सऊदी अरब ने 6 ईरानी पत्रकारों को नहीं करने दिया हज, गिरफ्तार कर वापस भेजा

ईरान का कहना है कि सऊदी अरब ने उसके 6 सरकारी पत्रकारों को हिरासत में रखने के बाद वापस देश भेज दिया है. उसका कहना है कि किंगडम ने पत्रकारों को बिना हज कराए ही वापस भेज दिया.

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सऊदी अरब ने 6 ईरानी पत्रकारों को हिरासत में रखने के बाद वापस भेज दिया है (Photo- Reuters) सऊदी अरब ने 6 ईरानी पत्रकारों को हिरासत में रखने के बाद वापस भेज दिया है (Photo- Reuters)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 30 मई 2024,
  • अपडेटेड 2:49 PM IST

ईरान ने कहा है कि सऊदी अरब ने उसके सरकारी टेलिविजन ब्रॉडकास्टर के 6 पत्रकारों को देश से निकाल दिया है. बुधवार को ईरान की तरफ से जानकारी दी गई कि देश वापस भेजने से पहले पत्रकारों को लगभग एक हफ्ते तक हिरासत में रखा गया और फिर उन्हें हज से पहले सऊदी से भेज दिया गया.

सऊदी अरब ने हालांकि, फिलहाल इस घटना को स्वीकार नहीं किया है. यह घटना चीन की मध्यस्थता में सुन्नी मुसलमान बहुल सऊदी अरब और शिया बहुल ईरान के बीच शांति समझौते के एक साल बाद हुई है. सऊदी अरब के पवित्र स्थलों पर शिया और सुन्नी लोगों के बीच तनाव की खबरें दशकों से आती रही हैं. हज के समय यह तनाव और बढ़ जाता है.

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ईरान की सरकारी टीवी ने पत्रकारों की गिरफ्तारी को लेकर बताया कि एक हफ्ते पहले उनके तीन पत्रकार मदीना की पैगंबर मोहम्मद मस्जिद में कुरान पढ़ते लोगों की रिकॉर्डिंग कर रहे थे, तभी उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. हालांकि, ईरानी मीडिया ने इस संबंध में कोई जानकारी नहीं दी कि पत्रकारों को किस वजह से गिफ्तार किया गया था. सरकारी टीवी ने कहा कि हिरासत में लेने के बाद पत्रकारों से कई घंटे की पूछताछ की गई और फिर उन्हें पुलिस हिरासत केंद्र में रखा गया.

समाचार एजेंसी एपी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, तीन पत्रकारों की गिरफ्तारी के दो दिन बाद सऊदी पुलिस ने ईरान के अरबी भाषा के अल आलम चैनल के एक पत्रकार और एक सरकारी टीवी के पत्रकार को हिरासत में ले लिया. पत्रकारों की गिरफ्तारी उस वक्त हुई जब वो अन्य ईरानी तीर्थयात्रियों के साथ नमाज के लिए कार से बाहर निकल रहे थे. एक रेडियो पत्रकार को भी मदीना के एक होटल से हिरासत में लिया गया.

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बिना हज के भेज दिया वापस

ईरान की सरकारी टीवी ने कहा कि सभी 6 पत्रकारों को बाद में रिहा कर दिया गया और बिना हज किए ही उन्हें ईरान भेज दिया गया. इस्लाम में सभी सक्षम मुसलमानों के लिए एक बार हज करना अनिवार्य बताया गया है. हज इस्लाम के सबसे पवित्र शहर सऊदी अरब के मक्का शहर में किया जाता है.

ईरान की सरकारी टीवी ने कहा कि ईरान के विदेश मंत्रालय और सरकारी टीवी के प्रयासों के कारण ही पत्रकारों को एक हफ्ते बाद हिरासत से छोड़ा गया जिसके बाद सऊदी ने उन्हें वापस ईरान भेज दिया. सरकारी टीवी का कहना है कि उनके लोगों ने कोई अपराध नहीं किया और उनका हिरासत में लिया जाना अनुचित था.

साल 2016 में ईरान-सऊदी ने तोड़ लिए थे अपने संबंध

दुनिया के सबसे बड़े शिया मुस्लिम देश ईरान और सुन्नी बहुल सऊदी अरब ने 2016 में अपने राजनयिक संबंध तोड़ दिए थे. दरअसल, सऊदी अरब ने प्रमुख शिया मौलवी निम्र अल-निम्र को फांसी दे दी थी. सऊदी के शिया मौलवी को फांसी का ईरानियों ने खूब विरोध किया था. विरोध-प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों ने ईरान में दो सऊदी राजनयिक मिशनों पर धावा बोल दिया था जिसके बाद सऊदी ने ईरान से अपने संबंध तोड़ लिए थे. पिछले साल चीन की मध्यस्थता से दोनों देशों ने अपने रिश्ते बहाल किए.

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दोनों देश पहले भी अपने राजनयिक संबंध तोड़ चुके हैं. सऊदी अरब ने इससे पहले 1987 में हज के दौरान दंगों और फारस की खाड़ी में शिपिंग पर ईरान के हमलों को लेकर 1988 से 1991 तक ईरान के साथ संबंध तोड़ दिए थे. 

इस दौरान ईरान के लोगों के सऊदी अरब जाकर हज करने पर भी पाबंदी लगा दी गई थी. 2016 में भी जब राजनयिक रिश्ते खत्म हुए तब भी सऊदी अरब ने ईरान के लोगों के हज यात्रा पर पाबंदी लगा दी थी. हालांकि, साल 2024 में ईरान के लोग हज यात्रा के लिए जा रहे हैं. इस साल हज की शुरुआत 14 जून को हो रही है जो 19 जून तक चलेगी.

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