PM Modi in Europe: यूरोप दौरे पर गए पीएम नरेंद्र मोदी जर्मनी के बाद अब डेनमार्क जा रहे हैं. यहां वह डेनमार्क की राजधानी कोपेनहेगेन शहर में होंगे. जर्मनी की तरह डेनमार्क में भी पीएम मोदी की कई कार्यक्रम होंगे. यहां पीएम मोदी India-Nordic Summit में भी शामिल होंगे जो काफी अहम माना जा रहा है.
डेनमार्क में मोदी सबसे पहले डेनमार्क की पीएम मेटे फ्रेडरिकसेन से मिलेंगे. इसके अलावा डेनमार्क की रानी Queen Margrethe II के साथ मोदी डिनर भी करेंगे.
मोदी यहां भारत-डेनमार्क व्यापार मंच (India-Denmark Business Forum) में भी हिस्सा लेंगे. डेनमार्क में पीएम मोदी भारतीय मूल के लोगों को संबोधित भी करेंगे.
India-Nordic Summit की मेजबानी कर रहा डेनमार्क
इसके बाद मोदी 2nd India-Nordic Summit में हिस्सा लेंगे. इस बार डेनमार्क इसकी मेजबानी कर रहा है. Nordic देश वो हैं जो उत्तरी यूरोप का हिस्सा हैं. इसमें डेनमार्क, फिनलैंड, आइसलैंड, नॉर्वे और स्वीडन शामिल हैं. पीएम मोदी आइसलैंड की पीएम कैटरीन जैकब्सडॉटिरो, नार्वे के पीएम जोनास गहर स्टोर, स्वीडन की पीएम मैग्डेलेना एंडरसन और फिनलैंड की पीएम सना मारिन से मिलेंगे.
बता दें कि पहला India-Nordic Summit साल 2018 में स्वीडन के Stockholm में हुआ था. दूसरा समिट जून 2021 में होना था लेकिन फिर इसे टाल दिया गया था. इस कार्यक्रम का महत्व इस बात से समझा जा सकता है कि भारत के अलावा सिर्फ अमेरिका ही ऐसा देश है जिसके साथ Nordic देश समिट स्तर पर बातचीत करते हैं.
क्यों अहम है India-Nordic Summit?
भारत और Nordic देश एक दूसरे की ताकत और पूरक माने जाते हैं. ये सभी देश भी भारत की तरह मुक्त बाजार अर्थव्यवस्थाएं हैं. इन पांच देशों की कुल अर्थव्यवस्था 1.6 ट्रिलियन डॉलर की बताई जाती है. वहीं इन देशों और भारत के बीच सामान और सेवाओं का करीब 13 बिलियन डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार होता है. बीते चार सालों से पीएम मोदी Nordic देशों के नेताओं से लगातार संपर्क में हैं. भारत जो तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है, वह इन देशों के लिए अच्छी मार्केट बन सकता है.
2018 वाले समिट में छह देशों के बीच वैश्विक सुरक्षा, आर्थिक विकास, नवाचार और जलवायु परिवर्तन पर सहयोग की बात हुई थी. इसे ही आगे बढ़ाने पर अब चर्चा हो सकती है.
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