ट्रंप फिर नोबेल प्राइज की रेस में, जापान की प्रधानमंत्री ने किया नॉमिनेट

व्हाइट हाउस के एक अधिकारी के मुताबिक, ताकाइची ने ट्रंप को निजी तौर पर बताया कि उन्होंने उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित किया है और औपचारिक कागजात भी सौंपे. यह कदम ट्रंप के लिए एक बड़ी राजनीतिक और व्यक्तिगत उपलब्धि मानी जा रही है.

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US राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और जापान की प्रधानमंत्री साने ताकाइची (Photo: AP) US राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और जापान की प्रधानमंत्री साने ताकाइची (Photo: AP)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 28 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 8:10 PM IST

जापान की प्रधानमंत्री साने ताकाइची (Sanae Takaichi) ने मंगलवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को अगले साल के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित किया है. उन्होंने यह जानकारी ट्रंप को टोक्यो में हुई द्विपक्षीय बैठक के दौरान दी, जहां दोनों नेताओं ने अमेरिका-जापान गठबंधन को 'Golden Age' घोषित करने वाले दस्तावेज़ों पर हस्ताक्षर किए.

व्हाइट हाउस के एक अधिकारी के मुताबिक, ताकाइची ने ट्रंप को निजी तौर पर बताया कि उन्होंने उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित किया है और औपचारिक कागजात भी सौंपे. यह कदम ट्रंप के लिए एक बड़ी राजनीतिक और व्यक्तिगत उपलब्धि मानी जा रही है.

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क्या है जापान- US का ‘Golden Age’ समझौता

ट्रंप और ताकाइची की इस बैठक में दोनों देशों ने नए दौर के सहयोग की घोषणा की है. साथ ही जुलाई में हुई ट्रेड डील की पुष्टि की गई, जिसके तहत जापानी वस्तुओं पर अमेरिकी टैरिफ 15% कर दिए गए हैं. साथ ही रेयर-अर्थ और क्रिटिकल मिनरल्स के क्षेत्र में साझेदारी को मजबूत करने का संकल्प लिया गया. इसे चीन के निर्यात प्रतिबंधों के जवाब के रूप में देखा जा रहा है.

गाज़ा संघर्षविराम के लिए सराहना

ताकाइची ने अपने सार्वजनिक संबोधन में ट्रंप की इज़राइल-हमास संघर्षविराम में भूमिका की प्रशंसा की. उन्होंने कहा, 'बहुत कम समय में दुनिया ने जमीन पर अधिक शांति देखी है. मैं आपके शांति और स्थिरता के प्रति समर्पण को अत्यधिक महत्व देती हूं.'

जापान की पहली महिला प्रधानमंत्री ताकाइची ने घोषणा की कि अमेरिका की 250वीं वर्षगांठ (2026) पर जापान की ओर से 250 चेरी ब्लॉसम के पेड़ और 4 जुलाई के आतिशबाज़ी समारोह का उपहार दिया जाएगा. ट्रंप ने भी उनकी तारीफ करते हुए कहा कि दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री शिंज़ो आबे ने ताकाइची को हमेशा अपना सबसे विश्वसनीय सहयोगी बताया था.

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कई देश कर चुके हैं ट्रंप को नॉमिनेट 

बताते चलें कि ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित करने की यह अकेली पहल नहीं है. इससे पहले कंबोडिया के पीएम हुन मानेत ने थाईलैंड के साथ सीमा युद्ध खत्म कराने के लिए उन्हें नामांकित किया. पाकिस्तान के पीएम शहबाज़ शरीफ ने गाज़ा और भारत-पाक संघर्ष विराम के लिए नामांकन की घोषणा की थी. वहीं आर्मेनिया और अज़रबैजान के नेताओं ने भी अपने साझा पत्र में ट्रंप को शांति प्रयासों के लिए सिफारिश की. इज़रायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरान युद्ध खत्म कराने के लिए उनका नाम प्रस्तावित किया. इसके अलावा रवांडा और अफ्रीकी देशों के नेताओं ने भी क्षेत्रीय संघर्षों के समाधान में ट्रंप की भूमिका का समर्थन किया.

शांति मेरा शौक नहीं, जुनून है- ट्रंप

इससे पहले ट्रंप ने सोमवार को कहा, 'मैं नहीं कहूंगा कि यह मेरा शौक है, क्योंकि यह उससे कहीं गंभीर है. लेकिन यह वो काम है जो मुझे अच्छा लगता है और मैं इसमें माहिर हूं.' उन्होंने कहा कि अब उनका ध्यान रूस-यूक्रेन युद्ध और पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा विवाद सुलझाने पर है. ट्रंप का दावा है कि उन्होंने इस साल 8 अंतरराष्ट्रीय संघर्षों में शांति स्थापित करने में भूमिका निभाई है.

कौन देता है नोबेल पुरस्कार

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गौरतलब है कि नोबेल शांति पुरस्कार नॉर्वे की संसद द्वारा नियुक्त पांच सदस्यीय समिति देती है. पुरस्कार हर साल अक्टूबर में घोषित होता है और यह पिछले कैलेंडर वर्ष के योगदान पर आधारित होता है. इस साल यह पुरस्कार वेनेज़ुएला की विपक्षी नेता मारिया कोरीना माचादो को दिया गया, जिन्होंने अपनी जीत को ट्रंप के शांति प्रयासों को समर्पित बताया.

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