'परमाणु हथियार हमारे लिए जरूरी... US छोड़े जिद तो बातचीत संभव', बोले किम जोंग उन

उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन ने कहा है कि वह अमेरिका के साथ बातचीत करने के लिए तैयार हैं, लेकिन वह प्रतिबंधों से बचने के लिए अपने परमाणु हथियारों का सौदा कभी नहीं करेंगे. उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ अपनी पहली मुलाकातों को भी याद किया और कहा कि मेरे पास उनसे मुलाकात की मिठी यादें हैं.

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अमेरिका जिद छोड़े तो बातचीत संभव, बोले किम जोंग उन. (Photo: Reuters) अमेरिका जिद छोड़े तो बातचीत संभव, बोले किम जोंग उन. (Photo: Reuters)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 22 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 7:47 AM IST

उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन ने सुप्रीम पीपुल्स असेंबली में एक महत्वपूर्ण सत्र आयोजित किया, जिसमें उन्होंने अमेरिकी की नीतियों को लेकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि अगर अमेरिका परमाणु हथियार छोड़ने का दबाव डालना बंद कर दे तो उससे बातचीत से बचने का कोई और कारण नहीं है. 

कोरियन सेंट्रल न्यूज़ एजेंसी (KCNA) के अनुसार, किम ने सुप्रीम पीपुल्स असेंबली में भाषण देते हुए कहा, अगर अमेरिका परमाणु हथियार छोड़ने की जिद छोड़ दे और सच को स्वीकार कर ले तो हमारे पास उसके साथ बातचीत न करने का कोई और कारण नहीं है. दुनिया पहले से ही जानती है कि अमेरिका किसी देश से उसके परमाणु हथियार छोड़ने के बाद क्या करता है.

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'सुरक्षा के लिए जरूरी है परमाणु हथियार'

किम ने स्पष्ट कहा कि परमाणु हथियार हमारे देश की सुरक्षा के लिए बेहद जरूरी हैं और वह इन्हें नहीं छोड़ेंगे.

किम ने अपने भाषण में ट्रंप से अपनी मुलाकात का जिक्र करते हुए कहा, व्यक्तिगत रूप से मेरे मन में अभी भी अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की प्यारी यादें हैं. ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल को दौरान किम से तीन बार मुलाकात की थी. किम का ये बयान ऐसे वक्त में आया है जब दक्षिण कोरिया की नई सरकार भी ट्रंप से किम के साथ बातचीत शुरू करने का अपील कर रही है.

'दक्षिण कोरिया के साथ बाचीत संभव नहीं'

इसके अलावा किम ने वाशिंगटन और सियोल की बातचीत की हालिया पेशकशों को दिखावा बताया और जोर देकर कहा कि उत्तर कोरिया की दक्षिण कोरिया के साथ एकीकरण की कोई मंशा नहीं है.

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उन्होंने ये भी कहा कि उत्तर कोरिया कभी भी दक्षिण कोरिया के साथ बातचीत की मेज पर नहीं बैठेगा. ये बयान कोरियाई प्रायद्वीप में शांति और एकीकरण की उम्मीदों के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है. दोनों देशों के बीच तनाव पहले से ही चरम पर है और किम के इस बयान ने स्थिति को और जटिल कर दिया है.

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