पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और PTI प्रमुख इमरान खान की बहनों नौरीन, अलीमा और उजमा खान ने मंगलवार को अदियाला जेल के बाहर अचानक धरना देकर सुरक्षा एजेंसियों और सरकार के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए. तीनों बहनें अपनी साप्ताहिक मुलाकात के लिए रावलपिंडी स्थित जेल पहुंची थीं, लेकिन चेकपॉइंट पर ही उन्हें रोक दिया गया.
अलीमा खान ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि वे पिछले आठ महीनों से नियमित रूप से जेल आ रही हैं, लेकिन लगातार उन्हें मिलने नहीं दिया जाता. उन्होंने आरोप लगाया, "इमरान खान को अवैध आइसोलेशन में रखा गया है. उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है. सरकार और एजेंसियां इन अत्याचारों को तुरंत बंद करें."
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हालात तब और गंभीर हो गई जब PTI के वरिष्ठ नेता सेक्रेटरी जनरल सलमान राजा और खैबर पख्तूनख्वाह के चीफ जावेद अकबर खान भी धरने में शामिल हो गए. इसके बाद जेल परिसर के बाहर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया.
इमरान की बहनें मुलाकात के निर्धारित समय के बाद पहुंचीं!
जेल प्रशासन का कहना है कि बहनें निर्धारित समय के बाद पहुंचीं, इसलिए मुलाकात की अनुमति नहीं दी गई. लेकिन बहनों और PTI नेताओं ने इस दलील को राजनीतिक बहाना बताते हुए कहा कि सरकार इमरान खान को पूरी तरह "अकेला" रखने की रणनीति अपना रही है.
यह विवाद तब और गहरा गया जब कुछ दिन पहले उजमा खान को 20 मिनट की मुलाकात की इजाज़त मिली थी. उजमा ने बाहर आकर दावा किया था कि इमरान खान शारीरिक रूप से ठीक हैं, लेकिन उन पर "मानसिक दबाव" डाला जा रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि इमरान ने सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर पर उनके खिलाफ अभियान चलाने का आरोप लगाया है.
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मुलाकात रोकना राजनीतिक दबाव का हिस्सा
सेना ने इन आरोपों का तीखा जवाब दिया था. हाल ही की प्रेस कॉन्फ्रेंस में सेना के प्रवक्ता ने बिना नाम लिए इमरान खान को "आत्ममुग्ध और मानसिक रूप से बीमार" बताया था. अदियाला जेल के बाहर शुरू हुआ यह धरना अब सरकार बनाम PTI की एक और बड़ी लड़ाई में बदल गया है. PTI का आरोप है कि मुलाकात रोकना राजनीतिक दबाव का हिस्सा है, जबकि सरकार का कहना है कि परिवारिक मुलाकातों का इस्तेमाल राजनीतिक संदेशों के लिए किया जा रहा है.
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