ट्रंप की नई कैबिनेट में एक और भारतवंशी की एंट्री, हरमीत ढिल्लों चुनी गईं असिस्टेंट अटॉर्नी जनरल

डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में ढिल्लों की सराहना की. उन्होंने कहा कि ढिल्लों ने फ्री स्पीच सेंसरशिप के लिए आवाज उठाते हुए टेक कंपनियों को आडे़ हाथों लिया. इतना ही नहीं उन्होंने अपने सहकर्मियों के साथ भेदभाव करने वाली नीतियों को लेकर कॉरपोरेट के खिलाफ कानूनी मुकदमा भी दर्ज कराया है. 

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हरमीत के. ढिल्लों हरमीत के. ढिल्लों

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 10 दिसंबर 2024,
  • अपडेटेड 7:37 AM IST

अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक और भारतवंशी को अपनी नई कैबिनेट में बड़ी जिम्मेदारी दी है. उन्होंने भारतवंशी अमेरिकी वकील हरमीत के. ढिल्लों को न्याय विभाग में असिस्टेंट अटॉर्नी जनरल के तौर पर चुना गया है. 

ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में ढिल्लों की सराहना की. उन्होंने कहा कि ढिल्लों ने फ्री स्पीच सेंसरशिप के लिए आवाज उठाते हुए टेक कंपनियों को आडे़ हाथों लिया. इतना ही नहीं उन्होंने अपने सहकर्मियों के साथ भेदभाव करने वाली नीतियों को लेकर कॉरपोरेट के खिलाफ कानूनी मुकदमा भी दर्ज कराया है. 

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ट्रंप ने कहा कि हरमीत देश की शीर्ष इलेक्शन अटॉर्नी में से एक हैं. वह सिख समाज से जुड़ी हुई हैं. न्याय विभाग में नई भूमिका के साथ वह संवैधानिक अधिकारों की रक्षक भी होंगी.  

कौन हैं हरमीत के. ढिल्लों

हरमीत ढिल्लों का जन्म दो अप्रैल 1969 को चंडीगढ़ में हुआ था. वह जब दो साल की थीं तो उनका परिवार चंडीगढ़ से अमेरिका शिफ्ट हो गया था. उनका लालन-पालन अमेरिका के नॉर्थ कैरोलिना में हुआ. लेकिन बाद में वह न्यूयॉर्क सिटी शिफ्ट हो गईं.

हरमीत ने डार्थमाउथ कॉलेज से अंग्रेजी में ग्रेजुएट किया. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत लॉ क्लर्क के तौर पर की. उन्होंने बाद में वह न्याय विभाग के कॉन्स्टीट्यूशनल टॉर्ट्स सेक्शन के लिए काम किया. बाद में उन्होंने 2006 में अपनी खुद की लॉ फर्म ढिल्लों लॉ ग्रुप की स्थापना की.

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ढिल्लों उस समय पॉपुलर हुई थीं, जब राष्ट्रपति चुनाव के दौरान रिपब्लिकन नेशनल कन्वेंशन (RNC) के दौरान उन्होंने अरदास किया था. उस समय ट्रंप भी वहां मौजूद थे. 

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