प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस वक्त पोलैंड और यूक्रेन के दौरे पर हैं. गुरुवार को पीएम मोदी पोलैंड में रहेंगे, इसके बाद 23 अगस्त को यूक्रेन का दौरा करेंगे. ऐसा पहली बार हो रहा जब कोई भारतीय प्रधानमंत्री यूक्रेन की यात्रा पर जा रहा है. कीव और नई दिल्ली के बीच राजनयिक संबंध 30 साल पहले यानी 1994 में स्थापित हुए थे. पीएम मोदी की ये यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध का माहौल और तेज हो गया है. पीएम मोदी का यूक्रेन दौरा बेहद खास माना जा रहा है और इससे भी अधिक खास है उनकी यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की से मुलाकात.
बता दें कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की के बीच हाल के वर्षों में कई महत्वपूर्ण मुलाकातें हुई हैं. इन मुलाकातों के दौरान दोनों नेताओं ने विभिन्न द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की है. पीएम मोदी और राष्ट्रपति जेलेंस्की कब-कब मिले और उन्होंने किन मुद्दों पर चर्चा की है, इस पर डालते हैं नजर-
नवंबर 2021, ग्लासगो: पीएम मोदी-राष्ट्रपति जेलेंस्की की मुलाकात, जलवायु परिवर्तन पर हुई थी चर्चा
नवंबर 2021, उस पहले मौके का गवाह बना जब पीएम मोदी और जेलेंस्की की मुलाकात हुई. हालांकि यह कोई ऑफिशियल मीटिंग नहीं थी, बल्कि दोनों नेताओं ने वैश्विक मंच पर ही मुलाकात की थी. स्कॉटलैंड के ग्लासगो शहर में तब संयुक्त राष्ट्र का COP26 जलवायु सम्मेलन आयोजित हुआ था. जिसमें दुनिया भर के नेता जलवायु परिवर्तन के मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एकत्र हुए थे.
जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर जोर
ग्लासगो में हुई इस मुलाकात के दौरान पीएम मोदी और राष्ट्रपति जेलेंस्की ने जलवायु परिवर्तन के खतरों और इसके वैश्विक प्रभावों पर गहन चर्चा की. दोनों नेताओं ने इस बात पर सहमति जताई कि जलवायु परिवर्तन के खिलाफ ग्लोबल सपोर्ट की जरूरत है और सभी देशों को इस दिशा में ठोस कदम उठाने होंगे. पीएम मोदी ने इस अवसर पर भारत के जलवायु संबंधी प्रयासों और "नेट ज़ीरो" कार्बन उत्सर्जन लक्ष्य को लेकर अपने विचार साझा किए. वहीं, राष्ट्रपति जेलेंस्की ने यूक्रेन की ओर से पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास के लिए किए जा रहे प्रयासों पर चर्चा की.
द्विपक्षीय संबंधों पर भी हुई चर्चा
इस मुलाकात में दोनों नेताओं ने भारत और यूक्रेन के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने पर भी बात की. शिक्षा, व्यापार और रक्षा जैसे क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने की संभावनाओं पर विचार किया गया. पीएम मोदी और राष्ट्रपति जेलेंस्की ने इस बात पर भी सहमति व्यक्त की कि दोनों देशों के बीच बेहतर संवाद और सहयोग से वैश्विक चुनौतियों का समाधान किया जा सकता है.
क्यों अहम रही पहली मुलाकात?
ग्लासगो में हुई यह मुलाकात महत्वपूर्ण थी क्योंकि इसने जलवायु परिवर्तन के खिलाफ वैश्विक प्रयासों में भारत और यूक्रेन के सहयोग को दर्शाया. इसके साथ ही, इस मुलाकात ने दोनों देशों के बीच बढ़ते द्विपक्षीय संबंधों को एक नई दिशा दी, जिससे भविष्य में और भी मजबूत साझेदारी की उम्मीद है.
मई 2023, हिरोशिमाः G7 शिखर सम्मेलन: यूक्रेन संकट पर संक्षिप्त चर्चा
दूसरा मौका आया मई 2023 में. जापान के हिरोशिमा में G7 शिखर सम्मेलन आयोजित हुआ था. इस दौरान पीएम मोदी और यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोवडिमिर जेलेंस्की के बीच एक महत्वपूर्ण मुलाकात हुई. इस मुलाकात ने वैश्विक मंच पर भारत और यूक्रेन के बीच द्विपक्षीय संबंधों को एक नई दिशा दी.
दोनों नेताओं ने क्या कहा?
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति जेलेंस्की की इस मुलाकात का मुख्य फोकस यूक्रेन में जारी युद्ध और इसके ग्लोबल इफेक्ट पर था. यूक्रेन और रूस के बीच जारी संघर्ष पर पीएम मोदी ने चिंता जताई और सभी पक्षों से बातचीत और कूटनीतिक रास्तों से समाधान खोजने का आग्रह किया. उन्होंने जोर देकर कहा था कि युद्ध से न केवल क्षेत्रीय स्थिरता प्रभावित हो रही है, बल्कि इसका गलोबल इकॉनमी पर भी गंभीर प्रभाव पड़ रहा है.
राष्ट्रपति जेलेंस्की ने पीएम मोदी को युद्ध की तब की स्थिति और यूक्रेन की चुनौतियों के बारे में भी बताया. उन्होंने भारत की तटस्थता और शांति की अपील की सराहना की और उम्मीद जताई कि भारत का प्रभाव संघर्ष के समाधान में सहायक हो सकता है.
ग्लोबल सपोर्ट और द्विपक्षीय संबंध
इस मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं ने वैश्विक चुनौतियों जैसे कि ऊर्जा सुरक्षा, खाद्य संकट और जलवायु परिवर्तन पर भी चर्चा की. पीएम मोदी और राष्ट्रपति जेलेंस्की ने इस बात पर सहमति जताई कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इन चुनौतियों का सामना करने के लिए एकजुट होना होगा. द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने पर भी विचार-विमर्श हुआ, जिसमें शिक्षा, व्यापार, और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने पर सहमति बनी.
कितनी अहम रही दूसरी मुलाकात
हिरोशिमा में G7 शिखर सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी और राष्ट्रपति जेलेंस्की की यह मुलाकात अंतरराष्ट्रीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण घटना के तौर पर उभर कर आई थी. इस मुलाकात ने न केवल यूक्रेन संकट के समाधान की दिशा में भारत की भूमिका को रेखांकित किया, बल्कि दोनों देशों के बीच बढ़ते सहयोग और आपसी विश्वास को भी मजबूत किया था.
14 जून 2024, इटलीः G7 शिखर सम्मेलन- प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति जेलेंस्की की तीसरी मुलाकात
14 जून 2024 को इटली में आयोजित G7 शिखर सम्मेलन के दौरान तीसरा मौका था, जब भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की की मुलाकात ने वैश्विक राजनीति और द्विपक्षीय संबंधों में एक महत्वपूर्ण मोड़ दिया. यह बैठक ऐसे समय में हुई जब यूक्रेन संकट और इससे पैदा हुईं वैश्विक चुनौतियां अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए गंभीर चिंता का विषय बनी हुई हैं.
यूक्रेन संकट पर भी हुई गंभीर चर्चा
इस मुलाकात के दौरान पीएम मोदी और राष्ट्रपति जेलेंस्की ने यूक्रेन और रूस के बीच जारी संघर्ष और इसके ग्लोबल इफेक्ट पर गहरी चर्चा की. प्रधानमंत्री मोदी ने यूक्रेन में शांति और स्थिरता की जरूरत पर जोर दिया कहा था कि यह संघर्ष ग्लोबल पीस (वैश्विक शांति) और सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा बन चुका है. उन्होंने सभी पक्षों से आग्रह किया कि वे कूटनीति और संवाद के जरिए समाधान खोजें. इस मुलाकात में जेलेंस्की ने एक बार फिर से भारत की तटस्थता और शांतिपूर्ण समाधान की अपील के लिए धन्यवाद दिया था.
वैश्विक मुद्दों पर सहयोग और द्विपक्षीय संबंधों में मजबूती
यूक्रेन संकट के अलावा, पीएम मोदी और राष्ट्रपति जेलेंस्की ने जलवायु परिवर्तन, ऊर्जा सुरक्षा, और वैश्विक खाद्य संकट जैसे महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा की. दोनों नेताओं ने इस बात पर सहमति जताई कि इन चुनौतियों का सामना करने के लिए वैश्विक सहयोग जरूरी है. इस बैठक के दौरान भारत और यूक्रेन के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने पर भी चर्चा हुई. दोनों नेताओं ने व्यापार, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, शिक्षा, और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने की इच्छा जताई.
कितनी अहम रही मुलाकात?
इटली में हुए G7 शिखर सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी और राष्ट्रपति जेलेंस्की की इस मुलाकात ने न केवल यूक्रेन संकट के समाधान की दिशा में भारत की सकारात्मक भूमिका को रेखांकित किया, बल्कि दोनों देशों के बीच बढ़ते सहयोग और आपसी विश्वास को भी मजबूत किया. यह बैठक दर्शाती है कि भारत, अपने वैश्विक संबंधों को संतुलित रखते हुए, शांति और स्थिरता के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए प्रतिबद्ध है.
23 अगस्त को चौथी लेकिन पहली आधिकारिक मुलाकात
23 अगस्त को पीएम मोदी चौथी बार जेलेंस्की से मुलाकात करने वाले हैं. यह चौथा मौका होगा जब पीएम मोदी और यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की मिलने जा रहे हैं. वहीं आपको यह भी बता दें कि यह मुलाकात एक मायने में खास होने वाली है. पीएम मोदी और जेलेंस्की की यह पहली आधिकारिक मुलाकात होगी. इससे पहले दोनों देशों के नेता किसी अन्य देश में किसी अन्य मंचों पर ही मिले हैं. जबकि इस बार पीएम मोदी जेलेंस्की के बुलावे पर ही यूक्रेन जा रहे हैं.
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