तालिबान पर आगबबूला हुए G-7 देश, महिला कर्मचारियों पर बैन के फैसले को वापस लेने को कहा

G-7 देशों के विदेश मंत्रियों का कहना है कि तालिबान का यह हालिया आदेश महिलाओं की आजादी और उनके अधिकारों को सीमित करने वाला है. तालिबान के इस कदम की इस्लामिक देशों के संगठन भी आलोचना कर चुके हैं. दरअसल तालिबान ने अफगानिस्तान में घरेलू और विदेशी एनजीओ में महिलाओं के काम करने पर रोक लगा दी थी.

Advertisement
सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 29 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 4:07 PM IST

तालिबान ने अफगानिस्तान में महिलाओं के घरेलू और विदेशी एनजीओ में काम करने पर बैन लगा दिया था, जिसके बाद इस फैसले को दुनियाभर में आड़े हाथों लिया गया. अब G-7 देशों के विदेश मंत्रियों ने तालिबान पर भड़कते हुए इस फैसले को वापस लेने को कहा है. 

G-7 देशों के विदेश मंत्रियों का कहना है कि तालिबान का यह हालिया आदेश महिलाओं की आजादी और उनके समान अधिकारों को सीमित करने वाला है.

Advertisement

ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, ब्रिटेन और अमेरिका सहित कई यूरोपीय देशों के विदेश मंत्रियों ने तालिबान के इस फैसले को खतरनाक बताते हुए तालिबान से अपने इस फैसले को तुरंत वापस लेने को कहा है. 

बता दें कि इससे पहले कई अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों ने भी तालिबान के इस फैसले की आलोचना करते हुए इस फैसले को वापस लेने को कहा था. 

क्या था तालिबान का तुगलकी फरमान?

तालिबान ने महिलाओं के अधिकारों पर नकेल कसते हुए एक तुगलकी फरमान जारी करते हुए घरेलू और बाहरी एनजीओ में उनके काम करने पर प्रतिबंध लगा दिया था. इसके साथ ही तालिबान ने इन एनजीओ को आदेश दिए थे कि वे महिलाओं की भर्ती नहीं करें. 

वहीं, तालिबान ने देश के सभी निजी और सरकारी यूनिवर्सिटीज में महिलाओं के प्रवेश पर भी रोक लगा दी थी. इससे पहले तालिबान ने पुरुषों के साथ महिलाओं के पढ़ने पर भी बैन लगाया था. 

Advertisement

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement