Pakistan Political Crisis: पाकिस्तान में राजनीतिक अस्थिरता कायम है. रविवार को नेशनल असेंबली में इमरान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव खारिज होने के बाद विपक्ष इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर सोमवार को सुनवाई होगी. उधर, पाकिस्तान में मचे राजनीतिक उथल-पुथल के बीच भारत के दो पूर्व विदेश मंत्रियों ने भारत पर इसके असर को लेकर अपनी राय जाहिर की है.
पाकिस्तान में राजनीति अस्थिरता पर पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह ने कहा कि पाकिस्तान में जो कुछ हुआ है वो बहुत अजीब बात नहीं है. पाकिस्तान स्थिर मुल्क नहीं है. विपक्ष के पास 199 और इमरान के पास 142 सासंद हैं. विपक्ष के लोग सुप्रीम कोर्ट गए हैं, देखिए क्या होता है. पाकिस्तान में डेमोक्रेसी ने अपनी जड़ें मजबूत नहीं की है.
वहीं, पूर्व विदेश मंत्री यशवंत सिन्हा ने कहा कि एक बार फिर पाकिस्तान में प्रजातंत्र का माखौल उड़ा है. इमरान जिस तरह से अविश्वास प्रस्ताव से भाग गए, ये शर्मनाक है. प्रजातंत्र की ताकत संस्थाएं होती हैं. संस्थाओं में कोई ताकत नहीं है. डिप्टी स्पीकर का व्यवहार भी शर्मनाक है. पाकिस्तान में भारी अस्थिरता होगी. लोग सड़कों पर भी उतर सकते हैं. हमारे पड़ोस में इस तरह की घटनाएं होती हैं तो ये ठीक संकेत नहीं है. पाकिस्तान आंतरिक मामलों से निपटने के लिए कुछ भी कर सकता है जिस तरह से वो अमेरिका को दोष दे रहे हैं.
सेना को लेकर पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह ने कहा कि ये जो कुछ हो रहा है, वो आंतरिक मामला है, अगर वो कुछ छेड़छाड़ करेंगे तो फिर बालाकोट जैसा जवाब दे दिया जाएगा. जो वहां हो रहा है वो प्रजातंत्र के लिए अच्छा नहीं है. जहां तक फौज का सवाल है, इमरान पीएम भले हों, आर्मी ने कह दिया है कि वो दखल नहीं देगी लेकिन जिस दिन फौज ने फैसला कर लिया इमरान को घर जाना होगा.
यशवंत सिन्हा ने कहा कि फौज की भूमिका वही रहेगी जो हमेशा से रही है. पाक में जो भी हुकूमत रही है वो फौज के आशीर्वाद से ही बनी है. फौज का दखल वहां की राजनीति में बरकरार रहेगा, आने वाले समय में ये और मजबूत भी हो सकता है. पाकिस्तान में अगर लोग सड़कों परउतरेंगे तो फौज के लिए ये काम और आसान हो जाएगा. पाकिस्तान की फौज कंट्रोल अपनी हाथों में ले लेगी.
यशवंत सिन्हा ने कहा कि पड़ोसी देश होने के नाते हमें फौज की भूमिका पर नजरें रखनी होगी. वहीं, नटवर सिंह ने कहा कि 30-35 साल से पाकिस्तान में तनाशाह शासन रहा है. किसी भी सरकार ने 5 साल पूरे नहीं किए हैं.
भारत के पड़ोसी देशों में हमेशा से अशांति रही है: यशवंत सिन्हा
यशवंत सिन्हा ने कहा कि भारत के पड़ोसी देश हमेशा से अशांत रहे हैं. हमारा पड़ोस आज और भी अशांत हो गया है. श्रीलंका का सीधा असर हमारे देश पर पड़ता है. वहां के लोग तमिलनाडु भागकर आ जाते हैं. ये भारत के लिए शुभ संकेत नहीं है कि हमारा पड़ोस आज अशांत है. हमें हर वो चीज मुक्कमल करनी चाहिए ताकि हम मजबूत बने रहे.
इमरान खान को कैसे आंकते हैं...
नटवर सिंह ने कहा कि अगर झगड़े वगैरह हुए तो फौज आ जाएगी और इमरान खान को हटा देगी. इमरान ने चार साल फौज के भरोसे काटे हैं. फौज ने अंतरराष्ट्रीय हालात देखकर कहा है कि वो दखल नह देगी. चीन देख रहा है और सलाह देगा कि आप अपने देश को ठीक तरीके से चलाइए.
आपातकाल की स्थिति दिख रही है...
यशवंत सिन्हा ने कहा कि चुनाव होगा भी तो पाकिस्तान की संवैधानिक व्यवस्था के अनुसार होगा. इमरान खान 15 दिन के बाद हट जाएंगे, वे प्रधानमंत्री नहीं रहेंगे. इमरान खान किसी भी हद तक जा सकते हैं, आज के स्थिति को देखकर तो यही कहा जा सकता है. मैं इस बात से सहमत हूं कि शायद चुनाव ही एक रास्ता है जो सब कुछ ठीक करेगा.
पाकिस्तान की एक ही फॉरेन पॉलिसी है कि... भारत को गाली दो
नटवर सिंह ने कहा कि उनकी एक ही फॉरेन पॉलिसी है कि अगर कुछ भी गलत हो तो हिंदुस्तान को गाली दो. हम दुनिया के चार-पांच पहले देशों में से हैं. हिंदुस्तान के पास और काम है. पहले वो अपनी हुकूमत तो चलाएं. चुनाव के पहले वहां विरोधी दल क्या कुछ करेगा, पहले ये तो संभालें. उन्होंने कहा कि पहले ये देखना है कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला क्या होगा. फिर 90 दिन के अंदर चुनाव होगा. अगर चुनाव हुआ तो पता नहीं कौन जीतेगा.
यशवंत सिन्हा ने कहा कि अभी तक इमरान खान ने भारत की विदेश नीति और यहां की व्यवस्था के बारे में अच्छी बात कहते रहे हैं. सेनाध्यक्ष बाजवा ने कहा है कि भारत के साथ डिप्लोमैटिक तरीके से शांति स्थापित करने का प्रयास होना चाहिए. पाकिस्तान में कब क्या हो जाएगा, इसका कोई भरोसा नहीं है. मुझे लगता है कि फौज का वहां दखल हो जाएगा. भारत को पाकिस्तान के आवाम से नहीं फौज से खतरा है. हमें सावधान रहने की जरूरत है.
हिंदुस्तान को क्या करना चाहिए...
यशवंत सिन्हा ने कहा कि पाकिस्तान की आंतरिक स्थिति के बारे में अभी बात कर रहे हैं जिसे हम देख रहे हैं. इसमें भारत की कोई भूमिका नहीं है. अभी फिलहाल हमें पाकिस्तान में हो रहे परिस्थितियों पर नजर रखनी होगी.
नटवर सिंह ने कहा कि पाकिस्तान की लीडरशीप और पॉलिटिक्स का स्तर बहुत नीचा है. जो कुछ होने वाला है, उसे हमें देखना चाहिए. पाकिस्तान से चार लड़ाइयां हुई है जिसमें पाकिस्तान की हार हुई है.
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