sri lanka crisis: 'राष्ट्रपति गोटबाया देश छोड़कर जा रहे थे दुबई, एयरपोर्ट पर अफसरों ने रोका', मीडिया रिपोर्ट में दावा

श्रीलंका में लोगों के बढ़ते विरोध को कम करने के लिए 9 जुलाई की शाम को स्पीकर के घर पर सभी दलों की बैठक हुई थी, जिसमें सभी ने राष्ट्रपति गोटबाया और प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे से इस्तीफे की मांग की थी. हालांकि उनके प्रस्ताव के बाद ही दोनों इस्तीफा देने पर सहमत हो गए थे. 

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भारत में भी श्रीलंका के वायुसेना के विमान को नहीं थी उतरने की अनुमति (फाइल फोटो) भारत में भी श्रीलंका के वायुसेना के विमान को नहीं थी उतरने की अनुमति (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 12 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 11:12 PM IST
  • 9 जुलाई को प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति भवन पर कर लिया था कब्जा
  • राष्ट्रपति ने अपने इस्तीफे पर किया साइन, 13 जुलाई को होगी घोषणा

श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे अपने 15 रिश्तेदारों के साथ देश से भागना चाहते थे लेकिन तमाम कोशिशों के बाद भी वह नाकाम रहे थे. स्थानीय मीडिया एसबीएस सिंहला ने अपनी रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि की है.

उसने रिपोर्ट में बताया कि 9 जुलाई को उग्र प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति भवन पर कब्जा कर दिया था, जिसके बाद राष्ट्रपति ने त्रिंकोमाली नौसैनिक अड्डे में शरण ली थी. इसके बाद दो बेल-412 हेलीकॉप्टरों से वह रतमलाना हवाई अड्डे के लिए रवाना हो गए थे.

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रक्षा अधिकारियों ने कोलंबो में एसबीएस सिंहला को बताया कि यहां वह सेवा प्रमुखों से मिले इसके बाद शाम तक कटुनायके एयरबेस चले गए थे.

इमिग्रेशन काउंटर पर जाने से रोका गया

एसबीएस सिंहला ने दावा किया है कि उड्डयन विभाग के एक आधिकारी ने राजपक्षे और उनका प्रतिनिधिमंडल श्रीलंकाई एयरलाइंस की उड़ान UL225 से दुबई जाने वाले थे, लेकिन अधिकारियों ने सुरक्षा कारणों से उन्हें पब्लिक इमिग्रेशन काउंटरों पर जाने से रोक दिया था.

इसके बाद उन्हें पासपोर्ट पर मुहर लगाने के लिए भंडारानाइके हवाई अड्डे जाने के लिए कह दिया गया था. जब वह वहां गए तो वहां भी अधिकारियों ने वीआईपी या वीवीआईपी लाउंज में जाने से उन्हें रोक दिया था. 

कटुनायके बेस पर ही रुकना पड़ा था

हवाई अड्डे के सूत्रों के मुताबिक राष्ट्रपति और उनके रिश्तेदारों व सहयोगियों ने बाद में एतिहाद की उड़ान EY267 में जाने की कोशिश की, लेकिन तकनीकी कारणों से वह फ्लाइट में सवार नहीं हो सके.

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मीडिया रिपोर्ट में इस बात का भी दावा किया गया कि भारत ने भी श्रीलंकाई वायु सेना के एएन32 को राष्ट्रपति के साथ लैंड करने की अनुमति नहीं दी थी. वहीं राजपक्षे को कटुनायके बेस पर एक रात रुकना पड़ा था ताकि यह पता लगाया जा सके कि सुरक्षित कैसे निकला जाए.

अमेरिका ने भी वीजा देने से इनकार किया

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक गोटबाया राजपक्षे ने कोलंबो में अमेरिकी दूतावास से कैलिफोर्निया यात्रा के लिए वीजा का आवेदन किया था लेकिन उन्हें वीजा देने से मना कर दिया गया था.

सूत्रों के हवाले से एसबीएस सिंहल को बताया कि दूतावास ने राजपक्षे को बताया कि जो व्यक्ति अमेरिकी नागरिकता का त्याग किया है, उसे तब तक वीजा जारी नहीं किया जा सकता जब तक उसके सामने परिवार के किसी सदस्य की मृत्यु या तत्काल चिकित्सा उपचार जो केवल यूएस में ही उपलब्ध हो, जैसी असाधारण परिस्थिति न हो.

दूतावास ने उनसे स्पष्ट कह दिया था कि वह बिना वीजा के राज्य के प्रमुख के रूप में अमेरिका जा सकते थे, लेकिन वर्तमान परिस्थितियां अलग हैं इसलिए उनके लिए वीजा नहीं जारी हो सकता. 2019 में राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए अमेरिकी नागरिकता छोड़ दी थी. हालांकि उनका बेटा, बहू और पोता अमेरिकी नागरिक बने हुए हैं.

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राष्ट्रपति राजपक्षे के भाई का एयरपोर्ट पर विरोध

जानकारी के मुताबिक गोटबाया राजपक्षे के छोटे भाई बासिल राजपक्षे देश छोड़ने की कोशिश कर रहे थे लेकि जब वह कोलंबो अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पहुंचे थे तो इमीग्रेशन स्टाफ ने ड्यूटी करने से इनकार कर दिया.

एयरपोर्ट यूनियन ने बासिल राजपक्षे के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और हंगामा किया. इसके बाद उन्हें वापस लौटना पड़ा. बासिल राजपक्षे श्रीलंका के पूर्व वित्त मंत्री हैं और हाल ही में उन्होंने इस्तीफा दिया था. 

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