रूस का चेर्नोबिल न्यूक्लियर रिएक्टर प्लांट पर हमले से इनकार, यूक्रेनी राष्ट्रपति के दावे को किया खारिज

यूक्रेन का दावा था कि रूस का ड्रोन चेर्नोबिल के परमाणु प्लांट के कवच पर गिरा है. हालांकि, रूस के ड्रोन हमले के बाद से प्लांट का रेडिएशन स्तर सामान्य है. अब रूस के एक प्रवक्ता ने इस दावे का खंडन किया और कहा कि रूसी सेना प्लांट पर कोई हमला नहीं किया है.

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चेर्नोबिल न्यूक्लियर प्लांट पर रूसी हमला चेर्नोबिल न्यूक्लियर प्लांट पर रूसी हमला

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 14 फरवरी 2025,
  • अपडेटेड 4:30 PM IST

रूस ने यूक्रेन के चेर्नोबिल परमाणु रिएक्टर प्लांट पर हमले के दावे को खारिज किया है. क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने यूक्रेन के इस दावे का खंडन किया कि रूस ने चेर्नोबिल परमाणु प्लांट पर हमला किया. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने इससे पहले प्लांट पर रूसी हमले का दावा किया था. उनका कहना था कि रूस ने चेर्नोबिल में परमाणु रिएक्टर पर ड्रोन से हमला किया है. 

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यूक्रेन का कहना था कि रूस का ड्रोन चेर्नोबिल के परमाणु प्लांट के कवच पर गिरा है. हालांकि, रूस के ड्रोन हमले के बाद से प्लांट का रेडिएशन स्तर सामान्य है.

जेलेंस्की ने इस घटना को आंतकी हमला बताते हुए परमाणु स्थलों को निशाना बनाए जाने को खतरनाक बताया. हालांकि, राष्ट्रपति जेलेंस्की से इस हमले की पुष्टि के बाद फायर सेफ्टी अधिकारियों ने बताया कि आग पर काबू पा लिया गया है. 

इस हमले के बाद क्यों बढ़ी चिंता?

से जंग के बीच यूक्रेन में परमाणु संयंत्रों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है. ने न्यूक्लियर प्लांट की सुरक्षा जोखिमों पर जोर देते हुए का कि लापरवाही की कोई जगह नहीं है. आईएईए को हमेशा हाई अलर्ट पर रहना होगा.

यह भी पढ़ें: चेर्नोबिल फिर चर्चा में... जानिए क्यों ये नाम सुनते ही दहल जाती है दुनिया... दुर्घटना का ये है इतिहास

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उन्होंने कहा कि चेर्नोबिल की घटना और Zaporizhzhia न्यूक्लियर पावर प्लांट के आसपास हाल के समय में बढ़ी सैन्य गतिविधियों ने चिंता बढ़ा दी है. चेर्नोबिल परमाणु स्थल पर हमारी एक टीम है, जो स्थिति की जांच कर रही है.

1986 का चेर्नोबिल परमाणु हादसा क्या था?

26 अप्रैल, 1986 की सुबह चेर्नोबिल परमाणु ऊर्जा स्टेशन में विस्फोट हुआ था. इसके बाद इसके काफी भयावह परिणाम सामने आए थे. चेर्नोबिल, यूक्रेन और बेलारूस के बीच सीमा के करीब है. 26 अप्रैल, 1986 को चेर्नोबिल परमाणु ऊर्जा स्टेशन में एक सुरक्षा परीक्षण किया गया था. इसे इतना सामान्य माना गया कि प्लांट के निदेशक ने वहां आने की भी जहमत नहीं उठाई. यह टेस्ट जल्द ही नियंत्रण से बाहर हो गया, क्योंकि अप्रत्याशित बिजली बनने और भाप के निर्माण के कारण कई विस्फोट हुए, जिससे परमाणु रिएक्टर फट गया. ये इतिहास की सबसे बड़ी परमाणु दुर्घटना मानी जाती है.

इतिहास की सबसे खराब परमाणु दुर्घटना मानी जाने वाली चेर्नोबिल आपदा में 31 लोगों की तुरंत मौत हो गई थी. इसमें 28 कर्मचारी और अग्निशामक शामिल थे, जो सफाई के दौरान तीव्र रेडिएशन  से मारे गए थे. विशेषज्ञों का मानना ​​है कि इस घटना के कारण कैंसर से हजारों लोगों की असमय मृत्यु हुई. सालों तक इसका रेडिएशन फैलता रहा.

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