गर्मियों के साथ ही पहाड़ों पर बर्फ का पिघलना जारी है. ऐसे में भारत-चीन सीमा पर चीनी सेना द्वारा अपनी पोजीशन में दोबारा से बदलाव किया जा रहा है. चीनी सेना ने हॉट स्प्रिंग्स एरिया और लद्दाख के गोगरा एरिया में कुछ बदलाव किए गए हैं. इंडिया टुडे को स्पेस कंपनी कैपेला से प्राप्त हुईं सेटेलाईट इमेजेस का विश्लेषण करने के बाद ये बात साबित होती है कि चीनी सेना ने बॉर्डर एरिया में मामूली से बदलाव किए हैं.
इंडिया टुडे को प्राप्त सेटेलाइट इमेज से LAC पर चीनी सेना की उपस्थिति के बारे में प्रमाणित होता है, हालांकि कुछ फॉरवर्ड पोजीशंस (अग्रिम मोर्चे) पर चीनी सेना की उपस्थिति में कमी आई है, लेकिन बैकवर्ड पोजीशंस पर चीनी जत्थों का कंट्रोल अभी भी पहले की ही तरह है और वहां नए आवास और बंकर भी बनाए जा रहे हैं.
बीते महीनों में भारत और चीन के बीच लगातार वार्ता हुईं हैं, जिसके बाद गलवान नदी घाटी और पैन्गोंग लेक एरिया में दोनों देशों ने अपनी-अपनी सेनाओं को पीछे हटा लिया. लेकिन LAC की बाकी जगहों पर चीनी सेना की उपस्थिति बनी हुई है.
गोगरा पोस्ट पर चीनी सेना ने साल 2020 के जुलाई महीने के आसपास नए निर्माण करना शुरू कर दिया था. दोनों सेनाओं के बीच हुई बातचीत के बाद दोनों देश कुछ पीछे हटे भी लेकिन इन नई सेटेलाईट इमेजेस से पता चलता है कि गोगरा पोस्ट के आसपास चीनी पोस्ट और वाहन बने हुए हैं.
गोगरा पोस्ट की फरवरी, 2021 की ऑप्टिकल सेटेलाईट इमेज और 12 अप्रैल की सिंथेटिक-एपर्चर रडार (एसएआर) सेटेलाईट इमेज की तुलना करने पर पता चलता है कि यहां के आसपास के क्षेत्र में अभी यथास्थिति बनी हुई है
हॉट स्प्रिंग के आसपास पहले कुछ जगहों पर PLA की उपस्थिति थी, उसमें भी अब मामूली से बदलाव किए गए हैं.
इस क्षेत्र में भारी बर्फबारी हुई है. लंबे समय तक इस कठिन क्षेत्र में रहने के लिए लोजिस्टिक्स और मानव संसाधन की तैनाती के कारण इस क्षेत्र में भी मामूली बदलाव की संभावना है. हालांकि हॉट स्प्रिंग्स के पास बैकवर्ड पोजीशन में जहां पिछले साल भी चीनी सेना ने स्थायी निर्माण किया था, उसपर अब भी चीनी अधिग्रहण जारी है.
भारत और चीन के बीच विवादित क्षेत्रों में से एक डेप्सांग भी है, पिछली साल यहां चीनी सेना ने अपने इंफ्रास्ट्रक्चर को अपग्रेड किया था.
अंकित कुमार