिविर से श्रीलंकाई सेना कर्मियों (40 सैनिकों) की पांच टीमों को भूस्खलन से प्रभावित कोतमले क्षेत्र में भी एयरलिफ्ट किया. IAF के दो परिवहन विमानों (C-130J और IL-76) ने शनिवार को करीब 21 टन राहत सामग्री कोलंबो पहुंचाई. इसके अलावा, मानवीय सहायता लेकर INS सुकन्या विशाखापत्तनम से रवाना हो गया है और जल्द ही श्रीलंका पहुंचने की उम्मीद है.

INS विक्रांत पर तैनात दो चेतक हेलीकॉप्टरों ने भी बचाव प्रयासों में हिस्सा लिया. शनिवार को एक चेतक टीम ने छत पर फंसे चार लोगों के एक परिवार को साहस और दृढ़ संकल्प का असाधारण प्रदर्शन करते हुए बचाया. कोलंबो में भारतीय उच्चायोग ने सोशल मीडिया पर इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि उन्हें सुरक्षित रूप से एयरलिफ्ट करके एक सुरक्षित स्थान पर लाया गया.

यह भी पढ़ें: चक्रवात दित्वा से इस राज्य भारी तबाही, तीन की मौत, 57,000 हेक्टेयर फसलें डूबीं

श्रीलंका में आपातकाल का ऐलान...

श्रीलंकाई सरकार द्वारा शनिवार को जारी आधिकारिक गजट के मुताबिक, पूरे द्वीप में आपातकाल की स्थिति घोषित कर दी गई है. आपातकाल की स्थिति के साथ, सरकार ने जिला सचिवों को 50 मिलियन श्रीलंकाई रुपये तक के खर्च का विवेक अधिकार प्रदान किया है. श्रीलंकाई राजधानी के पूर्वी उपनगरों के ज्यादातर हिस्सों के लिए बाढ़ अलर्ट जारी किए गए हैं और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की चेतावनी दी गई है.

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केलाणी नदी और फंसे भारतीय

कोलंबो के जिला सचिव प्रसन्ना गिनिगे ने बताया कि केलाणी नदी का जलस्तर खतरनाक स्तर तक बढ़ जाने के कारण अलर्ट जारी किए गए हैं. उन्होंने कहा कि खतरे वाले क्षेत्रों के स्कूलों को बाढ़ विस्थापितों के लिए राहत केंद्रों के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है. भारतीय उच्चायोग फंसे हुए भारतीय यात्रियों की घर वापसी में भी सुविधा प्रदान कर रहा है. ECI की IAF उड़ानों और वाणिज्यिक एयरलाइन्स के जरिए निकासी को सुविधाजनक बनाया जा रहा है.

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