मौलाना हैदरी को वीजा ना मिलने पर बिफरा PAK, दी अमेरिका के बॉयकॉट की धमकी

मसला हल होने तक पाकिस्तानी संसद, संसदीय समितियां और सांसद किसी भी अमेरिकी दल, सांसद या राजनयिक का स्वागत नहीं करेंगे.

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जमीयत उलेमा इस्लाम फज्ल (JUI-F) के महासचिव मौलाना अब्दुल गफूर हैदरी जमीयत उलेमा इस्लाम फज्ल (JUI-F) के महासचिव मौलाना अब्दुल गफूर हैदरी

संदीप कुमार सिंह

  • इस्लामाबाद,
  • 13 फरवरी 2017,
  • अपडेटेड 12:23 PM IST

पाकिस्तान की सेनेट के उप सभापति को वीजा देने से अमेरिका के इनकार के बाद पाकिस्तानी सांसद भड़के हुए हैं. इसके बाद पाकिस्तानी जनप्रतिनिधियों ने अमेरिका का बॉयकॉट करने की धमकी दी है. गौरतलब है कि पाकिस्तानी सेनेट के उप सभापति और जमीयत उलेमा इस्लाम फज्ल (JUI-F) के महासचिव मौलाना अब्दुल गफूर हैदरी को अमेरिका ने वीजा देने से इनकार कर दिया है.

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इसके कारण दो सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल का प्रस्तावित अमेरिकी दौरा रद्द हो गया है. हैदरी संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में 13 और 14 फरवरी को होने वाली इंटर- पार्ल्यामेंटरी यूनियन की बैठक में शामिल होने के लिए न्यूयॉर्क जाने वाले थे. बयान जारी कर यह भी कहा कि मसला हल होने तक पाकिस्तानी संसद, संसदीय समितियां और सांसद किसी भी अमेरिकी दल, सांसद या राजनयिक का स्वागत नहीं करेंगे.

पाकिस्तान ने उठाया कदम मौलाना हैदरी कट्टरपंथी संगठन JUI-F से ताल्लुक रखते हैं, जो अमेरिका विरोधी रुख के लिए जाना जाता है. सेनेटर लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) सलाऊद्दीन तिरमिजी भी हैदरी के साथ अमेरिका जाने वाले थे और उनको दो दिन पहले ही अमेरिकी वीजा दे दिया गया था. हैदरी का वीजा रद्द होने के बाद पाकिस्तानी सेनेट के सभापति रजा रब्बानी के निर्देश पर दोनों सेनेटरों की यात्रा को अब रद्द कर दिया गया है.

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रब्बानी ने अपने सचिवालय को निर्देश दिया है कि मुद्दे के हल होने तक किसी अमेरिकी शिष्टमंडल, यूएस कांग्रेस के सदस्यों या राजनयिकों को पाकिस्तानी सेनेट, इसकी स्टैंडिंग कमेटी की ओर से कोई तवज्जो नहीं दी जाए. रब्बानी ने यह भी आदेश दिया है कि कोई पाकिस्तानी सेनेट का प्रतिनिधिमंडल तब तक अमेरिका नहीं जाएगा, जब तक कि हैदरी का वीजा रद्द करने का आधिकारिक कारण न बताया जाए.

पहले आसानी से मिल जाता था वीजा
पाकिस्तान के अंग्रेजी अखबार एक्सप्रेस टिब्यून के मुताबिक, सीनेट सचिवालय ने दोनों सांसदों को वीजा अनुमति दिए जाने का आवेदन दो सप्ताह पूर्व दिया था. यात्रा से दो दिन पहले जब सचिवालय के अधिकारियों ने इस्लामाबाद स्थित अमेरिकी दूतावास का रिकॉर्ड चेक किया तो पाया कि हैदरी को वीजा अनुमति नहीं मिली है. इससे पहले पाकिस्तान और अमेरिका के अच्छे रिश्तों की वजह से आसानी से वीजा मिल जाता था और सामान्य आवेदन से ही वीजा मिल जाता था.

अमेरिका ने किया था वीजा देने से इनकार
ट्रंप सरकार ने पाकिस्तानी सीनेट (राज्यसभा की तरह उच्च सदन) के उपाध्यक्ष मौलाना अब्दुल गफूर हैदरी को वीजा देने से इनकार कर दिया था. हैदरी पाकिस्तान की बड़ी इस्लामी पार्टी जमायत उलेमा इस्लाम के महासचिव भी हैं. मुस्लिम देशों पर सख्त ट्रंप प्रशासन ने पहली बार पाकिस्तान के खिलाफ कदम उठाया है, बदले में पाकिस्तानी सीनेट के अध्यक्ष रजा रब्बानी ने अगले आदेश तक अपने यहां किसी भी अमेरिकी सांसद, राजनयिक या शिष्टमंडल का स्वागत न करने का निर्देश जारी कर दिया है.

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हैदरी को संयुक्त राष्ट्र के न्यूयॉर्क स्थित मुख्यालय में 13-14 फरवरी को आयोजित अंतर संसदीय संघ की बैठक में शामिल होने के लिए अमेरिका जाना था, उन्हें बैठक में दो सदस्यीय सीनेट के दल का नेतृत्व करना था, लेकिन अमेरिका ने वीजा देने से मना कर दिया और इसके लिए तकनीकी वजह बताते हुए मामले को अनिश्चित काल के लिए लंबित रख दिया.

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