इस देश में गुस्साए किसान सड़कों पर उतरे, ट्रैक्टर्स से संसद घेरने की कोशिश

ट्रैक्टर्स के साथ किसानों का काफिला गुरुवार तड़के बेल्जियम पहुंचा. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रदर्शन कर रहे किसानों ने पुलिस पर अंडे और पटाखे फेंके. इसके जवाब में सुरक्षाबलों ने किसानों पर पानी की बौछार की.

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किसानों का प्रदर्शन किसानों का प्रदर्शन

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 01 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 7:45 PM IST

यूरोप के कई देशों में किसान सड़कों पर उतर आए हैं. बेल्जियम में हजारों की संख्या में किसानों ने यूरोपीय संसद के बाहर प्रदर्शन किया. ये किसान बढ़े हुए टैक्स और ईंधन की बढ़ी हुई कीमतों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं. किसानों का ये प्रदर्शन ऐसे समय में हो रहा है, जब ब्रसेल्स में एक महत्वपूर्ण बैठक हो रही है. 

ट्रैक्टर्स के साथ किसानों का काफिला गुरुवार तड़के बेल्जियम की राजधानी ब्रसेल्स पहुंचा. इन किसानों ने ट्रैक्टर्स से यूरोपीय संसद की इमारत को ब्लॉक करने की कोशिश की. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस बीच प्रदर्शन कर रहे किसानों ने पुलिस पर अंडे और पटाखे फेंके. इसके जवाब में सुरक्षाबलों ने किसानों पर पानी की बौछार की.

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बेल्जियम के प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए बताया कि हमें हमारे किसानों की कड़ी मेहनत के लिए उनके उचित मुआवजा देने के लिए काम करना चाहिए. हमें किसानों पर पड़ रहे प्रशासनिक बोझ को कम करना होगा.

जर्मनी में भी किसानों का प्रदर्शन

एक और यूरोपीय देश जर्मनी में बड़ी संख्या में किसान सड़कों पर हैं. किसानों को दी जाने वाली सब्सिडी में कटौती के विरोध में देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं. राजधानी बर्लिन से लेकर कई बड़े शहरों में किसानों ने सड़कें जाम की जा रही हैं. किसान सड़कों पर खाद फैलाकर प्रदर्शन कर रहे हैं.

जर्मनी की सरकार ने पिछले साल दिसंबर में किसानों को दी जाने वाली सब्सिडी में कटौती कर दी थी. कृषि क्षेत्र में इस्तेमाल डीजल पर दिए जाने वाले टैक्स रीफंड, ट्रैक्टर्स पर टैक्स छूट को खत्म कर दिया गया था. इसके लिए सरकारी पैसे की बचत का हवाला दिया गया.

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फ्रांस में मैक्रों से भी नाराज हैं किसान

फ्रांस में भी किसानों का प्रदर्शन जारी है. किसानों का कहना है कि वे कम उपभोक्ता कीमतों से परेशान हैं और सरकार से कीमतें बढ़ाने की मांग की है. किसानों का आरोप है कि महंगाई को कम करने के लिए सरकार ने खाद्य कंपनियों पर कीमतें कम करने का दबाव बनाया था. कीमतें कम करने की वजह से किसानों की आय प्रभावित हुए, जिससे किसानों का गुस्सा भड़क उठा.

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