PNB घोटाला: भारत प्रत्यर्पण पर मेहुल चोकसी का आखिरी कानूनी दांव, बेल्जियम SC में अपील

भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी ने भारत प्रत्यर्पण के आदेश के खिलाफ बेल्जियम की सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की है. उसने एंटवर्प कोर्ट ऑफ अपील्स के उस फैसले को चुनौती दी है जिसमें भारत के प्रत्यर्पण अनुरोध को लागू करने योग्य माना गया था. यह अपील सिर्फ कानूनी आधारों पर है और मामले की सुनवाई तक प्रत्यर्पण पर रोक रहेगी.

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मेहुल चोकसी पंजाब नेशनल बैंक घोटाल केस में आरोपी है. (File Photo: PTI) मेहुल चोकसी पंजाब नेशनल बैंक घोटाल केस में आरोपी है. (File Photo: PTI)

aajtak.in

  • मुंबई,
  • 04 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 7:06 AM IST

भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी ने बेल्जियम की सुप्रीम कोर्ट में अपने प्रत्यर्पण के खिलाफ चुनौती दी है. चोकसी ने 17 अक्टूबर को एंटवर्प कोर्ट ऑफ अपील्स के उस फैसले को चुनौती दी है जिसमें भारत के प्रत्यर्पण अनुरोध को बरकरार रखते हुए उसे 'लागू करने योग्य' करार दिया गया था. यह जानकारी अधिकारियों ने सोमवार को दी.

एंटवर्प की कोर्ट ऑफ अपील के पब्लिक प्रॉसिक्यूटर ने न्यूज एजेंसी पीटीआई के सवालों के जवाब में बताया कि चोकसी ने 30 अक्टूबर को कोर्ट ऑफ कैसेशन में अपील दायर की है. यह अपील सिर्फ कानूनी पहलुओं तक सीमित है और इस दौरान प्रत्यर्पण की कार्रवाई पर रोक रहेगी. कोर्ट ऑफ कैसेशन बेल्जियम की सुप्रीम कोर्ट है.

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एंटवर्प कोर्ट ऑफ अपील्स ने दी प्रत्यर्पण की मंजूरी

17 अक्टूबर को एंटवर्प कोर्ट ऑफ अपील्स की चार सदस्यीय पीठ ने 29 नवंबर 2024 को डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के प्री-ट्रायल चैंबर के आदेश को सही ठहराया था, जिसमें मुंबई की विशेष अदालत की ओर से मई 2018 और जून 2021 में जारी गिरफ्तारी वारंट को लागू करने योग्य माना गया था और चोकसी के प्रत्यर्पण को मंजूरी दी गई थी.

'चोकसी को भारत में कोई खतरा नहीं'

कोर्ट ऑफ अपील्स ने कहा था कि 13,000 करोड़ रुपये के पीएनबी घोटाले के मुख्य आरोपी और भगोड़े चोकसी को भारत प्रत्यर्पित किए जाने पर निष्पक्ष सुनवाई से वंचित होने या गलत व्यवहार का कोई खतरा नहीं है. CBI ने चार्जशीट में कहा है कि कुल घोटाले की रकम में से अकेले चोकसी ने 6,400 करोड़ रुपये की हेराफेरी की.

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जनवरी 2018 में घोटाले के सामने आने से ठीक पहले चोकसी एंटीगुआ और बारबुडा भाग गया था. बाद में वह बेल्जियम में देखा गया, जहां वह इलाज के लिए पहुंचा था. भारत ने 27 अगस्त 2024 को बेल्जियम को प्रत्यर्पण का अनुरोध भेजा था.

कोर्ट ने मुंबई अदालत के वारंट को लागू करने योग्य माना

एंटवर्प डिस्ट्रिक्ट कोर्ट की प्री-ट्रायल चैंबर ने 29 नवंबर 2024 के आदेश में मुंबई अदालत के गिरफ्तारी वारंट को लागू करने योग्य माना था, सिर्फ उस वारंट को छोड़कर जो 'अपराध के सबूत मिटाने' के आरोप से संबंधित था. चोकसी की अपील पर भी कोर्ट ऑफ अपील्स ने कहा कि उसे भारत में न्याय से वंचित होने, यातना या अमानवीय व्यवहार का कोई वास्तविक और गंभीर खतरा नहीं है.

भारत ने बेल्जियम को दिए चोकसी की सुरक्षा के आश्वासन

भारत ने बेल्जियम को चोकसी की सुरक्षा, मुकदमे में लगने वाले आरोप, जेल व्यवस्था, मानवाधिकार और चिकित्सीय जरूरतों को लेकर कई आश्वासन दिए हैं. 66 वर्षीय चोकसी की अपील खारिज करते हुए कोर्ट ऑफ अपील्स ने कहा कि उसने 'यातना या न्याय से इनकार के वास्तविक खतरे' का कोई ठोस और विश्वसनीय सबूत नहीं दिया.

कोर्ट ने यह भी कहा कि चोकसी की ओर से दाखिल दस्तावेज इस बात को साबित नहीं करते कि वह किसी राजनीतिक मुकदमे का शिकार है. अधिकारियों के अनुसार यह आदेश भारत के प्रत्यर्पण मामले के लिए एक बड़ी सफलता है, हालांकि चोकसी को सुप्रीम कोर्ट में अपील का विकल्प दिया गया था, जिसका उसने उपयोग किया है.

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