भारत द्वारा मई 2025 में किए गए ऑपरेशन सिंदूर को छह महीने से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन पाकिस्तान अभी भी उस सैन्य क्षति से उभर नहीं पाया है. एक नई सैटेलाइट रिपोर्ट बताती है कि भारतीय प्रिसिजन स्ट्राइक्स ने जिन ठिकानों को निशाना बनाया था, उनमें कई का आज भी मरम्मत चल रहा है.
ओएसआईएनटी विशेषज्ञ डेमियन साइमन ने एक्स (X) पर पोस्ट किया कि रावलपिंडी के नूर खान एयरबेस, जिसे भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान टारगेट किया था, वहीं उस स्थान पर अब एक नया ढांचा तैयार किया जा रहा है. यह वही एयरबेस है जो पाकिस्तान के स्ट्रैटेजिक प्लान्स डिविज़न यानी उसके परमाणु ढांचे की निगरानी करने वाली संस्था के बेहद करीब स्थित है, इसलिए यह हमला पाकिस्तान के लिए बड़ा झटका माना गया था.
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इसी तरह, सिंध के जैकबाबाद एयरबेस पर भारत की स्ट्राइक के बाद जो हैंगर क्षतिग्रस्त हुआ था, उसका छत धीरे-धीरे हटाकर निरीक्षण किया जा रहा है. साइमन के अनुसार, यह प्रक्रिया इसलिए अपनाई गई है ताकि अंदरूनी नुकसान का सही आकलन किया जा सके, फिर उसके बाद पूरी मरम्मत शुरू हो सके.
पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों को बनाया गया था निशाना
ऑपरेशन सिंदूर में केवल यही दो ठिकाने नहीं, बल्कि कुल 11 पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया गया था, जिनमें मुरिद, रफीक़ी, मुशाफ, भोलारी, काद्रीम, सियालकोट और सुक्कुर एयरबेस भी शामिल थे. ये हमले पाकिस्तान की ओर से भारतीय सैन्य ठिकानों और नागरिक क्षेत्रों पर किए गए हमलों के जवाब में किए गए थे.
पाकिस्तान के एयरबेस को हुआ था भारी नुकसान
भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने मई में कहा था कि पाकिस्तान ने "बहुत भारी और असहनशील नुकसान" झेला है, जमीन और हवा, दोनों मोर्चों पर. हमलों के बाद, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भी स्वीकार किया था कि भारत के मिसाइल हमलों ने नूर खान एयरबेस सहित कई प्रमुख सैन्य ठिकानों को चोट पहुंचाई.
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डेमियन साइमन ने इससे पहले किराना हिल्स पर भारतीय स्ट्राइक का दावा भी किया था, जहां पाकिस्तान का एक महत्वपूर्ण परमाणु भंडारण स्थल माना जाता है.
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