लगभग 4-5 दिन बाद नेपाल बॉर्डर आम लोगों के लिए फिर से खोल दिया गया है. नेपाल को प्रधानमंत्री मिलने के बाद ये फैसला लिया गया है. हालांकि अभी भी बड़ी गाड़ियों की आवाजाही पूरी तरह से शुरू नहीं हुई है, लेकिन छोटी गाड़ियों से लोग आधार कार्ड या पहचान पत्र दिखाकर सीमा पार कर पा रहे हैं.
नेपाल में हाल ही में हुए राजनीतिक घटनाक्रम के कारण बॉर्डर कुछ दिनों तक बंद था. इस दौरान बड़ी गाड़ियों का आवागमन रुक गया था, खासकर व्यापारिक वाहनों की आवाजाही बंद हो गई थी. दरअसल, नेपाल में हुई हिंसा के बीच यहां भंडार कार्यालय को आग के हवाले कर दिया गया था, जिससे तमाम दस्तावेज नष्ट हो गए थे. कागजी कार्रवाई रुक गई थी और टैक्स जमा नहीं हो पा रहा था. यही वजह थी कि बड़े वाहन अभी भी सीमा पार नहीं कर पा रहे हैं.
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हालांकि, आम लोगों के लिए स्थिति धीरे-धीरे सामान्य होती दिख रही है. रोजाना कई लोग अब नेपाल जा पा रहे हैं. छोटे वाहन, जैसे कि निजी कार, ऑटो और अन्य छोटी गाड़ियां सीमित संख्या में बॉर्डर पार कर रही हैं. लोगों का कहना है कि हालांकि अभी पूरी तरह सामान्य स्थिति नहीं है, लेकिन यह कदम उनके लिए राहत की खबर है.
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सीमा के आसपास के व्यवसायियों और आम लोगों को उम्मीद है कि आने वाले दिनों में व्यापारिक वाहनों की आवाजाही भी जल्द शुरू हो जाएगी. इससे न केवल रोजमर्रा की जरूरतों की आपूर्ति सुचारू होगी, बल्कि दोनों देशों के बीच आर्थिक लेन-देन भी धीरे-धीरे पटरी पर लौट सकेगा.
नेपाल बॉर्डर के खुलने से यह भी संकेत मिल रहा है कि राजनीतिक स्थिरता धीरे-धीरे बहाल हो रही है. आम लोग और व्यापारी अब उम्मीद कर रहे हैं कि आने वाले हफ्तों में सीमा पार करने की प्रक्रिया पूरी तरह सामान्य हो जाएगी और बड़े वाहन भी बिना किसी रुकावट के नेपाल जा सकेंगे. इस बीच सीमावर्ती इलाकों में सुरक्षा बल सतर्कता बनाए हुए हैं और सीमापार करने वालों की जांच कर रहे हैं.
आशीष श्रीवास्तव