एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग खाद्य सामग्रियों से भरे जिस जहाज को लेकर गाजा आ रही थी उसे इजरायली कमांडो ने जब्त कर लिया है. रविवार को भूमध्य सागर में हाई वोल्टेज ड्रामा हुआ. इस जहाज पर सवार यूरोपियन संसद की सदस्य रीमा हसन नाम ने कहा कि इजरायली कमांडो ने पूरे क्रू को अंतर्राष्ट्रीय जल क्षेत्र में गिरफ्तार कर लिया है. रीमा हसन ने कुछ तस्वीरें एक्स पर जारी की हैं जिसमें क्रू के सदस्यों को लाइफ जैकेट में देखा जा सकता है, इस तस्वीर में क्रू के सदस्य हाथ ऊपर किए हुए दिख रहे हैं. एक तस्वीर में ग्रेटा भी दिख रही हैं.
बता दें कि 22 साल की स्वीडिश पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग 1 जून 2025 को फिलीस्तीन के पक्ष में काम करने वाले संगठन फ्रीडम फ्लोटिला कोएलिशन (FFC) के जहाज मैडलीन पर सवार होकर गाजा के लिए रवाना हुईं थी. यह जहाज इटली के सिसिली के कटानिया बंदरगाह से निकला था.
इस ऑपरेशन को लेकर FFC ने कहा, "क्वाडकॉप्टर जहाज को घेर रहे हैं और उस पर सफेद रंग जैसा पदार्थ छिड़क रहे हैं. संचार बाधित है और रेडियो पर परेशान करने वाली आवाजें आ रही हैं."
इजरायल के विदेश मंत्रालय द्वारा पोस्ट किए गए एक वीडियो में नौसेना के एक कर्मचारी को जहाज को रेडियो संदेश भेजते हुए दिखाया गया है, जिसमें कहा गया है कि "गाजा के तट से दूर समुद्री क्षेत्र बंद कर दिया गया है."
नाव से लाइवस्ट्रीम किए गए एक वीडियो में, कार्यकर्ता यास्मीन अकार ने डेक पर एक सफेद पदार्थ दिखाया और कहा कि इसे जहाज पर गिराया गया था. बाद में अकार को यह कहते हुए सुना गया कि इससे उनकी आंखों पर असर पड़ रहा है.
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FFC समूह ने टेलीग्राम पर एक वीडियो भी पोस्ट किया, जिसमें चालक दल के सदस्य नाव के अंदर हाथ ऊपर करके बैठे हुए दिखाई दे रहे हैं.
जहाज से संपर्क टूटने के बाद FFC ने थनबर्ग और जहाज पर मौजूद अन्य लोगों के पहले से रिकॉर्ड किए गए वीडियो संदेश पोस्ट करना शुरू कर दिया. थनबर्ग ने अपने वीडियो में कहा, "अगर आप यह वीडियो देखते हैं, तो हमें इजरायली कब्जे वाले बलों या इजरायल का समर्थन करने वाले बलों द्वारा अंतर्राष्ट्रीय जल में रोका गया और अपहरण कर लिया गया है."
इस मानवीय जहाज का कथित उद्देश्य इजरायल की नौसैनिक नाकाबंदी तोड़कर गाजा में मानवीय सहायता पहुंचाना और वहां के मानवीय संकट को वैश्विक मंच पर उजागर करना था. जहाज पर 12 कार्यकर्ता, जिनमें फ्रांसीसी सांसद रीमा हसन और अभिनेता लियाम कनिंघम शामिल थे. इस जहाज में राहत सामग्री जैसे बेबी फॉर्मूला, चावल और चिकित्सा उपकरण लोड है.
ग्रेटा ने तब कहा था, “हम यह कर रहे हैं क्योंकि चुप रहना मानवता खोने जैसा है.” यह यात्रा जोखिम भरी थी, क्योंकि मई में फ्लोटिला के एक अन्य जहाज कॉन्शियंस पर ड्रोन हमला हुआ था, जिसके लिए कार्यकर्ताओं ने इजरायल को जिम्मेदार ठहराया.
इजरायल ने पहले ही मैडलीन को गाजा पहुंचने से रोकने की धमकी दे रखी थी. 7 जून को जहाज मिस्र के तट तक पहुंचा, लेकिन इजरायली सेना ने इसे रोकने की योजना बनाई थी.
एक्स पर कई पोस्ट में हसन ने कहा कि फ्रीडम फ्लोटिला के चालक दल को इजरायली सेना ने अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में रात करीब 2 बजे गिरफ्तार कर लिया.
एफएफसी ने टेलीग्राम ऐप पर कहा कि मैडलीन पर "संपर्क टूट गया है", और कहा कि यात्रियों को इजरायली बलों द्वारा "अपहरण" कर लिया गया है.
इस बीच इजरायल का विदेश मंत्रालय जहाज मैडलीन को "सेलिब्रिटीज की सेल्फी नौका" कहता आ रहा है. इजरायल का कहना है कि ये नौका इजरायल के तट पर पहुंच रही है. तेल अवीव ने पोत पर यात्रा कर रहे कार्यकर्ता पर प्रचार पाने के लिए मीडिया में उकसावे का प्रयास करने का आरोप लगाया और कहा कि मैडलीन के यात्रियों के अपने देश लौटने की उम्मीद है. इजरायल का कहना है कि ग्रेटा का एकमात्र उद्देश्य पब्लिसिटी हासिल करना था.
इजरायल ने कहा कि पिछले दो हफ्तों में इजरायल से 1,200 से अधिक सहायता ट्रक गाजा में प्रवेश कर चुके हैं, और इसके अलावा, गाजा मानवतावादी फाउंडेशन ने गाजा में नागरिकों को सीधे 11 मिलियन भोजन पैकेट वितरित किए हैं.
इजरायल ने कहा है, "गाजा पट्टी में सहायता पहुंचाने के कई तरीके हैं - इसमें इंस्टाग्राम सेल्फी शामिल नहीं है."
बता दें कि हमास पर दबाव बनाने के लिए इजरायल ने ढाई महीने से ज़्यादा समय तक पूरी नाकाबंदी लागू करने के बाद पिछले महीने गाजा में सीमित मानवीय सहायता गाजा में जाने दे रहा है. हालांकि राहत संगठनों ने चेतावनी दी है कि जब तक घेराबंदी पूरी तरह से नहीं हटाई जाती और सैन्य अभियान बंद नहीं किए जाते, तब तक यह क्षेत्र अकाल के कगार पर है.
गौरतलब है कि अभी भी 50 से ज्यादा इजरायली बंधक आतंकी संगठन हमास के कब्जे में हैं.
यह कार्रवाई इजरायल के रक्षा मंत्री इजरायल कैट्ज द्वारा मैडलीन को गाजा पहुंचने से रोकने के लिए "सभी आवश्यक उपाय करने" की धमकी देने के कुछ घंटों बाद की गई. इजरायल ने कहा कि 2007 से लागू की गई उसकी नाकाबंदी का उद्देश्य गाजा में हमास के आतंकवादियों तक हथियारों को पहुंचने से रोकना था.
इजरायली दूतावास के प्रवक्ता गाय नीर ने कहा है कि यह सहायता नहीं बल्कि प्रचार का हथकंडा है। उनके पास 100 पाउंड से भी कम सहायता है. यह गाजा में हर दिन सफलतापूर्वक पहुंचाई जा रही सहायता का एक छोटा सा हिस्सा है."
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