यूक्रेन के साथ करीब दो साल से जंग लड़ रहे रूस को माली में बड़ा झटका लगा है. माली के विद्रोहियों ने रूस के प्राइवेट आर्मी ग्रुप के 84 लड़ाकों को बेरहमी के साथ मार गिराया है. वैगनर लड़ाकों के साथ माली की आर्मी के 47 सैनिक भी मारे गए हैं. वैगनर लड़ाकों और माली के विद्रोहियों के बीच यह झड़प अल्जीरिया की सीमा पर 25 जुलाई से लेकर 27 जुलाई के बीच हुई है.
एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक माली के बर्बर जातीय समूह तुआरेग के नेतृत्व वाले अलगाववादियों ने बताया कि एक सैन्य शिविर में उनकी वैगनर लड़ाकों और माली के सैनिकों के साथ मुठभेड़ हुई. माली के अलगाववादी गठबंधन अजावद (CSP-DPA) ने कहा कि वैगनर लड़ाकों को भारी नुकसान पहुंचाने के साथ-साथ 30 लड़ाकों को एयरलिफ्ट कर किडल शहर ले जाया गया. इनमें से कुछ मृत और कुछ गंभीर रूप से घायल थे.
बख्तरबंद गाड़ियों में मिली जली लाशें
विद्रोहियों ने बताया कि उन्हें बख्तरबंद गाड़ियों और ट्रकों के अंदर से कुछ जली हुई लाशें भी मिलीं हैं. माली के विद्रोहियों का दावा है कि उनके पास वैगनर ग्रुप और माली सरकार के 7 लड़ाके बंधक के तौर पर हैं. उन्होंने अपने 9 विद्रोही मारे जानी की बात भी स्वीकार की है.
इस संगठन ने ली हमले की जिम्मेदारी
अल-कायदा से जुड़े संगठन जमात नुसरत अल-इस्लाम वाल मुस्लिमीन (JNIM) ने वैगनर ग्रुप पर हमले की जिम्मेदारी ली है. उनका दावा है कि अफ्रीका में वैगनर ग्रुप को अब तक हुए नुकसान में यह हमला सबसे बड़ा झटका है.
अफ्रीका में सक्रिया है वैगनर आर्मी
बता दें कि वैगनर ग्रुप यूक्रेन में रूसी सरकार के कई व्यापक और घातक सैन्य अभियानों का भी नेतृत्व कर चुका है. हालांकि, बाद में तब के वैगनर चीफ ने ही रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ विद्रोह कर दिया था, जो सफल नहीं हो सका. फिलहाल रूस की यह प्राइवेट आर्मी अफ्रीका में सक्रिय है.
रेत के तूफान से मिली बढ़त
विद्रोहियों ने हमले को अंजाम देने के बाद 5 बख्तरबंद गाड़ी, पांच पिकअप ट्रक और कई हथियार जब्त करने का दावा किया है. वैगनर ग्रुप का कहना है कि विद्रोहियों को रेत के तूफान का फायदा मिला. इस तूफान के कारण वैगनर लड़ाकों और माली की सेना को हवाई सहायता नहीं मिल सकी.
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