यूक्रेन-रूस जंग में भारत बनेगा मध्यस्थ, रूस जाएंगे अजित डोभाल, चीनी NSA भी रहेंगे मौजूद, पीस प्रस्ताव पर होगी चर्चा!

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राष्ट्रपति पुतिन के साथ हुई फोन वार्ता के दौरान यह चर्चा की गई थी कि पीएम अपनी यात्रा के बाद शांति से संबंधित विचारों पर चर्चा करने के लिए अपने एनएसए को रूस भेजेंगे. जानकारी के अनुसार, इस यात्रा के दौरान डोभाल अपने रूसी समकक्ष और BRICS के अन्य सदस्य देशों के प्रतिनिधियों से मुलाकात करेंगे.

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रूस जाएंगे अजीत डोभाल. रूस जाएंगे अजीत डोभाल.

शिवानी शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 08 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 9:51 AM IST

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने हाल ही में यूक्रेन के साथ शांति वार्ता को लेकर कहा था कि इसके लिए चीन, भारत और ब्राजील मध्यस्थ की भूमिका निभा सकते हैं. पुतिन के बाद इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने भी कहा था कि भारत यूक्रेन युद्ध को खत्म कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है. इसी बीच खबर सामने आई है कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल अगले सप्ताह रूस का दौरा करेंगे, जहां वे अक्टूबर में कजान में होने वाले शिखर सम्मेलन से पहले BRICS एनएसए बैठक में भाग लेंगे. जानकारी के अनुसार, इस दौरान डोभाल रूस-यूक्रेन संघर्ष को सुलझाने के लिए भी चर्चा कर सकते हैं. इस यात्रा के दौरान, उनकी चीनी समकक्ष के साथ एक अलग मीटिंग होने की संभावना भी है.

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बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राष्ट्रपति पुतिन के साथ हुई फोन वार्ता के दौरान यह चर्चा की गई थी कि पीएम अपनी यात्रा के बाद शांति से संबंधित विचारों पर चर्चा करने के लिए अपने एनएसए को रूस भेजेंगे. जानकारी के अनुसार, इस यात्रा के दौरान डोभाल अपने रूसी समकक्ष और BRICS के अन्य सदस्य देशों के प्रतिनिधियों से मुलाकात करेंगे. इसमें जुलाई के मास्को शिखर सम्मेलन में हुई चर्चाओं पर आगे की रणनीति को लेकर बातचीत हो सकती है. बता दें कि यह BRICS एनएसए बैठक नए पांच सदस्य देशों—सऊदी अरब, यूएई, ईरान, मिस्र, और इथियोपिया के समूह में शामिल होने के बाद पहली बार हो रही है.

यह भी पढ़ें: जेलेंस्की से मुलाकात के बाद बोलीं जॉर्जिया मेलोनी- भारत रुकवा सकता है रूस-यूक्रेन युद्ध, पुतिन ने भी कही थी यही बात

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क्या बोले थे राष्ट्रपति पुतिन

रूस-यूक्रेन के बीच फरवरी 2022 से युद्ध जारी है. कई देशों ने संघर्ष समाप्त करने की अपील की है. दो दिन पहले व्लादिमीर पुतिन ने भी माना था कि भारत इस क्षेत्र में जारी संकट का समाधान खोजने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है. पुतिन ने जोर देकर कहा कि इस्तांबुल वार्ता के दौरान जिन समझौता पर सहमति बनी थीं और जिन्हें लागू नहीं किया जा सका, वे भविष्य की शांति चर्चा के लिए आधार बन सकते हैं. पुतिन ने यूक्रेन संघर्ष पर उनके साथ संपर्क में रहने वाले तीन देशों का नाम लिया, जिसमें भारत भी शामिल था और कहा कि वे इस सकंट को सुलझाने के लिए ईमानदारी से प्रयास कर रहे हैं.

पीएम मोदी ने किया था यूक्रेन का दौरा

बता दें कि व्लादिमीर पुतिन की यह टिप्पणी पीएम मोदी द्वारा रूस और यूक्रेन दोनों की अपनी यात्रा के दौरान 'संघर्ष के शीघ्र, स्थायी और शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन करने के लिए भारत की दृढ़ प्रतिबद्धता' पर जोर देने के कुछ सप्ताह बाद आई. वहीं, जॉर्जिया मेलोनी ने कहा कि इटली यूक्रेन के लिए अपने समर्थन से कभी पीछे नहीं हटेगा. उन्होंने कहा, 'यूक्रेन का समर्थन करने का निर्णय न केवल नैतिक रूप से सही है, बल्कि राष्ट्रीय हित में भी है. क्योंकि इसका उद्देश्य यूक्रेन की राष्ट्रीय अखंडता की रक्षा के लिए बनाए गए नियमों की रक्षा करना है.'

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