इजरायल और हमास के बीच सात दिनों का अस्थाई सीजफायर खत्म होने के बाद एक बार फिर से बमबारी शुरू हो गई है. इजरायली सेना आईडीएफ ने सीजफायर खत्म होने के घंटेभर के भीतर गाजा पर भीषण बमबारी शुरू कर दी है, जिसमें 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई है.
हमास के कब्जे वाले गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, सीजफायर के खत्म होने के बाद इजरायली सेना ने गाजा पर हमला कर दिया, जिसमें 100 से अधिक लोग मारे गए.
रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायल ने हमास पर सीजफायर के उल्लंघन करने की कोशिश का आरोप लगाया है. आईडीएफ का कहना है कि हमास ने बुधवार को रॉकेट दागकर सीजफायर की अवधि खत्म होने से पहले ही इसे तोड़ने की कोशिश की थी.
इस बीच मध्यस्थ कतर का कहना है कि वह इजरायल और हमास के बीच नए सिरे से सीजफायर कराने का प्रयास कर रहा है. कतर ने साथ ही गाजा पर इजरायल की बमबारी पर भी खेद जताया है.
बता दें कि सात दिनों के सीजफायर के दौरान 100 से अधिक बंधकों को रिहा किया गया है. इजरायल का कहना है कि उनके 115 पुरुष, 20 महिलाएं और दो बच्चे अभी भी हमास ने बंधक बना रखे हैं. इस सीजफायर के तहत इजरायल ने 240 फिलिस्तीनी कैदियों को भी रिहा किया है. बता दें कि सीजफायर शुक्रवार सुबह सात बजे खत्म हो गया था.
7 दिन तक चला संघर्ष विराम
आपको बता दें कि इजरायल और हमास के बीच चार दिन का युद्ध विराम समझौता 24 नवंबर से 30 नंवबर तक चला था. इसके बाद सीजफायर को दो दिनों के लिए और बाद में और एक दिन के लिए बढ़ा दिया गया था. इस दौरान दोनों पक्षों की ओर से बंधकों और कैदियों को रिहा किया गया. सीजफायर में कतर की अहम भूमिका रही थी.
इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने मंगलवार को कहा था कि उनका देश सभी बंधकों की वापसी, हमास के खात्मे और यह वादा करने के लिए प्रतिबद्ध है कि गाजा अब इजरायली नागरिकों के लिए खतरा पैदा नहीं करेगा.
100 से अधिक बंधक रिहा
इजरायल और हमास सीजफायर के तहत बीते एक हफ्ते में हमास ने 100 से अधिक बंधकों को रिहा कर दिया है. इसके बदले में इजरायल ने भी फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा किया था. कतर की मध्यस्थता की वजह से हुए इस सीजफायर के तहत कई विदेशी नागरिकों को भी हमास ने रिहा किया था.
बता दें कि हमास के लड़ाकों ने सात अक्टूबर को इजरायल पर हमले के दौरान लगभग 240 लोगों को बंधक बना लिया था. इस हमले में 1400 लोगों की मौत हो गई थी. इसके जवाब में इजरायल ने गाजा पर हमला किया, जिसमें 15000 से अधिक लोग मारे गए.
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