इजरायल में इस्लामिक पार्टी 'राम' के भरोसे है नेतन्याहू की ताजपोशी

इजराइल की संसद में कुल 120 सीटें हैं, इसमें बहुमत के लिए चाहिए 61 सीटें. नेतन्याहू की पार्टी लिकुड और उसके सहयोगी दलों के गठबंधन को 59 सीटें मिल रही हैं, वहीं विपक्षी गठबंधन को 56 सीटें आ रही हैं. पक्ष और विपक्ष के बीच खड़ी है एक कट्टर इस्लामी पार्टी, जिसके पास 5 सीटें हैं. जो अब किंग मेकर बनकर उभरी है.

Advertisement
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (फाइल फोटो) इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • येरूशलम,
  • 25 मार्च 2021,
  • अपडेटेड 12:46 PM IST
  • इजराइल चुनावों की काउंटिंग लगभग पूरी
  • बहुमत से दो सीट दूर नेतन्याहू
  • बहुमत के लिए चाहिए एक इस्लामी पार्टी का समर्थन

इजराइल के चुनावों में जबरदस्त रोमांचक स्थिति आ गई है. जहां पांच सीटें जीतने वाली एक कट्टर इस्लामी पार्टी किंगमेकर के रूप में उभरी है. यानी इजराइल में एक कट्टर इस्लामी पार्टी तय करेगी कि कट्टर दक्षिणपंथी प्रधानमंत्री नेतन्याहू अगले प्रधानमंत्री बनेंगे कि नहीं. इजराइल में हुए चुनावों के मतदानों की गिनती लगभग पूरी हो गई है. जिसमें सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के ही गठबंधन को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है. ऐसे में अरब केंद्रित एक कट्टर इस्लामी पार्टी एकदम बीच में खड़ी हुई है जिसके हिस्से मात्र 5 सीटें आईं हैं, जो ये तय करेगी कि अबकी बार कौन प्रधानमंत्री बनेगा.

Advertisement

वर्तमान में नेतन्याहू इजराइल के प्रधानमंत्री हैं उनका भविष्य भी इस कट्टर इस्लामी पार्टी की करवट पर निर्भर करता है. इस कट्टर इस्लामी पार्टी का नाम है- यूनाइटेड अरब लिस्ट (United Arab List) इसे हिब्रू भाषा में Raam कहा जाता है. दरअसल नेतन्याहू की पार्टी लिकुड और उसके सहयोगी दलों को मिलाकर नेतन्याहू के गठबंधन को 59 सीटें मिल रही हैं, जबकि इजराइल की संसद में कुल 120 सीटें हैं. इजराइल की संसद को नेसेट कहते हैं. इसमें बहुमत के लिए चाहिए-61 सीटें. ऐसे में नेतन्याहू एक बार फिर प्रधानमंत्री बनने से मात्र 2 सीटें दूर हैं.

वहीं दूसरी तरफ नेतन्याहू के सामने जो गठबंधन है वो नेतन्याहू के गठबंधन से मात्र 3 सीटें पीछे है. यानी विपक्षी गठबंधन को 56 सीटें मिलने जा रही हैं. और इन दोनों के बीच जो पार्टी है यानी यूनाइटेड अरब लिस्ट, उसके खाते में इस बार पांच सीटें आने जा रही हैं. ऐसे में सत्ता की चाबी इस बार एक कट्टर इस्लामी पार्टी के हाथ में है. जबकि इजराइल की राजनीति मोटे तौर पर यहूदी केंद्रित है जहां इस्लामी पार्टियों के लिए न के बराबर जगह है.

Advertisement

महत्वपूर्ण बात ये है कि यूनाइटेड अरब लिस्ट पार्टी ने अभी अपने पत्ते साफ नहीं किए हैं कि वो किस ओर करवट लेगी. पर इतना तय है कि इजराइल की संसद का समीकरण वहां आ अटका है जहां नेतन्याहू की गद्दी एक कट्टर इस्लामी पार्टी के हाथ में है. जो चाहे तो नेतन्याहू को एक बार फिर गद्दी पर बिठा दे, वो चाहे तो लंबे समय से राज कर रहे नेतन्याहू को सत्ता से उतार दे.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement