इमरान खान के पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद से हटने के बाद उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) ने अंतरिम प्रधानमंत्री के तौर पर पूर्व चीफ जस्टिस गुलजार अहमद के नाम की सिफारिश की. लेकिन विपक्ष ने उनके नाम पर सहमति जताने से इनकार कर दिया है. नवाज शरीफ के भाई और पाकिस्तान के विपक्षी दल पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज (PMLN) के अध्यक्ष शहबाज शरीफ ने गुलजार के नाम पर असहमति जाहिर की है.
पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने पूर्व जस्टिस गुलजार अहमद के नाम पर सहमति के लिए शहबाज शरीफ को पत्र भेजा था. इसके बाद ही शहबाज का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि गुलजार अहमद के जरिए सुप्रीम कोर्ट के फैसले को प्रभावित करने की कोशिश की जा सकती है. यह संविधान की धाराओं का उल्लंघन करने का प्रयास है.
अदालत में ही होगा फैसला
राष्ट्रपति की चिट्ठी का जवाब देते हुए शहबाज शरीफ ने कहा, '5 अप्रैल की रात 9 बजे राष्ट्रपति के द्वारा भेजे गए 2 लेटर मिले. इनमें रिटायर्ड जस्टिस गुलजार अहमद के नाम की सिफारिश अंतरिम प्रधानमंत्री के तौर पर की गई है. उन्होंने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव पर नेशनल असेंबली के स्पीकर का फैसला संविधान के खिलाफ है. शहबाज ने आगे कहा कि विधानसभा भंग करने का पीएम का फैसला गलत है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर स्वत: संज्ञान लिया है. अब कोई भी कदम अदालत के आदेश के मुताबिक ही होगा.
सुप्रीम कोर्ट में चल रही मामले की सुनवाई
बता दें कि पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में इमरान खान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग होनी थी. ये तय था कि इमरान की कुर्सी जाने वाली है. लेकिन तभी, डिप्टी स्पीकर ने अविश्वास प्रस्ताव खारिज कर दिया और कुछ देर बाद नेशनल असेंबली ही भंग कर दी गई. मामला अब सुप्रीम कोर्ट में है. जिस पर सुनवाई जारी है. इमरान खान जल्द से जल्द चुनाव कराने की मांग कर रहे हैं. उन्हें उम्मीद है कि चुनाव में उतरने पर उन्हें सफलता मिल सकती है. आमतौर पर ऐसी स्थिति में 90 दिन के अंदर चुनाव कराना होता है, लेकिन पाकिस्तान के इलेक्शन कमीशन ने कहा है कि छह महीने से पहले चुनाव कराना उनके लिए संभव नहीं है.
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