क्या अब युद्ध ही विकल्प? जिस ISI ने बिगाड़ी थी बात, उसी का अफसर फिर पहुंचा तालिबान से वार्ता करने

अविश्वास के लंबे दौर के बाद पाकिस्तान और अफगानिस्तान एक बार फिर से आज इस्तांबुल में बातचीत की टेबल पर होंगे. इस बातचीत से पहले ही पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा है कि अगर ये बात सफल नहीं हुई तो युद्ध ही एकमात्र विकल्प है.

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तालिबान ने कहा है कि पाकिस्तान की हर हिमाकत का जवाब दिया जाएगा. (Photo: AP) तालिबान ने कहा है कि पाकिस्तान की हर हिमाकत का जवाब दिया जाएगा. (Photo: AP)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 06 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 2:28 PM IST

एक दूसरे को युद्ध की चेतावनी दे लेने के बाद, दो राउंड की वार्ता फेल होने के बाद और अफगानिस्तान और पाकिस्तान आज एक बार फिर से तुर्की में बातचीत की टेबल पर बैठेंगे. इस बीच पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा है कि अगर बातचीत नाकाम रही तो इसके बाद पाकिस्तान के सामने एकमात्र विकल्प युद्ध रह जाएगा.

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वार्ता से पहले पाकिस्तान की ओर से अलग अलग प्लेटफॉर्म पर अफगानिस्तान को धमकाया जा रहा है. वहां के थिंक टैंक, पत्रकार अफगान तालिबान पर इस्लामाबाद के सामने घुटने टेकने के लिए दबाव बना रहे हैं.  

पाकिस्तान के पत्रकार अली के चिश्ती ने कहा है कि अगले 5-7 दिन अफगान तालिबान शासन के भाग्य का फैसला करेंगे. क्या वे अफ़गानिस्तान का पुनर्निर्माण और शासन करना चाहते हैं. या TTP और BLA के साथ राजनीतिक और सैन्य रूप से मरना चाहते हैं? चुनाव अस्तित्व का है. 

वहीं तालिबान ने भी पाकिस्तान की धमकियों का जवाब दिया है. अफगानिस्तान के गृह मंत्री ने पाकिस्तानी धमकी का जवाब देते हुए कहा कि अफगानिस्तान किसी भी पाकिस्तानी हमले पर निर्णायक और शक्तिशाली प्रतिक्रिया देगा. तालिबान ने कहा है कि पाकिस्तान अपने पड़ोसी को किसी भी कीमत पर कम आंकने की भूल न करे.

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11 और 15 अक्टूबर के बीच हुई झड़पों के बाद से पाकिस्तान और अफ़ग़ान तालिबान के प्रतिनिधियों के बीच दो दौर की बातचीत हो चुकी है. पहले दोहा में और फिर इस्तांबुल में. लेकिन अभी तक कोई अंतिम समझौता नहीं हो पाया है. 

तीसरे दौर की बातचीत के लिए तुर्की और कतर की संयुक्त मध्यस्थता में दोनों पक्षों के प्रतिनिधिमंडल बुधवार को इस्तांबुल पहुंच चुके हैं. दोनों देशों के बीच वार्ता दो दिनों तक चलेगी.  इस लिहाज से दोनों देशों के भविष्य के रिश्तों के लिए अगले 48 घंटे अहम हैं.

इस दौर में पाकिस्तान के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व ISI के डीजी लेफ्टिनेंट जनरल असीम मलिक कर रहे हैं. इस टीम में सेना, खुफिया एजेंसियों और विदेश कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं.

वहीं अफगानिस्तान की टीम जनरल डायरेक्टरेट ऑफ इंटेलिजेंस (जीडीआई) के प्रमुख अब्दुल हक वासेक, उप आंतरिक मंत्री रहमतुल्लाह नजीब, तालिबान प्रवक्ता सुहैल शाहीन, अनस हक्कानी, कहर बल्खी, जाकिर जलाली और अंकारा में अफगानिस्तान के प्रभारी राजदूत शामिल हैं. 

सेकेंड राउंड में भी ISI ने ही बिगाड़ी थी बात

बता दें कि अफगानिस्तान-पाकिस्तान के बीच दूसरे राउंड की वार्ता की अगुआई भी ISI के शातिर अफसर ने की थी. सेकेंड राउंड में पाकिस्तान की ओर से बातचीत की अगुआई मेजर जनरल शहाब असलम कर रहे थे. शहाब असलम आईएसआई में स्पेशल ऑपरेशन डिवीजन के चीफ हैं. दोनों देशों के बीच कई मुद्दों पर सहमति भी बन गई थी. तभी इस्तांबुल में मौजूद पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल को इस्लामाबाद से एक कॉल आया और इसके बाद पाकिस्तान का सुर बदल गया.

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इस लिहाज से इस बार की वार्ता और भी अहम रहने वाली है. पिछली बार की गलतियों से सबूत लेते हुए अफगानिस्तान ने अपनी तैयारी और भी मजबूत कर ली है. और अपनी डिमांड लिस्ट को तैयार कर लिया है. अफगानिस्तान ने बार बार कहा है कि वो शांति चाहता है लेकिन गैरजरूरी दबाव और अपनी जमीन पर हमला बर्दाश्त नहीं करेगा.

पाकिस्तान के रवैये से फेल हुई थी थर्ड राउंड वार्ता

अफगानिस्तान-पाकिस्तान के बीच की दूसरी दौर की वार्ता पाकिस्तान के पाखंड भरे रवैये की वजह से टूट गई थी. 

इस्तांबुल में बातचीत की टेबल पर बैठे पाकिस्तान की मांग थी कि उसे अफगानिस्तान के अंदर घुसकर  तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) पर हमला करने मिले. लेकिन जब अफगानिस्तान ने कहा कि पाकिस्तान भी अपनी जमीन से अफगानिस्तान आ रहे अमेरिकी ड्रोन पर रोक लगाए तो इस्लामाबाद का जवाब चौंकाने वाला था. 

इस्लामाबाद ने कहा कि पाकिस्तान का अमेरिका के साथ रक्षा समझौता है जिसके तहत पाकिस्तान अपनी जमीन से अमेरिकी ड्रोन्स को उड़ने की इजाजत देता है और वो इस समझौते को तोड़ नहीं सकता है. अफगानिस्तान का आरोप है कि पाकिस्तान से आ रहे ड्रोन्स अफगानिस्तान में हमला करते हैं. 

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