भारत के राजदूत नवीन श्रीवास्तव ने मंगलवार को नेपाल की नव-नियुक्त प्रधानमंत्री सुशीला कार्की से उनके कार्यालय सिंहदरबार में मुलाकात की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बधाई संदेश उन्हें पहुंचाया.
नेपाल के विदेश मंत्रालय ने X (पूर्व में ट्विटर) पर जानकारी देते हुए बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संदेश में सुशीला कार्की को अंतरिम सरकार की नेता बनने पर बधाई दी और भारत की ओर से दो पड़ोसी देशों के बीच मजबूत मित्रता और सहयोग के रिश्ते को और बढ़ाने की प्रतिबद्धता जताई.
सुशीला कार्की रविवार को नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं. उनके शपथ लेने से पहले प्रधानमंत्री के. पी. शर्मा ओली की सरकार युवाओं द्वारा नेतृत्व किए गए 'Gen-Z' विरोध प्रदर्शन और सोशल मीडिया पर सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के कारण राजनीतिक अस्थिरता का सामना कर रही थी.
नई सरकार का कार्यकाल ताजा संसदीय चुनाव कराने तक सीमित है, जो 5 मार्च, 2026 को निर्धारित हैं.
सुशीला कार्की ने रचा इतिहास
12 सितंबर 2025 का दिन नेपाल के लिए ऐतिहासिक रहा. पहली बार नेपाल की कमान किसी महिला को सौंपी गई. Gen-Z के समर्थन पर सुशीला कार्की नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं. सुशीला कार्की 2016 में नेपाल की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश बनी थीं. इसके बाद 2017 में ही सरकार ने इन पर महाभियोग चलाकर इनके पद से हटा दिया था.
सुशीला कार्की ने भारत के बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) से भी डिग्री हासिल की हैं. उन्होंने यहां से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की हैं.
कार्की ने अपना करियर एक शिक्षिका के रूप में शुरू किया था. उन्होंने अपने न्यायिक कार्यकाल के दौरान कई साहसिक फैसले लिए थे. कार्की 2006 में देश के संविधान मसौदा समिति में भी शामिल रही थीं. इसके बाद 2009 में उन्हें नेपाल के सर्वोच्च न्यायालय में एक एडहॉक न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था. कार्की 2010 में स्थायी न्यायाधीश बनीं थीं.
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