पाकिस्तान की एक एंटी-टेररिज्म कोर्ट ने बुधवार को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की बहन अलीमा खान के खिलाफ गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया. अलीमा खान पिछले साल पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी द्वारा किए गए प्रोटेस्ट्स से जुड़े एक मामले में अदालत में कई बार पेश नहीं हुईं. अंग्रेजी अख़बार Dawn के मुताबिक, रावलपिंडी स्थित आतंकवाद-रोधी अदालत (एटीसी) ने अलीमा खान के एक बार फिर सुनवाई में शामिल न होने पर वारंट जारी किया है. 26 नवंबर, 2023 को पीटीआई के नेतृत्व वाले प्रदर्शनों से जुड़े मामले में यह चौथी बार है, जब अदालत ने उनके खिलाफ ऐसा आदेश जारी किया है.
बुधवार की कार्यवाही के दौरान, ग्यारह में से दस आरोपी कोर्ट में पेश हुए, केवल अलीमा ही गैर-मौजूद रहीं. अदालत ने उनके द्वारा लगातार समन की अवहेलना पर गौर किया और पुलिस को अगली सुनवाई से पहले उन्हें पेश करने का निर्देश दिया.
पिछली सुनवाई में कोर्ट ने पुलिस अधीक्षक (एसपी) साद अरशद को अलीमा को गिरफ्तार करने और 22 अक्टूबर को बेंच के समक्ष पेश करने का निर्देश दिया था. कोर्ट ने उनके ज़मानत बॉन्ड को जब्त करने और उनके गारंटर द्वारा प्रस्तुत संपत्ति के दस्तावेजों की जांच करने का भी आदेश दिया था.
पुलिस अधिकारियों को चेतावनी
वारंट के अलावा, एटीसी ने एसपी साद अरशद और पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) नईम को 'फर्जी रिपोर्ट' दर्ज करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया. अदालत ने दोनों अधिकारियों को 'अदालत की अवमानना' के आरोप में व्यक्तिगत रूप से तलब किया.
अदालत की टिप्पणियों के मुताबिक, पुलिस रिपोर्ट में दावा किया गया था कि अलीमा कहीं छिप गई हैं. हालांकि, अदालत ने यह भी कहा कि उन्हें अदियाला जेल में देखा गया था, जहां उनके भाई इमरान खान कैद है, और हाल के दिनों में वह कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी दिखाई दी थीं.
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रिपोर्ट के मुताबिक, जज ने कहा, "इस अदालत के समक्ष प्रस्तुत रिपोर्ट तथ्यों को प्रतिबिंबित नहीं करती है." सुनवाई के दौरान, एटीसी ने अलीमा की लगातार गैर-मौजूदगी की वजह से उनके गारंटर के ज़मानत बॉन्ड भी जब्त कर दिए. कोर्ट ने उन्हें अनुपालन की शर्त के रूप में दस लाख रुपये के नए ज़मानत बॉन्ड जमा करने का निर्देश दिया.
इससे पहले, उनके वकील की व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट की याचिका खारिज कर दी गई थी. अदालत ने फैसला सुनाया कि अलीमा को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होना जरूरी है क्योंकि उन पर पीटीआई विरोध प्रदर्शन से जुड़े आपराधिक मामलों में औपचारिक रूप से आरोप लगाए जाने थे.
बड़े पैमाने पर गिरफ़्तारियां...
26 नवंबर, 2023 के विरोध प्रदर्शन में 10 हजार से ज़्यादा पीटीआई समर्थक सार्वजनिक समारोहों पर सरकारी प्रतिबंध की अवहेलना करते हुए इस्लामाबाद में घुस आए थे. उन्हें प्रवेश से रोकने के लिए तैनात करीब 20 हजार पुलिस और अर्धसैनिक बलों के जवानों से उनकी झड़प हुई.
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हिंसक झड़पों के बाद अधिकारियों ने पीटीआई नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ पाकिस्तान दंड संहिता की विभिन्न धाराओं और आतंकवाद विरोधी अधिनियम की धारा 7 के तहत कई मामले दर्ज किए.
एटीसी ने सुनवाई 24 नवंबर तक स्थगित कर दी, और पुलिस को अलीमा खान की उपस्थिति सुनिश्चित करने का आदेश दिया. इसके साथ ही, चेतावनी दी कि आगे से अनुपालन न करने पर 'कानून के मुताबिक' निपटा जाएगा.
(एजेंसी के इनपुट के साथ)
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