भारतीय राजनयिकों ने छोड़ा पाकिस्तान, अटारी-वाघा बॉर्डर के रास्ते लौट आए इंडिया

सूत्रों भारतीय राजनयिकों के वापस लौटने की पुष्टि करते हुए कहा, 'इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग के 22 सदस्य भारत लौट आए हैं, जिनमें तीन राजनयिक भी शामिल हैं. सूत्रों ने ये भी बताया कि ये सभी लोग वाघा बॉर्डर के रास्ते भारत लौट आए हैं.' सूत्रों की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय राजनयिक राहुल कुमार राकेश ने प्रतिनिधिमंडल की रवानगी की देखरेख की जो दो चरणों में हुई.

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Border Security Force and Pakistani Rangers soldiers stand guard at Attari-Wagah international border. (PTI photo) Border Security Force and Pakistani Rangers soldiers stand guard at Attari-Wagah international border. (PTI photo)

aajtak.in

  • इस्लामाबाद,
  • 30 अप्रैल 2025,
  • अपडेटेड 3:09 PM IST

पहलगाम में आतंकी हमले के बाद पैदा हुए तनाव के बीच इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग के 22 सदस्यों ने पाकिस्तान छोड़ दिया है, जिनमें तीन राजनयिक भी शामिल हैं. सूत्रों का कहना है कि ये सभी राजनयिक अटारी-वाघा बॉर्डर के रास्ते भारत लौटे हैं.

बुधवार को सूत्रों भारतीय राजनयिकों के वापस लौटने की पुष्टि करते हुए कहा, 'इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग के 22 सदस्य भारत लौट आए हैं, जिनमें तीन राजनयिक भी शामिल हैं. सूत्रों ने ये भी बताया कि ये सभी लोग वाघा बॉर्डर के रास्ते भारत लौट आए हैं.'

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2 चरणों में हुई भारतीय राजनयिकों की वापसी

अंदरूनी सूत्रों की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय राजनयिक राहुल कुमार राकेश ने प्रतिनिधिमंडल की रवानगी की देखरेख की जो दो चरणों में हुई.

पहले चरण में एक भारतीय राजनयिक और आठ कर्मचारी तथा दो परिवार के सदस्य मंगलवार को वाघा के रास्ते भारत पहुंचे. तो दूसरे ग्रुप में दो और राजनयिक, 11 कर्मचारी तथा दो अतिरिक्त परिवार के सदस्य शामिल थे. ये सभी लोग बुधवार सुबह रवाना हो गए.

सूत्रों का कहना है कि इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग सीमित स्तर पर काम कर रहा है, क्योंकि स्थिति और बिगड़ने की आशंका के बीच एहतियाती उपाय लागू किए जा रहे हैं.

आपको बता दें कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी हाईकमीशन में तैनात पाकिस्तानी डिफेंस एडवाइजर्स को भारत छोड़ने के निर्देश दे दिया और उन्हें देश छोड़ने के लिए सिर्फ एक हफ्ते का समय दिया था. इसके अलावा दोनों हाई कमीशन में तैनात कर्मचारियों की संख्या को भी 55 से घटाकर 30 करने का निर्णय लिया गया था.

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