22 शहरों में तबाही, मिलिट्री स्टेशनों में दरिंदगी... इजरायल में और भी खतरनाक था हमास का 7 अक्टूबर प्लान

अमेरिकी अखबार द वाशिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि 7 अक्टूबर को हमास की मूल योजना सिर्फ गाजा सीमा के समीप नरसंहार करना ही नहीं था, बल्कि उसने वेस्ट बैंक के साथ सटी इजरायली सीमा से भी हमला करने की योजना को बना रखी थी.

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हमास ने 7 अक्टूबर को इजरायल में जल, थल और नभ से एकसाथ किया था हमला हमास ने 7 अक्टूबर को इजरायल में जल, थल और नभ से एकसाथ किया था हमला

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 13 नवंबर 2023,
  • अपडेटेड 12:27 PM IST

इजरायल में 7 अक्टूबर के लिए हमास का प्लान सिर्फ गाजा की सीमा से सटे इलाकों में हमला करना नहीं था बल्कि उसका प्लान वेस्ट बैंक के साथ भी हमला जारी रखना था. द वाशिंगटन पोस्ट ने इसे लेकर पश्चिमी और मध्य पूर्वी सुरक्षा अधिकारियों के हवाले अपनी रिपोर्ट में कई खुलासे किए हैं.

बड़े पैमाने पर बनाई थी योजना

यह जानकारी गाजा सीमा क्षेत्र में मारे गए हमास आतंकवादियों के शवों के बीच पाए गए कई मैप्स (नक्शे), नोट्स, सामान और अन्य लिखित निर्देशों के साथ-साथ हमास बंदियों से पूछताछ से मिली है. रक्षा मंत्री योव गैलेंट ने द वाशिंगटन पोस्ट को बताया, 'हमें पूछताछ से पता चला है कि हमास ने बड़े पैमाने पर हमले की योजना बनाई थी, जिसमें यह भी शामिल था कि किस कमांडर को अलग- अलग जगहों पर किन-किन महिला सैनिकों के साथ रेप करना है.'

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हमास ने बरपाया था कहर

हमास ने जब 7 अक्टूबर को इजरायल में हमला किया था तो उसने पहले हजारों रॉकेट इजरायल में छोड़े और फिर जल, थल और नभ से घुसपैठ को अंजाम दिया. इस दौरान वह दिनभर गाजा सीमा के पास कम से कम 22 इजरायली कस्बों और सैन्य चौकियों पर कहर बरपाने ​​में कामयाब रहे और लगभग 1,200 से अधिक इजरायली नागरिकों को मार डाला. बंधकों के रूप में सैकड़ों इजरायली लोगों का अपहरण कर लिया. हमास के आतंकवादी पश्चिमी नेगेव में ओफ़ाकिम शहर में घुसपैठ करने में कामयाब रहे जहां से गाजा और वेस्ट बैंक के बीच दूरी लगभग आधी है.

वाशिंगटन पोस्ट के मुताबिक, सबूतों से पता चलता है हमास के आतंकी प्रमुख शहरों और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की योजना बना रहे थे. वो वेस्ट बैंक तक पहुंच सकते थे, जहां हमास को  कई स्थानीय सशस्त्र सहयोगियों का समर्थन प्राप्त है. 

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हमास गोपनीय तरीके से कर रहा था तैयारी

यह तब भी हुआ है जब इजरायल का ध्यान गाजा और हमास से हट गया था, विशेष रूप से 2021 में लड़ाई के आखिरी दौर के बाद ऐसा हुआ. इससे हमास को ना केवल समय मिल गया बल्कि उसे अपनी योजना को सावधानीपूर्वक और व्यवस्थित तरीके से आतंकवादियों को प्रशिक्षित करने और अत्यंत गोपनीयता में खुफिया जानकारी इकट्ठा करने में मदद भी मिल गई.

इजरायली राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के पूर्व उप प्रमुख एरन एट्ज़ियन ने कहा, 'वे रणनीतिक स्तर पर इजरायल को धोखा दे रहे थे, हैंडहेल्ड रेडियो, सुरंगों में भूमि-तार नेटवर्क का उपयोग कर रहे थे जिन्हें हम नहीं सुन सकते थे. वे तथाकथित खुले नेटवर्क पर कोड का उपयोग कर रहे थे क्योंकि वे जानते थे कि हम उन्हें सुन रहे हैं. वे एक वैकल्पिक वास्तविकता की तैयारी कर रहे थे.' रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि वो जानते थे कि इजरायल के द्वारा उन्हें  इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी.

इजरायल की प्रतिक्रिया का था अंदेशा

एक वरिष्ठ इजरायली सैन्य अधिकारी ने  वाशिंगटन पोस्ट को बताया, 'उन्हें अच्छी तरह पता था कि अगले दिन गाजा का क्या होगा. वे गाजा में कई लोगों की जान की कीमत पर इतिहास में अपनी जगह यानि जिहाद का स्थान बनाना चाहते थे.' हालांकि, हमास को इजरायल की इस स्तर की प्रतिक्रिया की उम्मीद थी लेकिन अमेरिका की भागीदारी से वह हैरान था.

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हमास के राजनीतिक नेतृत्व के वरिष्ठ सदस्य अली बराके ने अक्टूबर के अंत में द फाइनेंशियल टाइम्स को बताया था कि इजरायली प्रतिक्रिया की हमें इसकी उम्मीद थी. लेकिन अब हम जो देख रहे हैं वह लड़ाई में अमेरिका का एंट्री हो गई है और हमें इसका अंदाजा नहीं था. 

हमास के नरसंहार के ठीक एक दिन बाद, अमेरिका ने एक कैरियर स्ट्राइक ग्रुप भेजा था जिसमें दुनिया का सबसे बड़ा विमानवाहक पोत, यूएसएस गेराल्ड आर. फोर्ड शामिल था, जो इजरायल के करीब ही मौजूद था. बाद में अमेरिका ने  लेफ्टिनेंट-जनरल को भी भेजा और थ्री-स्टार मरीन जनरल जेम्स ग्लिन और अन्य सैन्य अधिकारियों ने इजरायल को गाजा पट्टी में जमीनी हमले की योजना बनाने में मदद की.

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