शेख हसीना की तरह क्या ओली भी मांगेंगे भारत से शरण? जानें- क्या कहते हैं एक्सपर्ट

नेपाल में मंगलवार को भी ‘Gen Z आंदोलन’ के तहत बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए. इसके चलते नेपाल में प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को इस्तीफा देना पड़ा. चर्चा है कि ओली कभी भी देश छोड़ सकते हैं. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि जिस तरह बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद शेख हसीना ने दिल्ली में शरण ली, वैसे केपी ओली ने भारत से शरण क्यों नहीं मांगी?

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नेपाल में उग्र प्रदर्शनों ने ओली को इस्तीफा देने पर मजबूर कर दिया (File Photo- ITG) नेपाल में उग्र प्रदर्शनों ने ओली को इस्तीफा देने पर मजबूर कर दिया (File Photo- ITG)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 09 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 9:29 PM IST

भारत के पड़ोसी मुल्क पिछले कुछ समय से लगातार राजनीतिक और सामाजिक उथल-पुथल से गुजर रहे हैं. पहले श्रीलंका में वित्तीय संकट और जनता के विरोध के चलते राजपक्ष परिवार का पतन हुआ, फिर बांग्लादेश में बड़े विरोध प्रदर्शन के चलते तख्तापलट हुआ. शेख हसीना को इस्तीफा देने के बाद देश छोड़कर भागना पड़ा और अब नेपाल में प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने लगातार विरोध प्रदर्शन के दबाव में इस्तीफा दे दिया.

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दरअसल, नेपाल में मंगलवार को भी ‘Gen Z आंदोलन’ के तहत बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए. प्रदर्शनकारियों ने ओली के निजी घर पर आग लगाई और राष्ट्रपति, पूर्व प्रधानमंत्री पुष्पकमल दहल, सूचना मंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरुंग, पूर्व गृह मंत्री रमेश लेखक और पूर्व प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा की संपत्तियों पर हमला किया.

अब चर्चा है कि इस्तीफा दे चुके पूर्व पीएम ओली कभी भी देश छोड़कर भाग सकते हैं. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि जिस तरह बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद शेख हसीना ने पड़ोसी देश भारत में ही शरण ली, वैसे केपी ओली ने भारत से शरण क्यों नहीं मांगी?

रक्षा विशेषज्ञ रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल एस एल नरसिम्हन ने बताया कि इस्तीफा दे चुके नेपाल के प्रधानमंत्री ओली ही अब ये तय करेंगे कि उन्हें कहां शरण लेनी है. हालांकि भारत आने के बारे में वह शायद नहीं सोंचेंगे क्योंकि जिस तरह से उन्होंने अपने पिछले कार्यकाल के दौरान मैप में बदलाव किए, उसके बाद विरोध के चलते वह भारत को अपना पहला विकल्प नहीं रखेंगे. वह किसी और देश में जाने के बारे में सोच रहे होंगे. वहीं भारत का रवैया रहेगा कि इस समस्या का हल नेपाल की जनता ही तय करे.

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भारत के पड़ोसी मुल्कों में लगातार हो रही उथल-पुथल पर एक्सपर्ट ने कहा कि नेपाल और बांग्लादेश की स्थिति करीब-करीब एक जैसी है. दोनों ही देशों में छात्रों के प्रदर्शन ने प्रधानमंत्री को इस्तीफा देने पर मजबूर कर दिया. नेपाल में पिछले 17 वर्षों से कोई भी पीएम अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सका. इसके चलते भी वहां एक अस्थिरता की स्थिति बनी हुई थी. लोगों में आक्रोश बढ़ता जा रहा था, जिसका परिणाम अब हो रहे हिंसक प्रदर्शन है.

चीन के करीबी रहे हैं ओली

ओली चीन के करीबी नेता माने जाते हैं. जुलाई 2024 में चौथी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद से ओली लगातार चीन के करीब जाते दिखे और भारत जैसे पारंपरिक सहयोगी से दूर होते गए. शपथ लेने के बाद उन्होंने अपनी पहली विदेश यात्रा पर भारत की बजाय चीन का रुख किया जबकि परंपरा हमेशा से भारत जाने की रही है. हाल ही में उन्होंने फिर से चीन का दौरा किया और शंघाई सहयोग संगठन (SCO) सम्मेलन में हिस्सा लिया. उन्होंने चीन के साथ कई समझौते किए, जैसे नेपाल-चीन रेलवे प्रोजेक्ट और ट्रांजिट ट्रिटी.

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