अमेरिकी रक्षा विभाग के मुख्यालय पेंटागन की हाल ही में आई रिपोर्ट में बताया गया था कि चीन ने अमेरिकी अधिकारियों को चेतावनी दी थी कि वो भारत-चीन संबंधों में हस्तक्षेप न करे. पेंटागन की इस रिपोर्ट पर अब भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से प्रतिक्रिया आई है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने इस रिपोर्ट पर कहा कि भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ हमारे द्विपक्षीय मुद्दों में किसी तीसरे पक्ष को हस्तक्षेप करने की अनुमति नहीं देता है. अरिंदम बागची ने उत्तराखंड में भारत-अमेरिकी बलों के बीच चल रहे युद्ध अभ्यास का जिक्र करते हुए कहा, "हम अमेरिका के साथ अपने संबंधों में किसी को भी वीटो नहीं दे रहे हैं और हम जिसके साथ भी अभ्यास करना चाहते हैं कर सकते हैं."
बता दें कि उत्तराखंड के औली में चल रहे भारत-अमेरिका के संयुक्त युद्धाभ्यास का चीन ने विरोध किया है. बीजिंग ने कहा है कि वह उत्तराखंड में चल रहे भारत-अमेरिका के युद्ध अभ्यास का विरोध करता है. चीन के मुताबिक ये युद्धाभ्यास भारत और चीन के बीच हुए दो बॉर्डर समझौतों की भावनाओं के अनुकूल नहीं है.
MEA के प्रवक्ता ने भारत-चीन कमांडर स्तर की वार्ता पर सवाल का जवाब देते हुए कहा, "हम वार्ता के सकारात्मक परिणाम की उम्मीद करते हैं और भारत की स्पष्ट स्थिति है कि वह पीछे हटना और तनाव कम करना चाहता है."
भारत-US की नजदीकी रोकना चाहता है चीन
पेंटागन की रिपोर्ट में कहा गया है कि चीनी सेना भारत को अमेरिका के नजदीक जाने से रोकना चाहती है और इसके लिए वह सीमा (LAC) पर तनाव कम करने की हर संभव कोशिश कर रही है लेकिन इस बीच अमेरिका की दखलअंदाजी उसे पसंद नहीं आई. उसने अमेरिकी अधिकारियों को इसको लेकर चेतावनी भी दी कि वे भारत के साथ पीआरसी के संबंधों में हस्तक्षेप न करें. पेंटागन ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि साल 2021 में चीन ने सीमा पर अवैध रूप से सेना की तैनाती की और बुनियादी ढांचे का निर्माण जारी रखा.
LAC पर लगातार तैनात रही चीनी सेना
रिपोर्ट के मुताबिक, "चीन ने भारतीय बुनियादी ढांचे के निर्माण पर गतिरोध को दोषी ठहराया, जिसे उसने पीआरसी क्षेत्र पर अतिक्रमण के रूप में माना, जबकि भारत ने चीन पर भारत के क्षेत्र में आक्रामक घुसपैठ शुरू करने का आरोप लगाया. 2020 की झड़प के बाद से PLA ने लगातार बल की उपस्थिति बनाए रखी है और LAC के साथ बुनियादी ढांचे का निर्माण जारी रखा."
जून 2020 में हुई थी हिंसक झड़प
रिपोर्ट में साल 2020 की गलवान घाटी की हिंसक झड़प का भी जिक्र किया गया है. इसमें कहा गया कि बीते 46 साल में दोनों देशों के बीच ये सबसे घातक संघर्ष था. 15 जून, 2020 को गलवान घाटी में दोनों देशों के बीच हिंसक झड़प हुई थी, जिसमें भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हुए थे और चीन के भी चार सैनिक मारे गए थे.
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