कर्नाटक के शिक्षण संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध लगाने को लेकर देश भर में विवाद बढ़ता जा रहा है. सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें एक हिजाब पहनी लड़की को घेरकर भगवा रंग का गमछा डाले कुछ लड़के जय श्रीराम के नारे लगाते दिख रहे हैं. पाकिस्तान ने भी अब इस विवाद पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने इस मुद्दे पर भारत सरकार को घेरा है और कहा है कि हिजाब पहनने पर लड़कियों को शिक्षा से वंचित करना उनके मानवाधिकारों का उल्लंघन है.
पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से किए गए एक ट्वीट में लिखा, 'मुस्लिम लड़कियों को शिक्षा से वंचित करना उनके मौलिक मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन है. किसी को भी इस मौलिक अधिकार से वंचित करना और उन्हें हिजाब पहनने पर आतंकित करना बिल्कुल दमनकारी है. दुनिया को यह समझना चाहिए कि ये सब मुसलमानों की घेटो (अल्पसंख्यक समुदाय के लिए बनाई गई तंग बस्ती) में रखने की भारत सरकार की योजना का हिस्सा है.'
पाकिस्तान के सूचना और प्रसारण मंत्री चौधरी फवाद हुसैन ने भी इस मुद्दे को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा है और कहा है कि मोदी के भारत में जो रहा है, वो डराने वाला है.
उन्होंने अपने एक ट्वीट में लिखा, 'मोदी के भारत में जो कुछ हो रहा है, वो डराने वाला है. भारत का समाज एक अस्थिर नेतृत्व में तेजी से नीचे गिर रहा है. जैसे दूसरे कपड़ों को पहनने के लिए लोगों को आजादी है, हिजाब पहनना भी एक व्यक्तिगत चुनाव है.'
पाकिस्तान की मानवाधिकार कार्यकर्ता और नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई ने भी इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया है. उन्होंने कहा है कि हिजाब पहनने वाली लड़कियों को स्कूल में प्रवेश से रोकना भयावह है.
उन्होंने एक ट्वीट में लिखा, 'हिजाब पहनी लड़कियों को स्कूलों में प्रवेश से रोकना भयावह है. कम या ज्यादा कपड़े पहनने को लेकर लड़कियों को महज एक वस्तु मान लिया गया है. भारतीय नेताओं को मुस्लिम महिलाओं को हाशिए पर जाने से रोकना चाहिए.'
पाकिस्तान के वरिष्ठ पत्रकार हामिद मीर ने भी इस मुद्दे पर अपनी टिप्पणी की है. उन्होंने ट्वीट किया, 'मार्टिन लूथर किंग ने एक बार कहा था कि नफरत को नफरत से नहीं खत्म किया जा सकता, केवल प्यार ही उसे खत्म कर सकता है. एक अकेली मुस्लिम लड़की को कट्टर हिंदूओं की भीड़ डरा रही है. अकेली लड़की को घेरकर नफरत को मत बढ़ाओ.'
क्या है हिजाब विवाद?
ये पूरा विवाद कर्नाटक के उडुपी में मुस्लिम छात्राओं के हिजाब पहनने को लेकर शुरू हुआ. कुछ लड़कियों ने आरोप लगाया कि हिजाब पहनने के कारण उन्हें कॉलेज में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई. कॉलेज प्रशासन ने कहा कि लड़कियों को स्कूल यूनिफॉर्म में ही आना चाहिए. इसके बाद ये विवाद कई जिलों में फैल गया.
कुछ छात्र-छात्राओं ने विरोध में भगवा स्कार्फ लेकर स्कूल-कॉलेज आना शुरू किया जिसके बाद ये विवाद बढ़ता गया. हिजाब समर्थकों और हिजाब विरोधियों के बीच ठन गई और मंगलवार को दोनों पक्षों के बीच पत्थरबाजी भी हुई. हालांकि, पुलिस ने मामले को संभाल लिया. स्कूल-कॉलेज में हिजाब पहना जा सकता है या नहीं, इस मसले को लेकर कर्नाटक हाई कोर्ट में सुनवाई चल रही है.
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