नेपाल-चीन बॉर्डर पर फंसे अयोध्या के श्रद्धालु, विधायक और सांसद ने PM मोदी से की मदद की अपील

कैलाश मानसरोवर से लौटते वक्त अयोध्या के आठ श्रद्धालु नेपाल-चीन बॉर्डर स्थित हिल्सा में फंस गए. खराब मौसम और परिवहन बाधाओं के चलते वे भारत नहीं लौट पा रहे हैं. विधायक अभय सिंह और सांसद अवधेश प्रसाद ने PM मोदी से तत्काल हस्तक्षेप कर सुरक्षित वापसी की मांग की है.

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नेपाल बॉर्डर पर फंसे अयोध्या के नागरिक (Photo: Mayank Shukla/ITG) नेपाल बॉर्डर पर फंसे अयोध्या के नागरिक (Photo: Mayank Shukla/ITG)

मयंक शुक्ला

  • अयोध्या,
  • 15 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 9:09 AM IST

कैलाश मानसरोवर से दर्शन करके लौटते वक्त नेपाल-चीन बॉर्डर पर स्थित हिल्सा बॉर्डर (नेपाल) में अयोध्या जिले के आठ श्रद्धालु फंसे हुए हैं. प्रतिकूल परिस्थितियों की वजह से वे भारत लौटने में असमर्थ हैं. इस स्थिति को देखते हुए गोसाईगंज के विधायक अभय सिंह और समाजवादी पार्टी के सांसद अवधेश प्रसाद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है.

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विधायक अभय सिंह ने अपने पत्र में भारत सरकार से अपील की है कि नेपाल में फंसे इन श्रद्धालुओं को सुरक्षित रूप से भारत लाने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएं.  उन्होंने संबंधित मंत्रालयों और अधिकारियों को निर्देशित करने की भी मांग की है.

वहीं, समाजवादी पार्टी के सांसद अवधेश प्रसाद ने भी इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए प्रधानमंत्री और गृह मंत्रालय को पत्र लिखा है. सांसद ने भरोसा दिलाया कि वे खुद गृह मंत्रालय से बातचीत कर श्रद्धालुओं की सुरक्षित वापसी करवाने की कोशिश करेंगे.

परिजनों में चिंता...

नेपाल में फंसे लोगों के परिवार बेहत चिंतित हैं. लोगों की रातें अब बेचैनी में कट रही हैं. गोसाईगंज निवासी रमाकांत यादव के भाई रविकांत यादव ने बताया कि उनके भाई फंसे हुए श्रद्धालुओं में शामिल हैं. इन सभी का परिवार बेहद चिंतित नजर आ रहा है. उन्होंने कहा कि हमारी एक ही उम्मीद है कि सरकार जल्द से जल्द उन्हें भारत वापस लाए. 

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स्थिति पर सरकार की नजर

कैलाश मानसरोवर यात्रा से लौटते वक्त अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर खराब मौसम और परिवहन संबंधी समस्याएं यात्रियों के फंसे रहने का प्रमुख कारण बन रही हैं. ऐसे में जनप्रतिनिधियों द्वारा की गई कोशिश श्रद्धालुओं और उनके परिजनों के लिए राहत की किरण बन सकती है.

इस मामले में आगे की कार्रवाई और श्रद्धालुओं की सुरक्षित वापसी को लेकर केंद्र सरकार की प्रतिक्रिया का इंतजार किया जा रहा है. 

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