रूस का यूक्रेन पर सबसे बड़ा हवाई हमला, फाइटर जेट F-16 के पायलट की मौत, ईरानी ड्रोन्स ने मचा दी तबाही

यूक्रेन के एयर स्पेस पर ये रूस का अबतक का सबसे बड़ा हवाई हमला है. यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा है कि इस हमले में फाइटर जेट F-16 के एक पायलट की मौत हो गई है. गौरतलब है कि रूस का ये हमला तब हुआ है जब कुछ ही दिन पहले नाटो समिट खत्म हुआ है. इस समिट में दुनिया के ताकतवर राष्ट्राध्यक्षों ने 3 साल से चली आ रही इस जंग को जल्द खत्म करने की अपील की थी.

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रूस ने यूक्रेन के कई शहरों पर ड्रोन्स-मिसाइलों से हमला किया है. (फोटो-X, @DefenceU) रूस ने यूक्रेन के कई शहरों पर ड्रोन्स-मिसाइलों से हमला किया है. (फोटो-X, @DefenceU)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 29 जून 2025,
  • अपडेटेड 2:48 PM IST

रूस ने यूक्रेन पर अबतक का सबसे बड़ा हवाई आक्रमण किया है. तीन साल पहले शुरू हुए रूस-यूक्रेन युद्ध में ये रूस की ओर से सबसे बड़ी एरियल स्ट्राइक है. इस हमले में यूक्रेन के F-16 लड़ाकू विमान के पायलट की मौत हो गई है. 

यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा है कि रात भर में रूस ने यूक्रेन पर 537 हथियारों से हवाई आक्रमण किया है. इसमें 477 ड्रोन थे और 60 मिसाइलें थीं. राष्ट्रपति जेलेंस्की ने इस हमले की जानकारी देते हुए इस हमले का दुखद पक्ष ये रहा कि रूसी हमले को निष्क्रिय करने में जुटे F-16 विमान का पायलट मकस्यीम उस्तेमेंको रूसी हमले की चपेट में आ गया और उसकी मौत हो गई. 

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जेलेंस्की ने कहा कि आज F-16 के इस पायलट ने 7 हवाई लक्ष्यों को नष्ट कर दिया. उनके परिवार और साथियों के प्रति मेरी संवेदनाएं है. मैंने निर्देश दिया है कि उनकी मौत की सभी परिस्थितियों की जांच की जाए. 

राष्ट्रपति जेलेंस्की के मुताबिक रूस ने जिन ड्रोन्स से हमला किया उनमें से ज्यादातर ईरान में बने 'शाहेद' ड्रोन्स थे. जेलेंस्की ने कहा कि रूसी सेना हर उस चीज को निशाना बना रही थी जहां जिंदगी के निशान थे. उन्होंने कहा कि स्मिला में एक रिहायशी इमारत भी इन हमलों का निशाना बनी और एक बच्चा घायल हो गया.

— Volodymyr Zelenskyy / Володимир Зеленський (@ZelenskyyUa) June 29, 2025

मॉस्को पर और दबाव की जरूरत 

यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने रूस पर बरसते हुए कहा कि, 'मॉस्को तब तक नहीं रुकेगा जब तक उसके पास बड़े हमले करने की क्षमता है. सिर्फ इस हफ्ते ही 114 से अधिक मिसाइलें, 1,270 से ज़्यादा ड्रोन और लगभग 1,100 ग्लाइड बम दागे गए हैं. पुतिन ने बहुत पहले ही तय कर लिया था कि दुनिया की शांति की अपील के बावजूद वह युद्ध जारी रखेंगे. इस युद्ध को समाप्त किया जाना चाहिए.'

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जेलेंस्की ने दुनिया के देशों से आग्रह किया कि पुतिन पर और भी दबाव बनाया जाए. 

यूक्रेन की वायु सेना ने कहा कि उसने 249 ड्रोन्स को इंटरसेप्ट कर गिरा दिया. जबकि 226 आसमान में खो गए. एपी के अनुसार इन ड्रोन्स को कथित तौर पर इलेक्ट्रानिक रूप से जाम कर दिया गया है. यूक्रेन ने भले ही इन ड्रोन्स को इंटरसेप्ट करने का दावा किया है लेकिन इससे यूक्रेन के सिविल इंफ्रास्ट्रक्चर को तगड़ा नुकसान हुआ है.

सबसे बड़ा हवाई हमला

यूक्रेन की वायु सेना के संचार प्रमुख यूरी इहनात ने बताया कि रात भर का हमला देश पर "सबसे बड़ा हवाई हमला" था, जिसमें ड्रोन और विभिन्न प्रकार की मिसाइलों को शामिल किया गया था. इस हमले में यूक्रेन के पश्चिमी इलाकों सहित पूरे क्षेत्र को निशाना बनाया गया जो अग्रिम मोर्चे से बहुत दूर थे. 

यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि रूस की ओर से छोड़े गए हथियारों में 211 ईरानी शाहेद ड्रोन्स थे. जबकि कुछ दूसरे UAV थे. यूक्रेन की सेना ने 225 हथियारों को इलेक्ट्रानिक तरीक से जाम कर नष्ट कर दिया. 

इसके अलावा रूस ने 1 इस्कंदर बैलेस्टिक मिसाइल से हमला किया. यूक्रेन ने 33 इस्कंदर क्रूज मिसाइलों को गिरा दिया. इसके अलावा 4 कालीबर क्रूज मिसाइलों से भी अटैक किया गया. 

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2 लोगों की मौत, 6 घायल

खेरसॉन के क्षेत्रीय गवर्नर ओलेक्सांद्र प्रोकुडिन ने कहा कि रूसी ड्रोन हमले में एक व्यक्ति की मौत हो गई. वहीं चेर्कासी में क्षेत्रीय गवर्नर इहोर टैबुरेट्स के अनुसार यहां रूसी हमले में एक बच्चे सहित छह लोग घायल हो गए हैं. 

यूक्रेन की वायु सेना ने बताया कि रूस के हमलों का असर छह स्थानों पर देखने को मिला. जबकि आठ स्थानों पर मलबा गिरने की सूचना मिली है. यूक्रेन की सेना इस हमले में नागरिक ठिकानों को हुए नुकसान का आकलन कर रही है.  

नाटो समिट में यूक्रेन पर चर्चा

बता दें कि हाल ही में नीदरलैंड के हेग में हुए नाटो समिट में रूस-यूक्रेन युद्ध पर चर्चा सीमित रही थी. लेकिन सभी शामिल देशों ने जंग को रोकने पर जोर दिया. इसके अलावा नाटो ने यूक्रेन को निरंतर समर्थन की पुष्टि की. 

इसमें सैन्य सहायता और 40 बिलियन पाउंड की वार्षिक सहायता शामिल है. हालांकि, यूक्रेन की नाटो सदस्यता पर कोई ठोस प्रगति नहीं हुई है. अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने युद्ध को समाप्त करने की बात की, लेकिन कोई ठोस शांति योजना सामने नहीं आ सकी. इस समिट में नाटो देशों ने रूस को गंभीर खतरे के रूप में चिह्नित किया और डिफेंस बजट जीडीपी के 5 फीसदी तक तक बढ़ाने का निर्णय लिया. 

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