पाकिस्तान बना रहा नया टापू, ट्रंप के दावे को सच मान बैठे शहबाज!

पाकिस्तान अब अपने आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए तेल की उम्मीद पर टिका है. वह डोनाल्ड ट्रंप के नारे पर चलते हुए कराची से 130 किमी दूर आर्टिफिशियल द्वीप का निर्माण कर रहा है. ताकि वह 24 घंटे उस जगह से तेल की खोज कर सके.

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तेल की उम्मीद पर टिका पाकिस्तान का बड़ा दांव (Photo: AP) तेल की उम्मीद पर टिका पाकिस्तान का बड़ा दांव (Photo: AP)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 20 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 5:15 PM IST

पाकिस्तान अब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मशहूर नारे “ड्रिल, बेबी, ड्रिल” - तेल निकालो, खूब निकालो - को सच करने की कोशिश में जुट गया है. कुछ महीने पहले ट्रंप ने दावा किया था कि पाकिस्तान के पास बहुत बड़े तेल भंडार दबे हैं. 

उस समय न विशेषज्ञों को भरोसा हुआ, न पाकिस्तान की अपनी सरकार को. लेकिन अब पाकिस्तान पेट्रोलियम लिमिटेड (PPL) ने उन “संभावित खज़ानों” की तलाश शुरू कर दी है.

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कराची से लगभग 130 किलोमीटर दूर, सिंध के सुजावल तट के पास PPL समुद्र में एक आर्टिफिशियल द्वीप (टापू) बना रही है. यह द्वीप मिट्टी और रेत डालकर तैयार किया जा रहा है ताकि 24 घंटे तेल और गैस की खोज बिना रुकावट चल सके. 

लहरों और ज्वार से बचाने के लिए प्लेटफ़ॉर्म को 6 फीट ऊंचा बनाया जा रहा है. PPL के जनरल मैनेजर अरशद पालेकर का कहना है कि यह द्वीप फरवरी तक तैयार हो जाएगा और इसके बाद 25 कुएं खोदने का काम शुरू होगा.

पाकिस्तान का नया प्रयोग, दुनिया के लिए पुरानी तकनीक

पहली बार पाकिस्तान समुद्र में जमीन बनाकर ऑफशोर ड्रिलिंग करने जा रहा है. UAE, जापान और चीन पहले इस मॉडल का इस्तेमाल कर चुके हैं. ऐसे द्वीपों पर काम करने वाली टीम वहीं रह सकती है, जिससे समय और खर्च दोनों बचते हैं.

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सुजावल के पास 6 फीट ऊंचे कृत्रिम द्वीप पर 24×7 ड्रिलिंग की तैयारी (Photo: Reuters)

लेकिन सवाल वही - क्या सच में तेल है?

अब तक पाकिस्तान को किसी बड़े तेल भंडार के पुख़्ता सबूत नहीं मिले हैं. देश अपनी जरूरत का करीब 80 फीसदी तेल बाहर से खरीदता है और उसके भंडार दुनिया में 50वें नंबर पर हैं. 2019 में कराची के पास Kekra-1 नाम की ड्रिलिंग कोशिश असफल रही थी, जिसके बाद एक्सॉन मोबिल और फिर कुवैत पेट्रोलियम और शेल जैसी कंपनियां पाकिस्तान से हट गईं.

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ट्रंप का दावा और पाकिस्तान की उम्मीदें

जुलाई में ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रूथ सोशल पर लिखा कि अमेरिका और पाकिस्तान मिलकर “बड़े तेल भंडारों” पर काम करेंगे, और अगर तेल मिला तो भारत भी ग्राहक बन सकता है. इसके बाद पाकिस्तान ने ट्रंप की तारीफ़ से लेकर उन्हें नोबेल पुरस्कार के लिए सुझाने तक, हर कदम तेजी से उठाया. अब कई कंपनियों को ऑफशोर ड्रिलिंग की परमिशन भी दे दी गई है.

ट्रंप ने थ्रूथ पर पाकिस्तान के तेल भंडाल को लेकर किया था पोस्ट

लोगों की प्रतिक्रियाएं - समर्थन से ज्यादा तंज

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सोशल मीडिया पर इस प्रोजेक्ट को लेकर खूब मजाक हो रहा है. एक यूज़र ने लिखा - “ट्रंप ने बस बोल दिया, और पूरा पाकिस्तान समंदर में मिट्टी डालने उतर गया!” कुछ लोगों ने इसे ‘बंकर प्रोजेक्ट’ तक कहा - जहां अमीर लोग बाकी जनता से छिपकर रहेंगे.

अब असली परीक्षा यह है कि क्या पाकिस्तान को सच में तेल मिलेगा या यह प्रोजेक्ट भी बीते प्रयासों की तरह सिर्फ सपना बनकर रह जाएगा. फिलहाल तो पूरा मामला “ट्रंप भरोसे” पर आगे बढ़ रहा है.
 

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