बॉर्डर पर मार के बाद अब कारोबार पर चोट... PAK से मिले हर जख्म का यूं बदला ले रहा अफगानिस्तान

अफगानिस्तान के साथ सीमा बंद करना पाकिस्तान के लिए गले की फांस बन गया है. उसका सीमेंट उद्योग, दवा निर्यात और फल-सब्जियों का व्यापार बुरी तरह प्रभावित हुआ है. कोयले के दाम आसमान छू रहे हैं, फल व सब्जी मंडियों में माल सड़ रहा है.

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अफगानिस्तान से लगती उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान की तोरखम सीमा पर माल से लदे सैकड़ों ट्रक फंसे हुए हैं. (Photo: Reuters) अफगानिस्तान से लगती उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान की तोरखम सीमा पर माल से लदे सैकड़ों ट्रक फंसे हुए हैं. (Photo: Reuters)

aajtak.in

  • इस्लामाबाद,
  • 01 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 4:15 PM IST

पाकिस्तान के डीजी आईएसपीआर लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने अफगानिस्तान को चेतावनी दी थी कि 'खून और कारोबार साथ-साथ नहीं चल सकते'. अब यही बात पाकिस्तान पर भारी पड़ रही है. अफगानिस्तान के साथ 48 दिनों से सीमा बंद होने के कारण पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था बुरी तरह चरमरा गई है, जबकि तालिबान ने फुर्ती दिखाते हुए अपना व्यापार ईरान, भारत, मध्य एशिया और तुर्की की ओर मोड़ लिया है. 

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पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ इसे 'त​हरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के आतंकवादियों को रोकने का सबसे अच्छा तरीका' बता रहे हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि बॉर्डर बंद होने की कीमत आम व्यापारी, ट्रांसपोर्टर, मजदूर और उपभोक्ता चुका रहे हैं. जनरल चौधरी की दी गई धमकी अब पाकिस्तान के गले की फांस बन चुकी है.

सीमेंट और फार्मा उद्योग बुरी तरह प्रभावित

'द डॉन' की रिपोर्ट के मुताबिक अफगान कोयले का आयात बंद होने से पाकिस्तानी सीमेंट कंपनियों को दक्षिण अफ्रीका, इंडोनेशिया और मोजाम्बिक से महंगा कोयला खरीदना पड़ रहा है. स्थानीय कोयले की कीमत 30-32 हजार से बढ़कर 42-45 हजार रुपये प्रति टन हो गई. पाकिस्तान हर साल अफगानिस्तान को करीब 187 मिलियन डॉलर की दवाएं निर्यात करता था; अब पूरा स्टॉक फैक्टरियों में फंसा है. कई दवाएं पाकिस्तान में रजिस्टर्ड ही नहीं हैं, इसलिए लोकल मार्केट में भी नहीं बिक सकतीं.

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फल और सब्जियां सड़ रहीं, कीमतें दोगुनी

पाकिस्तान के मंडियों में फल-सब्जियों के ढेर लगे हैं, पर कोई खरीदार नहीं है. अफगानिस्तान के लिए जाने वाला पूरा माल या तो सड़ रहा है या नष्ट करना पड़ रहा. दूसरी तरफ पाकिस्तान में अफगानिस्तान से आयातित फलों और ड्राइ फ्रूट्स के दाम दोगुने हो गए हैं. पश्तून बहुल खैबर पख्तूनख्वा के व्यापारियों-उद्योगपतियों ने जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (JUI-F) प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान से मदद मांगी है. व्यापारियों ने बताया कि 45 दिन में अरबों-खरबों रुपये का नुकसान हो चुका है. बैचा खान मर्कज में हुए जिरगे में खैबर पख्तूनख्वा बेस्ड आवामी नेशनल पार्टी (ANP) ने भी सरकार पर दोहरा मापदंड अपनाने का आरोप लगाया. 

पाकिस्तान के खिलाफ तालिबान की सख्ती

अफगानिस्तान में तालिबान शासन के उप-प्रधानमंत्री मुल्ला गनी बरादर ने साफ कहा, 'अब पाकिस्तान के रास्ते व्यापार करने वालों को कोई मदद नहीं मिलेगी.' इसके बाद दो अफगान प्रतिनिधिमंडल लगातार भारत आए, जिनमें उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री अलहाज नूरुद्दीन अजीजी भी शामिल थे. अफगानिस्तान अब रूस को भी अपने उत्पाद निर्यात कर रहा है. इधर यूएन ने पाकिस्तान से अफगानिस्तान के साथ व्यापार मार्ग दोबारा खोलने की अपील की है. पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने कहा कि वह प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और आर्मी चीफ आसिम मुनीर से इस मुद्दे पर बात करेंगे.

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