पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) ने सेना के प्रवक्ता DG ISPR अहमद शरीफ चौधरी के उस बयान की कड़ी निंदा की है जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को "राष्ट्रीय सुरक्षा खतरा" बताया गया. PTI ने इसे "हास्यास्पद" और "चिंताजनक" बताते हुए कहा कि ऐसे बयान देश के लोकतांत्रिक ढांचे को कमजोर करने वाले हैं.
पाकिस्तानी सेना की मीडिया विंग ISPR के प्रमुख ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाया था कि इमरान खान का "एंटी-आर्मी नैरेटिव" राजनीति से आगे बढ़कर राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा बन गया है. इसके जवाब में PTI के महासचिव सलमान अकमर रजा ने कहा कि पाकिस्तान की जनता इमरान खान के साथ खड़ी है और उन्हें "सुरक्षा खतरा" बताना वास्तविकता से कोसों दूर है. रजा ने कहा, "इमरान खान ने हमेशा लोगों को एकजुट किया है, उन्होंने कभी जातीय या सांप्रदायिक राजनीति नहीं की."
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राजा ने KP सरकार को अस्थिर करने की संभावित कोशिशों पर भी चेतावनी दी. उन्होंने कहा कि इमरान खान को "माइनस" करने का विचार अव्यावहारिक है और ऐसा हुआ तो देश के हितों को गंभीर नुकसान पहुंचेगा. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के इतिहास में लोकप्रिय नेताओं को हटाने के कई प्रयास हुए, लेकिन वे कभी जनता के दिलों से नहीं निकले-चाहे वह बेनजीर भुट्टो ही क्यों न हों.
पाकिस्तान में लोकतंत्र को कमजोर किया गया!
PTI नेताओं ने कहा कि पाकिस्तान में जब भी लोकतंत्र को कमजोर किया गया, नतीजे देश के लिए नुकसानदायक ही रहे. रजा ने दावा किया कि सेना शासन के दौरों ने कभी स्थिरता या समृद्धि नहीं दी. उन्होंने कहा कि अभिव्यक्ति पर पाबंदियां, साइबर कानूनों के दुरुपयोग और राजनीतिक दमन देश को खतरनाक दिशा में ले जा रहे हैं.
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PTI के कार्यकर्ता और नेता लगातार आंदोलन कर रहे हैं
PTI चेयरमैन गोहर अली ने भी DG ISPR के बयान को "गैर-जरूरी और अस्वीकार्य" बताया. उन्होंने कहा कि ऐसे शब्द देश की राजनीति को और तनावपूर्ण बना देंगे. गोहर ने इमरान खान से मुलाकातों पर अनावश्यक राजनीति बंद करने की अपील की और कहा कि मौजूदा माहौल नहीं बदला तो "माइनस-वन नहीं, माइनस-सभी" की स्थिति पैदा हो सकती है, जो देशहित में नहीं है.
PTI नेताओं ने कहा कि पार्टी लोकतंत्र, कानून और शांतिपूर्ण राजनीति में विश्वास रखती है और उसी रास्ते से बदलाव चाहती है. उन्होंने चेतावनी दी कि यदि हालात ऐसे ही रहे तो सबसे बड़ा नुकसान पाकिस्तान के लोकतंत्र को होगा.
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