अमेरिका जाने से कतरा रहे विदेशी छात्र, भारत से आई 44.5% कमी, US कॉलेजों को अरबों डॉलर का घाटा

पिछले साल अगस्त की तुलना में, अमेरिका में छात्रों को भेजने वाले शीर्ष देशों में गिरावट दर्ज की गई. चीन से आने वाले छात्रों की संख्या में में 12.4 प्रतिशत, भारत से आने वाले छात्रों की संख्या में 44.5 प्रतिशत और दक्षिण कोरिया में आने वाले छात्रों की संख्या में 10.9 प्रतिशत की गिरावट आई है.

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 अमेरिका में विदेशी छात्रों का आना कम हो गया है. (Photo: ITG GFX) अमेरिका में विदेशी छात्रों का आना कम हो गया है. (Photo: ITG GFX)

अंकिता तिवारी

  • नई दिल्ली,
  • 23 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 9:30 PM IST

एच-1बी वीजा की फीस में बढ़ोतरी से अमेरिका में काम करने वाले विदेशी नागरिकों की संख्या में निश्चित रूप से कमी आएगी. साथ ही, देश में विदेशी छात्रों का आना भी कम हो रहा है. इस साल अगस्त में, पिछले साल की तुलना में अंतरराष्ट्रीय छात्रों के आगमन में 19 प्रतिशत की गिरावट आई, जिससे अगस्त में छात्रों का आगमन 4 सालों में सबसे कम रहा. अगस्त आमतौर पर विदेशी छात्रों के अमेरिका आने के लिहाज से एक महत्वपूर्ण महीना होता है, क्योंकि अधिकतर छात्र एकेडमिक कैलेंडर शुरू होने के साथ ही आते हैं.

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साल 2019 में 4,00,000 से ज्यादा विदेशी छात्र अमेरिका आए थे, लेकिन 2020 में कोरोना महामारी के कारण यह संख्या घटकर सिर्फ 53,000 रह गई. अगले वर्षों में इसमें सुधार हुआ, लेकिन अब यह वृद्धि फिर से धीमी हो गई है. 2024 में 3,87,000 विदेशी छात्र अमेरिका आए थे और 2025 में यह घटकर 3,13,000 रह गया. 

इंटरनेशनल ट्रेड इंफॉर्मेशन (जो अमेरिका में आने वाले विदेशी लोगों पर नजर रखता है) के आंकड़ों के अनुसार, इस साल अगस्त लगातार 5वां महीना था, जिसमें विदेशी छात्रों के अमेरिका आने में गिरावट दर्ज की गई.

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, सबसे ज्यादा गिरावट एशिया से आई है, जहां से सबसे ज्यादा छात्र अमेरिका आते हैं. अगस्त में, अमेरिका आने वाले विदेशी छात्रों का सबसे बड़ा स्रोत चीन था, उसके बाद भारत से 41,500 से ज्यादा छात्र अमेरिका आए और दक्षिण कोरिया से 16,000 से ज्यादा छात्र आए.

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पिछले साल अगस्त की तुलना में, अमेरिका में छात्रों को भेजने वाले शीर्ष देशों में गिरावट दर्ज की गई. चीन से आने वाले छात्रों की संख्या में में 12.4 प्रतिशत, भारत से आने वाले छात्रों की संख्या में 44.5 प्रतिशत और दक्षिण कोरिया में आने वाले छात्रों की संख्या में 10.9 प्रतिशत की गिरावट आई है. शीर्ष दस देशों में सबसे ज्यादा गिरावट भारत से अमेरिका आने वाले छात्रों में आई.

जनवरी में भारतीय छात्रों के आगमन में मामूली गिरावट आई, जो 3.7 प्रतिशत थी. मार्च में यह बढ़कर 5.1 प्रतिशत हो गई. लेकिन जून तक, भारत से अमेरिका आने वाले छात्रों की संख्या में 41 प्रतिशत की कमी आई, और जुलाई में यह गिरावट 46 प्रतिशत तक पहुंच गई.

ब्लूमबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि अमेरिका आने वाले विदेशी छात्र हर साल यहां ट्यूशन फीस, रहने और जीवन-यापन की लागत में अरबों डॉलर का योगदान करते हैं. अगस्त में लगभग पांचवें हिस्से की गिरावट का मतलब है कि कॉलेजों को ऐसे समय में कम राजस्व का सामना करना पड़ रहा है जब लागत बढ़ रही है. छोटे विश्वविद्यालय, जो विदेशी छात्रों के एनरोलमेंट पर बहुत अधिक निर्भर हैं, इस कमी को पूरा करने में संघर्ष कर सकते हैं. 

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राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की 'अमेरिका फर्स्ट' पॉलिसी ने इमिग्रेशन से जुड़ी नई बाधाएं पैदा की हैं, और समर एडमिशन सेशन के दौरान किए गए उपायों ने कई छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए अमेरिका को चुनने से हतोत्साहित किया है. इस कारण अमेरिकी विश्वविद्यालयों को अरबों डॉलर के राजस्व का नुकसान हो रहा है.
 

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