सोशल मीडिया पर एक वीडियो खूब वायरल हो रहा है. वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि एक व्यक्ति कह रहा है कि मेरे फांसी के बाद न ही कोई शोक मनाए और न ही उसकी कब्र के पास कोई कुरान पढ़े. व्यक्ति ने अपनी अंतिम इच्छा व्यक्त करते हुए कह रहा है कि उसके मौत के बाद जश्न मनाया जाए.
रिपोर्टस के मुताबिक, फांसी से पहले अंतिम इच्छा बताने वाले इस शख्स को ईरान में सरकार विरोधी प्रदर्शन में गिरफ्तार किया गया था. ईरान में हिजाब विरोधी प्रदर्शन के कारण गिरफ्तार 23 वर्षीय माजीदरेजा रेहनवरद को मशहद शहर में सोमवार को सरेआम फांसी दे दी गई.
चार दिन पहले भी ईरान सरकार ने मोहसन शेकारी (Mohsen Shekari) नाम के युवक को भी सरकार विरोधी प्रदर्शन के कारण फांसी दे दी गई थी. अंतरराष्ट्रीय विरोध के बावजूद ईरान सरकार की ओर से किसी प्रदर्शनकारी के लिए मौत की सजा का यह पहला मामला था. माजीदरेजा को प्रदर्शन के दौरान सुरक्षा बलों की हत्या और घायल करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.
मेरी मौत पर जश्न मनाना
बेल्जियम की सांसद दरया सफई और बीबीसी के पत्रकार सब्सटइन उसर (sebastian usher) की ओर से किए गए वीडियो ट्वीट में आरोपी माजीदरेजा रेहनवरद के आंखों पर पट्टी बंधी हुई है. संभवतः अपनी अंतिम इच्छा बताते हुए रेहनवरद वीडियो में कहता है, "मैं नहीं चाहता कि मेरी कब्र पर मातम मनाया जाए. मैं नहीं चाहता कि मेरी कब्र पर वो कुरान या नमाज पढ़ें. मैं चाहता हूं कि संगीत बजाकर जश्न मनाया जाए."
सुरक्षा बलों की हत्या का आरोप
माजीदरेजा रेहनवरद को यह सजा दो सुरक्षा बलों की हत्या करने के अलावा चार अन्य सुरक्षा बलों को घायल करने के आरोप में सुनाई गईं हैं. समाचार एजेंसी एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार, ओस्लो स्थित ईरानी ह्यूमन राइट्स के डायरेक्टर महमूद अमीरी ने कहा है कि केस ट्रायल के दौरान रेहनवरद को जुर्म कबूल करने के लिए मजबूर किया गया. अमीरी ने कहा कि रेहनवरद को गिरफ्तारी के 23 दिन बाद दी गई फांसी ईरानी नेताओं की ओर से किया गया गंभीर जुर्म है.
फांसी के बाद दी परिवार को जानकारी
इस विरोध प्रदर्शन पर नजर बनाए रखने वाली @1500tasvir_en ने ट्विटर पर लिखा है कि माजीदरेजा रेहनवरद के फांसी के बाद उसके परिवार को जानकारी दी गई. रेहनवरद और उसके परिवार के बीच पिछली मुलाकात की तस्वीर जारी करते हुए ट्वीट में लिखा गया है कि उसकी मां को इसका अंदाजा भी नहीं था कि उसका बेटा मरने वाला है.
महसा अमिनी के मौत के बाद से विरोध जारी
चार महीन पहले पुलिस कस्टडी में महसा अमिनी के मौत के बाद से ही ईरान में हिजाब विरोधी प्रदर्शन जारी है. कुर्दिश-ईरानी महिला महसा अमिनी को इस्लामिक ड्रेस कोड का उल्लंघन करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. 1979 के विरोध प्रर्दशन के बाद इस विरोध प्रदर्शन को सबसे बड़ा विरोध प्रदर्शन बताया जा रहा है.
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