पाकिस्तान का एक और कारनामा... भारत के खिलाफ दुष्प्रचार करने वाले मंत्री को मिलेगा 'सितारा-ए-इम्तियाज' सम्मान

पाकिस्तान की सेना ने संघीय सूचना मंत्री अत्ताउल्लाह तारड़ को सितारा-ए-इम्तियाज़ (देश का एक बड़ा नागरिक और सैन्य सम्मान) देने की घोषणा की है. यह सम्मान उन्हें हालिया भारत-पाक संघर्ष के दौरान 'ऑपरेशन सिंदूर' में निभाई गई भूमिका के लिए दिया जाएगा.

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पाकिस्तान के सूचना मंत्री अताउल्लाह तरार (Photo- X) पाकिस्तान के सूचना मंत्री अताउल्लाह तरार (Photo- X)

सुबोध कुमार

  • नई दिल्ली,
  • 13 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 11:06 PM IST

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भौंहें चढ़ाने वाला कदम उठाते हुए पाकिस्तान की सेना ने संघीय सूचना मंत्री अत्ताउल्लाह तारड़ को सितारा-ए-इम्तियाज़ (देश का एक बड़ा नागरिक और सैन्य सम्मान) देने की घोषणा की है. यह सम्मान उन्हें हालिया भारत-पाक संघर्ष के दौरान 'ऑपरेशन सिंदूर' में निभाई गई भूमिका के लिए दिया जाएगा.

तारड़ का रिकॉर्ड सिर्फ डिजिटल प्रोपेगेंडा तक सीमित नहीं है. 23 जून को उन्होंने पाकिस्तान में आयोजित बुन्यानुम मर्सूस नामक सार्वजनिक कार्यक्रम में हिस्सा लिया, जहां लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी सम्मानित किए गए. इनमें अमेरिकी प्रतिबंध सूची में शामिल कारी याकूब शेख, जो हाफिज सईद के बेटे तल्हा सईद का करीबी है और पहलगाम आतंकी हमले का साजिशकर्ता लश्कर कमांडर सैफुल्लाह कसूरी शामिल थे. शेख पर 2013 में श्रीनगर के सीआरपीएफ कैंप पर आत्मघाती हमले की साजिश और भारतीय प्रधानमंत्री को धमकी देने का आरोप भी है.

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प्रोपेगेंडा बढ़ाने के लिए X बैन हटाया

ध्यान देने वाली बात यह है कि 7 मई को, जब भारत-पाक तनाव चरम पर था, इस्लामाबाद ने अचानक 15 महीने से लागू X (पूर्व में ट्विटर) पर लगा प्रतिबंध हटा लिया. इसके बाद, पाकिस्तान समर्थित खातों की बाढ़ आ गई, जिन्होंने वापसी कर रहे पाकिस्तानी यूजर्स के बीच छिपकर भारत की सेना के खिलाफ दुष्प्रचार फैलाना शुरू कर दिया.

फर्जी कंटेंट से भरी डिजिटल दुनिया

अप्रैल के पहलगाम आतंकी हमले से लेकर भारत की जवाबी कार्रवाई तक, पाकिस्तानी प्रोपेगेंडा मशीन ने पुराने इंडोनेशियाई वीडियो, यूक्रेन-रूस युद्ध की तस्वीरें, और 2023 के मॉस्को आग हादसे की फुटेज को भारतीय वायु रक्षा हमले के रूप में पेश किया.

रक्षा विश्लेषकों का कहना है कि यह कोई सामान्य सोशल मीडिया हलचल नहीं थी, बल्कि एक संगठित डिजिटल थिएटर था, जिसका मकसद पाकिस्तान के आतंकी संबंधों से ध्यान हटाना और झूठी सैन्य जीत की कहानियां गढ़ना था.

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नैरेटिव वॉर के लिए सैन्य सम्मान

तारड़, जो इस मीडिया अभियान का चेहरा बने, को पाकिस्तान की सेना अंतरराष्ट्रीय समुदाय तक पाकिस्तान का पक्ष पहुंचाने के लिए सम्मानित कर रही है. प्रेस इन्फॉर्मेशन ऑफिसर मुबाशर हसन को भी नामित किया गया है.

राज्य नीति के रूप में प्रोपेगेंडा

बता दें कि सितारा-ए-इम्तियाज हर साल 23 मार्च (पाकिस्तान दिवस) को दिया जाता है, लेकिन शायद ही कभी सूचना अधिकारियों को इस तरह सम्मानित किया गया हो, जिनकी युद्धकालीन भूमिका झूठे नैरेटिव गढ़ने पर आधारित हो. इस साल के नामांकन यह दिखाते हैं कि इस्लामाबाद प्रोपेगेंडा को संघर्ष का अहम हथियार मानता है.

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